स्थानीय लोगों की सूचना पर रक्षा संस्थान और वन विभाग के संयुक्त तत्वावधान में 7 जून को घायल अवस्था में पाटा गौह को इलाज के लिए लाया गया. 7 दिन के पुनर्वास इलाज में पाटा गौह के घाव भरने के बाद आज जंगल में पाटा गौह (मॉनिटर लिजार्ड) को आजाद किया गया.
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Jaipur: वन्यजीव पाटा गौह जंगल और प्रकृति के लिए बहुत महत्वपूर्ण वन्यजीव है. इन वन्यजीवों की रक्षार्थ हेतु रक्षा संस्थान लगातार वन्यजीवों की सुरक्षा में कार्य हेतु प्रयासरत है. हाल ही में मालवीय नगर औद्योगिक क्षेत्र संस्थान के पास श्वानों ने एक पाटा गोह को लहूलुहान कर घायल कर दिया था.
स्थानीय लोगों की सूचना पर रक्षा संस्थान और वन विभाग के संयुक्त तत्वावधान में 7 जून को घायल अवस्था में पाटा गौह को इलाज के लिए लाया गया. 7 दिन के पुनर्वास इलाज में पाटा गौह के घाव भरने के बाद आज जंगल में पाटा गौह (मॉनिटर लिजार्ड) को आजाद किया गया.
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रक्षा संस्थान के रोहित गंगवाल ने बताया कि 7 जून को मालवीय नगर औद्योगिक क्षेत्र से संस्थान के पास श्वानों द्वारा एक पाटा गोह को घायल करने की सूचना मिली थी. सूचना पर मौके पर पहुंचने पर पाया कि पाटा गौह की पीठ पर दो बडे घाव थे, जिनमें पीठ से खून बहकर निकल रहा था. रक्षा संस्थान और वन विभाग के संयुक्त तत्वाधान में पाटा गौह को रेस्क्यू कर सीनियर वेटरनरी डॉक्टर अशोक तंवर के पास ले जाया गया जहा फर्स्ट एड कर प्रेशर बैंडेज से ब्लीडिंग रोकी गई. श्वान द्वारा किए घाव काफी गहरे थे. उन्हें रेगुलर फ्लश करके इन्फेक्शन फ्री रखना एक कड़ी चुनौतीपूर्ण कार्य था.
सात दिन के पुनर्वास के बाद पाटा गोह फिर से चलने लगी और घाव भी भरने लगे. पाटा गोह को रिलीज से पहले लोकोमोशन टेस्ट किया गया जो सही रहा. वहीं डॉ. अशोक तंवर द्वारा पाटा गौह के घावों की जांच करने के बाद उसको रिलीज करने का निर्णय लिया गया. वन विभाग और रक्षा टीम द्वारा पाटा गौह को आमागढ़ फॉरेस्ट रिजर्व मे आज स्वतंत्र किया गया. जयपुर मे कही भी सरीसर्प दिखे तो रक्षा स्नेक हेल्पलाइन 98285 00065 पर संपर्क कर सूचना दे सकते हैं.
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