Jaipur News: जांच उपकरणों के रिपेयर एवं मेंटेनेंस के लिए बेस्ट प्रैक्टिसेज को अपनाए- RMSC निदेशक
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Jaipur News: जांच उपकरणों के रिपेयर एवं मेंटेनेंस के लिए बेस्ट प्रैक्टिसेज को अपनाए- RMSC निदेशक

Rajasthan News: RMSC निदेशक नेहा गिरि ने मंगलवार को अधिकारियों की बैठक ली. इस दौरान उन्होंने चिकित्सा संस्थानों में जांच के लिए उपयोग किए जाने  वाले उपकरणों के रखरखाव और रिपेयरिंग के संबंध में आवश्यक दिशा निर्देश दिए. 

 

RMSC Meeting Zee Rajasthan

Jaipur News: राजस्थान मेडिकल सर्विसेज कॉरपोरेशन लिमिटेड की प्रबंध निदेशक नेहा गिरि ने कहा कि प्रदेश के चिकित्सा संस्थानों में मुख्यमंत्री निशुल्क जांच योजना के तहत रोगियों की जांचें सुचारू रूप से हो, इसके लिए सुनिश्चित किया जाए कि जांच मशीनों का नियमित रिपेयर एवं मेंटेनेंस हो, ताकि मशीनें अचानक ब्रेकडाउन नहीं हो. उन्होंने कहा कि मेंटेनेंस की बेहतरीन व्यवस्था के लिए देशभर में उपयोग की जा रही बेस्ट प्रैक्टिसेज को प्रदेश में भी अपनाया जाएगा. गिरि आरएमएससीएल बोर्ड रूम में जांच मशीनों के खराब होने एवं इनके ठीक होने में लगने वाले समय को लेकर समीक्षा कर रही थीं. प्रदेश में जांच मशीनों का शत-प्रतिशत रिपेयर एवं मेंटेनेंस ई-उपकरण सॉफ्टवेयर के माध्यम से किया जाए. इससे मेंटेनेंस में लगने वाले समय की रियल टाइम मॉनिटरिंग हो सकेगी और चिकित्सा संस्थानों में जांच व्यवस्था बेहतर हो सकेगी. हमारा प्रयास हो कि जांच उपकरणों की मेंटेनेंस में लगने वाला समय न्यूनतम स्तर पर आए.

उपकरणों के मेंटेनेंस में लगने वाला समय हो कम 
प्रबंध निदेशक ने निर्देश दिए कि जांच उपकरणों को श्रेणीवार विभाजित कर उसके मेंटेनेंस की समय सीमा निर्धारित की जाए. आपातकालीन एवं अति आवश्यक प्रकृति के उपकरणों के मेंटेनेंस को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए. इसमें किसी भी तरह की देरी नहीं हो. चिकित्सा संस्थानों में जांच उपकरणों के उपयोग एवं सामान्य रख-रखाव को लेकर आवश्यक गाइड लाइन उपलब्ध करवाएं और इसे उपयुक्त स्थान पर चस्पा भी करें, ताकि सामान्य रख-रखाव के अभाव में उपकरण खराब नहीं हो. उन्होंने उपकरणों को स्थापित करते समय आवश्यक परिचालन संबंधी दिशा निर्देश के मॉनिटर करने पर बल दिया. जो उपकरण बार-बार खराब हो रहे हैं, उनके खराब होने के कारण चिन्हित करें. साथ ही ऐसे उपकरण जो उपयोग योग्य नहीं हैं, उन्हें नाकारा घोषित करने की कार्रवाई अमल में लाई जाए. उन्होंने सर्विस प्रदाता कंपनियों के साथ बेहतर तालमेल कर उपकरणों के मेंटेनेंस में लगने वाले समय को कम करने पर जोर दिया. 

ई-उपकरण के माध्यम से हजारों शिकायतों का निस्तारण 
स्टेट नोडल आफिसर इन्वेंट्री डॉ. प्रेम सिंह ने उपकरणों के रिपेयर एवं मेंटेनेंस से संबंधित वस्तु स्थिति के संबंध में प्रस्तुतीकरण दिया. उन्होंने बताया कि ई-उपकरण के माध्यम से अब तक जांच एवं अन्य उपकरणों से संबंधित 36 हजार 121 शिकायतों का निस्तारण किया गया है. बैठक में मेंटीनेंस से जुड़े विषय विशेषज्ञों एवं सर्विस प्रदाता कम्पनी के प्रतिनिधियों ने आवश्यक सुझाव दिए. इस दौरान मुख्यमंत्री निःशुल्क जांच योजना के नोडल अधिकारी डॉ. केसरी सिंह, नेशनल हेल्थ सिस्टम रिसोर्स सेंटर के सलाहकार डॉ. रंजन चौधरी व वरिष्ठ सलाहकार अंजन्य शाही, आरएमएससीएल के ईडीईपीएम आकाश आलाह, राजमेस की उप निदेशक डॉ वंदना शर्मा, आरएमएससीएल के आईटी प्रभारी विक्रम सांखला, एसएमएस मेडिकल कॉलेज के एनॉटमी विभाग के डॉ नन्दलाल व सर्जरी विभाग के डॉ राजेन्द्र बागडी सहित केटीपीएल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ नवील प्रसाद व जनरल मैनेजर हरीश शर्मा मौजूद रहे. 

 

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