जयपुर न्यूज: मरूधरा डार्क जोन में नजर आ रही है क्योंकि जमीन के पानी का स्तर लगातार गिर रहा है. बता दें कि 9 जिलों में 100 प्रतिशत भूजल डार्क जोन में हैं.
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Jaipur: राजस्थान में भूजल स्तर लगातार गिरता जा रहा है.जिससे पानी का संकट बढ़ रहा है. भूजल विभाग की रिपोर्ट्स के मुताबिक प्रदेश के 70 प्रतिशत ब्लॉक्स डार्क जोन में चले गए. ऐसे में आने वाले भविष्य में जलसंकट की स्थिति और ज्यादा बढ़ सकती है.
मरूधरा में गर्मी बढ़ती जा रही है,इसी तपिश के बीच भूजल संकट भी बढ़ता जा रहा है. राजस्थान के 70 प्रतिशत ब्लॉक्स डार्क जोन में चले गए हैं. 295 में से 203 पंचायत समितियां में भूजल का अतिदोहन हो रहा है.अतिदोहन का मतलब ये होता है जिन इलाकों में जमीन के नीचे से पानी तो अधिक ले रहे है लेकिन जमीन में पानी कम रिचार्ज हो रहा है. 2013 में डार्क जोन की संख्या 164 थी,जो 2017 में बढ़कर 185 हो गई और अब ये आकंड़ा 203 तक पहुंच गया है. अब राजस्थान में सिर्फ 37 ब्लॉक ही सुरक्षित बचे हैं. पिछले तीन दशकों में भूजल में मरूधरा की तस्वीर ही बदल गई. भूजल का दोहन 3 दशकों में 35 से बढ़कर 115 प्रतिशत तक पहुंच गया है. लेकिन फिर भी प्रदेश में निजी ट्यूबवेल खोदने की पाबंदी नहीं लगाई जा रही है.
भूजल की तस्वीर पर एक नजर
भूजल श्रेणी तीन दशक पहले ब्लॉक की स्थिति आज ब्लॉक की स्थिति
सुरक्षित 203 37
अद्ध संवेदनशील 10 29
संवदेनशील 11 23
अतिदोहित 12 203
कुल 236 295
भूजल दोहन प्रतिशत 35% 150%
राजस्थान के 9 जिलों में 100 प्रतिशत भूजल डार्क जोन में हैं. सबसे ज्यादा अलवर में सभी 14 ब्लॉक डार्क जोन में शामिल है.भीलवाड़ा में 12,चितौडगढ़ में 11,दौसा में 6 ब्लॉक डार्क जोन में है. वहीं जैसलमेर में 3,जालौर में 7 ब्लॉक,झुन्झून में 8 ब्लॉक अतिदोहित हैं.राजधानी जयपुर में 15 में से 14 ब्लॉक डार्क जोन में चले गए हैं.भूजल स्तर को बढ़ाने के लिए केवल सरकार ही या प्रशासन की ही नहीं,बल्कि आम लोगों की भी जिम्मेदारी है.इसलिए इन गर्मियों में पानी को सोच समझकर इस्तेमाल करिए.
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