Kalraj Mishra का प्रदेश में 2 साल का कार्यकाल पूरा, राज्यपाल बोले- यहां मुझे आत्मीयता और अपनापन मिला
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Kalraj Mishra का प्रदेश में 2 साल का कार्यकाल पूरा, राज्यपाल बोले- यहां मुझे आत्मीयता और अपनापन मिला

 राज्यपाल कलराज मिश्र (Kalraj Mishra) ने राज्यपाल पद पर 2 साल का कार्यकाल पूरा कर लिया है.

प्रतिकात्मक तस्वीर.

Jaipur: राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र (Kalraj Mishra) ने राज्यपाल पद पर 2 साल का कार्यकाल पूरा कर लिया है. राजस्थान में दो साल के कार्यकाल को राज्यपाल कलराज मिश्र ने बेमिसाल बताया है. राज्यपाल मिश्र ने कहा कि यहां मुझे आतमीयता ओर अपनापन मिला है. मैं इस दृष्टि से अपने को सौभाग्यशाली मानता हूं कि ऐसे प्रदेश के संवैधानिक प्रमुख के पद पर मुझे कार्य करने का अवसर मिला है. जिसके कण-कण में प्रेम और अपनत्व की सुंगध घुली हुई है. मुझे याद है, वह 9 सितम्बर, 2019 का दिन था जब राजस्थान में राज्यपाल का पदभार संभाला था. राजभवन में दो वर्षों का समय यहां जैसे पंख लगाकर उड़ता चला गया है.

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राज्यपाल ने क्या कहा 
राज्यपाल ने जैसलमेर (Jaisalmer) का दौरा किया और सैनिकों से संवाद किया. राज्यपाल (Governor) ने कहा कि कुछ दिन पहले आबू राजभवन में रूके. बरसों आबू राजभावन उजाड़ पड़ा था. प्रयास किया कि वहां स्थानीय लोगों की चुनौतियों को समझ उनके लिए कुछ करूं. इससे पहले डूंगरपुर बांसवाड़ा के आदिवासी क्षेत्रों में वागड़ की संस्कृति को करीब से अनुभूत किया. कोटा-सवाई माधोपुर, मारवाड़ आदि क्षेत्रों में जाने से पता चला विविधता में एकता लिए है राजस्थान. प्रदेश में लोगों से निरंतर मुलाकातें की. कोटा संभाग में बाढ़ की विपदा जब देखी तो जलभराव क्षेत्रों का एरियल सर्वे (Aerial Survey) किया. हर संभव प्रयास किया कि राज्य सरकार (State Government) के साथ बाढ़ पीड़ितों को समयबद्ध मदद मिले. राज्यपाल राहत कोष (GOVERNOR RELIEF FUND) का विस्तार किया. इसके तहत ऐसे जरूरतमंदों को सहायता देना सुनिश्चित किया जिन्हें अब तक किसी स्तर पर सहायता नहीं मिली है. राज्यपाल राहत कोष और अन्य स्तर पर लोगों को राहत पहुंचाने के लिए भामाशाहों, विश्वविद्यालयों, संस्थाओं और व्यक्तिगत रूप में मुझे निरंतर सहयोग मिला. कोविड के विकट दौर में प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री राहत कोष में राज्यपाल राहत कोष से मदद की गई. इसके साथ ही कोविड से बचाव के लिए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाओं के लिए भी पीपीई किट (PPE) और मास्क बांटने के लिए सहयोग किया गया.

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राज्यपाल ने कहा कि कोराना काल में सभी दीक्षांत समारोह (convocation) ऑनलाईन किए गए. नई शिक्षा नीति (Education Policy) को लागू करने के लिए विश्वविद्यालयों का तीन दिवसीय विशेष सम्मेलन बुला नीति को व्यवहार में लागू करने को मूर्त रूप देने के लिए आगे बढे़. शिक्षा के सुदृढ़ीकरण के लिए टास्क फोर्स का गठन किया गया. राजस्थान की विधानसभा (Rajasthan Vidhan Sabha) में जब अभिभाषण हुआ तो संविधान की उद्देषिका और मूल कर्तव्यों का वाचन किया. विश्वविद्यालयों में संविधान पार्कों के निर्माण की पहल इसीलिए की कि युवापीढ़ी संविधान की संस्कृति के मूल्यों को आत्मसात कर आगे बढे़. राजभवन में भी हम विश्वविद्यालय पार्क बनवा रहे हैं ताकि सभी विश्वविद्यालय अपना अपना कोई एक उत्कृष्ट कार्य वहां प्रदर्शित कर सके.

राज्यपाल ने आगे कहा कि कोविड के दौरान व्यक्तिगत मुख्यमंत्री, मंत्रियों और दूसरे जन प्रतिनिधियों से सीधे संवाद किया कोविड से बचाव और राहत कार्यों में तेजी लाने के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाई. स्काउट गाईड, पूर्व सैनिकों, रेडक्रोस सोसायटी और अन्य स्वयंसेवी संस्थाओं, ट्रस्ट, गैर सरकारी संस्थाओं और भामाशाहों को इस बात के लिए प्रेरित करने का प्रयास भी इस दौरान किया कि वे आपदा की इस घड़ी में कोविड बचाव के लिए किए जा रहे कार्यों में सरकार को हर संभव सहयोग करें.

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राज्यपाल ने आगे बताया कि स्वामी विवेकानन्द ने भारत के दो प्रमुख आदर्श बताए हैं. यह दो प्रमुख आदर्श हैं त्याग और सेवा. हमारे यहां तो कहा भी गया है कि जीवित वही हैं, जो दूसरों की सेवा के लिए जीते हैं. प्रयास करूंगा कि आप सबके मध्य प्रतिबद्ध होकर सर्वांगीण विकास के लिए कार्य करता रहूं.

 

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