22 मार्च को नहीं होगी हैरीटेज निगम में साधारण सभा की बैठक, रामचरण बोहरा और महेश जोशी ने किया मना
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22 मार्च को नहीं होगी हैरीटेज निगम में साधारण सभा की बैठक, रामचरण बोहरा और महेश जोशी ने किया मना

22 मार्च को हैरीटेज निगम में साधारण सभा की बैठक नहीं होगी. सांसद बोहरा ने लिखा कि वर्तमान में लोकसभा सत्र चल रहा है. मंत्री महेश जोशी ने लिखा कि 22 मार्च से नवरात्र शुरू हो रहे है.

22 मार्च को नहीं होगी हैरीटेज निगम में साधारण सभा की बैठक, रामचरण बोहरा और महेश जोशी ने किया मना

Jaipur: नगर निगम हैरिटेज में 22 मार्च को प्रस्तावित साधारण सभा की बैठक अब नहीं होगी. आयुक्त विश्राम मीना ने बोर्ड बैठक की हैरिटेज निगम क्षेत्र के पांच विधायकों और दो सांसदों को अनुमति के लिए सांसदों-विधायकों को पत्र लिखे थे लेकिन जयपुर शहर सांसद रामचरण बोहरा और मंत्री और विधायक महेश जोशी ने बैठक के लिए मना कर दिया.

इसी के साथ 28 माह बाद भी पार्षदों की उम्मीदों पर पानी फिर गया. हैरिटेज निगम के पार्षदों को उम्मीद थी की इस बार बोर्ड बैठक होगी तो वो अपने-अपने मुद्दे सदन में उठाएंगे लेकिन एक सांसद और एक विधायक की 'ना' ने बैठक की आस लगाए बैठे पार्षदों को निराश कर दिया. आयुक्त की ओर से अनुमति के लिए लिखे गए पत्र के बाद सिर्फ एक मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास ने अनुमति दी थी. वहीं तीन विधायक रफीक खान, अमीन कागजी और सतीश पूनिया का अब तक कोई जवाब नहीं आया था.

सांसद रामचरण बोहरा ने लिखा कि वर्तमान में लोकसभा सत्र चल रहा है. सत्र समाप्त होने के बाद ही साधारण सभा की बैठक कराएं. वहीं मंत्री महेश जोशी ने लिखा कि 22 मार्च से नवरात्र शुरू हो रहे हैं. ऐसी स्थिति में साधारण सभा नहीं होनी चाहिए. मेरी ओर से असहमति है. मंत्री महेश जोशी और सांसद रामचरण बोहरा की ओर से बोर्ड बैठक की अनुमति नहीं देने पर मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास ने मैने तो बोर्ड बैठक के लिए सहमति दे दी. 22 मार्च को बोर्ड बैठक नहीं होगी तो अप्रैल माह में हो जाएगी. मीटिंग तो होगी ही.

लोकसभा और विधानसभा सत्र चलते मना करने का हक है. बिना कारण के यदि कोई मना करेगा तो गलतफहमी नहीं होनी चाहिए. लोकसभा और विधानसभा के आधार पर तो सांसद और विधायकों की मान ली जाएगी लेकिन लोकसभा और विधानसभा सत्र के बाद तो पार्षदों को ही डिसाइड करना है. गौरतलब है की पिछले दिनों मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास ने शहरी सरकार का बजट सदन में बिना चर्चा किए ही राज्य सरकार को भेजने पर नाराजगी जताई थी. उसके बाद खाचरियावास ने बोर्ड बैठक बुलाने के लिए निर्देश दिए थे.

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