Jaipur: हाईकोर्ट ने JDA एक्ट में संशोधन कर पट्टे रद्द करने का अधिकार JDA को देने के मामले में मांगा जवाब
Advertisement
trendingNow1/india/rajasthan/rajasthan1629105

Jaipur: हाईकोर्ट ने JDA एक्ट में संशोधन कर पट्टे रद्द करने का अधिकार JDA को देने के मामले में मांगा जवाब

Jaipur news: राजस्थान हाईकोर्ट ने जेडीए एक्ट की धारा 54 डी में संशोधन कर पंजीकृत पट्टे को रद्द करने का अधिकार जेडीए को देने और इस प्रावधान को भूतलक्षी प्रभाव से लागू करने पर एसीएस यूडीएच, एसीएस विधि और जेडीए सचिव सहित अन्य से जवाब तलब किया है. 

 

Jaipur: हाईकोर्ट ने JDA एक्ट में संशोधन कर पट्टे रद्द करने का अधिकार JDA को देने के मामले में मांगा जवाब

Jaipur: राजस्थान हाईकोर्ट ने जेडीए एक्ट की धारा 54 डी में संशोधन कर पंजीकृत पट्टे को रद्द करने का अधिकार जेडीए को देने और इस प्रावधान को भूतलक्षी प्रभाव से लागू करने पर एसीएस यूडीएच, एसीएस विधि और जेडीए सचिव सहित अन्य से जवाब तलब किया है. एक्टिंग सीजे एमएम श्रीवास्तव और जस्टिस अनिल उपमन की खंडपीठ ने यह आदेश रामसिंह व अन्य की याचिका पर दिए.

याचिका में अधिवक्ता प्रहलाद शर्मा ने अदालत को बताया कि जेडीए ने याचिकाकर्ताओं सहित अन्य को 19 अक्टूबर, 2020 को आवासीय भूखंड के पट्टे जारी किए थे. याचिकाकर्ता ने पट्टे को 21 अक्टूबर, 2020 को पंजीकृत भी करवा लिया. वहीं, जेडीए ने अपने एक्ट की धारा 54 डी में संशोधन कर पंजीकृत पट्टा रद्द करने का अधिकार खुद के पास रख लिया और इस प्रावधान को 15 अप्रैल, 2021 से लागू कर दिया. वहीं 16 दिसंबर 2021 को जेडीए ने भूतलक्षी प्रभाव से याचिकाकर्ताओं के पंजीकृत पट्टे को रद्द कर दिया. जबकि पूर्व में पंजीकृत पट्टा रद्द करने का अधिकार सिविल कोर्ट के पास ही था. 

याचिका में कहा गया कि जेडीए का खुद ही पट्टा रद्द करने का प्रावधान ट्रांसफर ऑफ प्रॉपर्टी एक्ट व रजिस्ट्रेशन एक्ट के प्रावधानों के खिलाफ है. यदि राज्य सरकार केंद्रीय कानून के खिलाफ कोई कानून बनाती है तो उस स्थिति में राष्ट्रपति की मंजूरी लेना भी जरूरी है. जबकि राज्य सरकार ने आरटीआई के जवाब में कहा है कि उन्होंने इस संशोधन के लिए राष्ट्रपति से मंजूरी नहीं ली है. जेडीए का यह कानून संविधान के अनुच्छेद 300 ए का भी उल्लंघन करता है. इसलिए जेडीए एक्ट की धारा 54 डी के संशोधित प्रावधानों को असंवैधानिक घोषित कर रद्द किया जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है.

Reporter- Mahesh Pareek

ये भी पढ़ें...

IPL 2023: IPL के 15 सीजन में 21 बार लगी हैट्रिक, इस सलामी बल्लेबाज और ऑलराउंडर के नाम भी है ये रिकॉर्ड

Trending news