Jaipur News: आषाढ़ी वायु धारिणी पूर्णिमा के अवसर पर विश्व धरोहर स्मारक ज्योतिष यंत्रालय (जंतर मंतर), जयपुर में वायु परीक्षण किया गया. ज्योतिषचार्य द्वारा सूर्यास्त काल में शास्त्रानुसार ध्वज पूजन एवं वायु परीक्षण किया गया.
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Jaipur: आषाढ़ी वायु धारिणी पूर्णिमा के अवसर पर विश्व धरोहर स्मारक ज्योतिष यंत्रालय (जंतर मंतर), जयपुर में वायु परीक्षण किया गया. ज्योतिषचार्य द्वारा सूर्यास्त काल में शास्त्रानुसार ध्वज पूजन एवं वायु परीक्षण किया गया. जिसमें जयपुर शहर के प्रसिद्ध विद्वानों एवं दैवज्ञों की उपस्थिति में दृष्टि संबंधित पूर्वानुमान पर निर्णय लिया गया.
भारतीय ज्योतिष शास्त्र में दृष्टि विज्ञान के आधार पर निर्णय लिया गया.,गत कार्तिक से शुरू होने वाले वृष्टि के गर्भधारण काल से अब तक के आकाशीय लक्षणों व ग्रह योगों के आधार पर इस वर्ष चतुर्मास में वर्षा के योग पर सभी विद्वानों ने वायु परीक्षण के बाद अपना मत प्रस्तुत किया गया.
चतुर्मास पर वर्षा का योग
वायु परीक्षण एवं अन्य योगों का तुलनात्मक प्रतिफल ही चतुर्मास का वर्षा का योग होता है, जो बहुत ही महत्वपूर्ण है. इस वर्ष वायु धारिणी पूर्णिमा पर वायु परीक्षण करने पर वायु का प्रवाह पश्चिम से पूर्व की ओर एवं थोड़ी थोड़ी ईशान की ओर रही. इससे कहीं-कहीं खण्डवृष्टि एवं कहीं-कहीं सामान्य से अधिक वर्षा रहेगी.
जगत्गुरू रामानन्दाचार्य संस्कृत विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपती डॉ. विनोद शास्त्री, पं. भास्कर श्रोत्रिय, निदेशक संस्कृत शिक्षा विभाग राजस्थान, पं. सतीश शर्मा, सीनियर नेशनल वॉयस प्रेसीडेन्ट इण्डियन काउन्सिल ऑफ एस्ट्रोलोजिकल साइन्स, बंशीधर ज्योतिष पंचागकर्ता पं. दामोदर शर्मा, पं. चन्द्रमोहन दाधीच, डॉ. भोजराज शर्मा, पं. श्रीकृष्ण शर्मा, डॉ. मुकेश कुमार शर्मा एवं आचार्य शिवदत शास्त्री आदि ज्योतिषाचार्य द्वारा वायु परीक्षण किया गया.
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