Jaipur: दूसरे विषयों के पदों पर दी नियुक्ति तो उर्दू के लिए क्यों नहीं,हाईकोर्ट ने मांगा जवाब
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Jaipur: दूसरे विषयों के पदों पर दी नियुक्ति तो उर्दू के लिए क्यों नहीं,हाईकोर्ट ने मांगा जवाब

Jaipur news:  राजस्थान हाईकोर्ट ने महात्मा गांधी राजकीय अंग्रेजी माध्यम स्कूल में उर्दू विषय के शिक्षकों के लिए परीक्षा आयोजित करने के बाद भी नियुक्ति नहीं देने पर राज्य सरकार से जवाब मांगा है.

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Jaipur news: राजस्थान हाईकोर्ट ने महात्मा गांधी राजकीय अंग्रेजी माध्यम स्कूल में उर्दू विषय के शिक्षकों के लिए परीक्षा आयोजित करने के बाद भी नियुक्ति नहीं देने पर राज्य सरकार से जवाब मांगा है. अदालत ने शिक्षा सचिव, माध्यमिक शिक्षा निदेशक और झुंझुनूं जिला शिक्षा अधिकारी से पूछा है कि क्यों ना परीक्षा में सफल अभ्यर्थियों को नियुक्ति दी जाए. हाईकोर्ट की एकलपीठ ने यह आदेश अशफाक उल्लाह चौहान व अन्य की ओर से दायर याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए.

अभ्यर्थियों को नियुक्ति ना करने का मामला 
 याचिका में अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने अदालत को बताया कि राज्य सरकार ने गत 17 जून को महात्मा गांधी राजकीय अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में शिक्षकों के रिक्त पदों के लिए आवेदन मांगे. जिसमें याचिकाकर्ताओं ने उर्दू विषय के लिए आवेदन किय. विभाग की ओर से गत 10 अगस्त को आवेदन करने वाले शिक्षकों की लिखित परीक्षा ली. इस परीक्षा में अभ्यर्थियों को तीस अंकों में से न्यूनतम 12 अंक हासिल करने थे.

अन्य विषय में अभ्यर्थियों का चयन कर नियुक्ति भी दे
 याचिकाकर्ताओं ने परीक्षा में 22 अंक से अधिक प्राप्त किए. याचिका में कहा गया कि इन स्कूलों के प्राचार्य, वरिष्ठ अध्यापक और अंग्रेजी, गणित और विज्ञान विषय के लिए आवेदन करने वाले सफल शिक्षक अभ्यर्थियों का चयन कर नियुक्ति भी दे दी. इसके बावजूद उर्दू विषय के लिए आयोजित परीक्षा के सफल अभ्यर्थियों की काउंसलिंग नहीं कराई गई है. जबकि दूसरे विषय के लिए सफल हुए शिक्षक अभ्यर्थियों के अंक याचिकाकर्ताओं से काफी कम हैं.

उर्दू विषय के सफल अभ्यर्थियों की काउंसलिंग नहीं
 याचिका में गुहार की गई है कि सफल अभ्यर्थियों की काउंसलिंग कर उन्हें उनके गृह जिले में नियुक्ति दी जाए। जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है. गौरतलब है कि राज्य सरकार ने विद्यार्थियों के अंग्रेजी भाषा के स्तर को सुधारने के लिए अंग्रेजी माध्यम स्कूलों की स्थापना की है. जिसमें विद्यार्थियों को पढाने के लिए सरकारी स्कूलों में अध्यापन करा रहे शिक्षकों को लिखित परीक्षा/साक्षात्कार के जरिए चयन किया जाता है.

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