याचिका में वरिष्ठ अधिवक्ता आरबी माथुर ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता को निजी विश्वविद्यालय स्थापित करने के लिए 2 जुलाई 2021 को लेटर ऑफ इंटेंट जारी किया गया था.
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Jaipur: राजस्थान हाईकोर्ट ने हाल ही में चर्चा में आई गुरुकुल शिक्षण संस्थान को राहत देते हुए समिति की ओर से संचालित अन्य संस्थानों की एनओसी रद्द करने पर रोक लगा दी है. इसके साथ ही अदालत ने मामले में राज्य सरकार को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. जस्टिस सुदेश बंसल की अवकाशकालीन एकलपीठ ने यह आदेश गुरुकुल शिक्षण संस्थान की याचिका पर दिए.
याचिका में वरिष्ठ अधिवक्ता आरबी माथुर ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता को निजी विश्वविद्यालय स्थापित करने के लिए 2 जुलाई 2021 को लेटर ऑफ इंटेंट जारी किया गया था. वहीं एक जांच के बाद गत 19 अप्रैल को उसे अनुमति देने से इनकार कर दिया गया. याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ता पिछले करीब बीस साल से कई संस्थाएं संचालित कर रहा है. वहीं 19 अप्रैल 2022 के आदेश के आधार पर उसकी ओर से अन्य संस्थाएं संचालित करने की एनओसी को रद्द किया जा रहा है.
याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ता संस्थाएं संचालित करने के लिए सभी तय शर्ते पूरी कर रहा है. इसके अलावा उसे सम्बद्धता भी दी जा चुकी थी. ऐसे में 19 अप्रैल का आदेश अपने आप में मनमाना है. इसलिए इस आदेश की क्रियान्विति पर रोक लगाई जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी करते हुए याचिकाकर्ता को अन्य संस्थान संचालित करने की एनओसी को रद्द करने पर रोक लगा दी है.
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गौरतलब है कि गुरुकुल शिक्षण संस्थान के फाउंडर ट्रस्टी रणजीत सिंह ने यूनिवर्सिटी बनाने के लिए विभाग में आवेदन किया था. इसके बाद विभाग ने एक कमेटी की गठन के बाद दो जुलाई, 2021 को लेटर ऑफ इंटेंट जारी किया था. राज्य सरकार के आदेश के बाद 29 सितंबर को प्रोफेसर अमेरिका सिंह के नेतृत्व में सत्यापन समिति बनाई गई थी. जिसने तीन अक्टूबर को सत्यापन कर प्रमाणित रिपोर्ट राज्य सरकार को दी, जो गलत निकली. विवि का विधेयक विधानसभा में पास होने के बाद सामने आया कि मौके पर खाली जमीन ही है. इस पर आनन फानन में बिल वापस लिया गया था.
Reporter- Mahesh Pareek
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