Jaipur News:जनता कैसे उठाए पुलिस खिलाफ आवाज? सालों से जवाबदेही समिति को संसाधनों का इंतजार
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Jaipur News:जनता कैसे उठाए पुलिस खिलाफ आवाज? सालों से जवाबदेही समिति को संसाधनों का इंतजार

Jaipur News:जनता के पुलिस ज्यादती के खिलाफ आवाज उठाने के लिए राज्य सरकार ने समिति का गठन किया ,लेकिन यही पुलिस जवाबदेही समिति सुचारू चल पाने में लाचार है.राजस्थान में पुलिस एक्ट लागू हुआ तो एक्ट के प्रावधान के अनुसार पुलिस जवाबदेही समिति का गठन भी किया गया.

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Jaipur News:जनता के पुलिस ज्यादती के खिलाफ आवाज उठाने के लिए राज्य सरकार ने समिति का गठन किया ,लेकिन यही पुलिस जवाबदेही समिति सुचारू चल पाने में लाचार है. कारण है कि डेढ़ साल से समिति को आवश्यक संसाधनों के लिए बजट का इंतजार है . एक बार फिर जवाबदेही समिति ने बजट के लिए राज्य सरकार को प्रस्ताव भेजा है.

राजस्थान में पुलिस एक्ट लागू हुआ तो एक्ट के प्रावधान के अनुसार पुलिस जवाबदेही समिति का गठन भी किया गया. पुलिस जवाबदेही समिति पुलिस में सीओ से ऊपर के अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार, जनता से दु्र्व्यहार आदि शिकायतों की सुनाई का अधिकार दिया गया. अर्थात पुलिस अधिकारियों के खिलाफ जनता समिति में सीधे शिकायत कर सकती है. लेकिन मामला उलट है, समिति का गठन हुए करीब आठ साल से ज्यादा का वक्त हो गया है, लेकिन आवश्यक संसाधन ही नहीं मौजूद हैं. 

करीब डेढ़ साल पहले संसाधनों के लिए राज्य सरकार को प्रस्ताव भेजा गया, लेकिन महज दो कम्प्यूटर सैट के अलावा कुछ नहीं दिय गया, ऐसे में बजट के अभाव में समिति का सुचारू संचालन नहीं हो रहा है.

जवाबदेही कमेटी में ये हैं शामिल 
वर्तमान राज्य स्तरीय जवाबदेही कमेटी में पूर्व जस्टिस एचआर कुड़ी अध्यक्ष है. इसके अलावा पांच सदस्यीय इस समिति में एडीजी, कानून एंव व्यवस्था को सदस्य-सचिव बनाया गया है. वहीं पूर्व विधायक गोपाराम मेघवाल, सुनीता भाटी और अजीज दर्द को सदस्य बनाया गया था.

समिति ने सरकार को बताई पीड़ा, पर सुनवाई नहीं 
राज्य स्तरीय पुलिस जवाबदेही समिति की ओर से हाल ही 13 मई को राज्य सरकार को पत्र लिखा है. वर्तमान राज्य स्तरीय पुलिस जवाबदेही समिति का गठन 14 अक्टूबर 2022 को किया गया. समिति का गठन करीब पौने दो साल हो जाने के बावजूद संसाधनों की अनुपलब्धता के कारण समिति का सुचारू संचालन संभव नहीं हो पा रहा है.

पहले बजट दिया, लेकिन ऊंट के मुंह में जीरा
गृह विभाग की ओर से समिति को बताया गया कि 30 सितम्बर 2023 को 1 लाख 71 हजार 93 रुपए की प्रशासनिक वित्तीय स्वीकृति दी गई थी. परंतु समिति को इस बजट में से मात्र दो कम्प्यूटर, एक प्रिंटर और एक स्कैनर उपलब्ध कराया गया. 

बाकी आयटम के लिए पुलिस मुख्यालय की ओर से कहा गया कि वित्तीय वर्ष समाप्त होने के कारण नए सिरे से स्वीकृति प्राप्त करनी होगी. ऐसे में समिति ने एक बार फिर कुछ आयटम तुरंत उपलब्ध कराने की मांग की है ताकि समिति का काम सुचारू संचालन किया जा सके.

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