राजस्थान के जयपुर में सूचना एवं रोजगार अधिकार अभियान संयोजक निखिल डे ने सरकार की ओर से तैयार किए गए ड्राफ्ट को लेकर कई आपत्तियां जताई हैं. इसके साथ ही उन्होंने सरकार से जवाबदेही कानून को जल्द लागू करने की मांग की है.
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Jaipur News: सरकार की ओर से दी जा रही सेवाओं के लिए अधिकारियों की जवाबदेही तय करने के लिए राजस्थान गारंटीड डिलीवरी ऑफ पब्लिक सर्विसेज एवं एकाउंटेबिलिटी कानून का मसौदा वेबसाइट पर डाल दिया गया है.
सरकार की ओर से तैयार किए गए ड्राफ्ट को लेकर सूचना एवं रोजगार अधिकार अभियान की ओर से कई आपत्तियां जताई गई है. इसके साथ ही उन्होंने सरकार से जवाबदेही कानून को जल्द लागू करने की मांग की है.
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सूचना एवं रोजगार अधिकार अभियान संयोजक निखिल डे ने कहा है कि कांग्रेस पार्टी ने विधानसभा चुनाव के दौरान अपने घोषणा पत्र में इसको लागू करने का वादा किया, लेकिन 4 साल होने के बावजूद अभी तक इसे लागू नहीं कर पाए हैं. उन्होंने सरकार की ओर से आमजन से सुझाव मांगने के लिए तैयार किए गए ड्राफ्ट को आधारहीन बताया है. उन्होंने कहा कि सरकार ने इसको लाने की मंशा तो रखी लेकिन कोई ठोस प्रावधान का जिक्र नहीं किया गया. इससे ऐसा लगता है कि ये कानून सरकार लाए या ना लाए बराबर है. जब तक अधिकारियों की जवाबदेही के लिए कोई ठोस प्रावधान इसमें नहीं किए जाएंगे तब तक जनता से सुझाव लेने का कोई विशेष महत्व नहीं हैं.
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जवाबदेही कानून के ड्राफ्ट पर ये आपत्तियां
- शिकायत की परिभाषा जो कानून राजस्थान सरकार 2022 में लाई थी सुनवाई का अधिकार कानून उससे भी बहुत कमजोर कर दी गई, जिससे नागरिकों की कई शिकायतें इस कानून के दायरे में नहीं आ पाएगी.
- किन शिकायतों का कितने समय में निपटारा किया जाएगा उसके बारे में कुछ स्पष्टता नहीं.
- जिला स्तर पर शिकायतों की अपील के लिए विकेंद्रीकृत व्यवस्था नहीं हैं जहां पर नागरिक शिकायत के निपटारे से संतुष्ट नहीं होने पर नागरिक अपील कर सकें.
- राज्य स्तर पर एक प्रभावी और स्वतंत्र शिकायत निवारण का अभाव
- जुर्माने और क्षतिपूर्ति के अप्रभावी प्रावधान
और क्या बोले निखिल डे
निखिल डे सहित अन्य सामाजिक कार्यकर्ताओं ने कहा कि कानून की प्रक्रिया, समय सीमा, कानून कार्यवाही कानून में स्पष्ट की जाए नहीं तो यह कानून प्रभावी नहीं बन पाएगा.
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