Kamada Ekadashi 2023 date, Shubh Muhurat: कामदा एकादशी के पहले सारी जानकरी दे देना चाहते है कि ताकि इस एकादशी का सारा फल आपको मिले. कहा जाता है कि दान के बिना श्रीहरि की पूजा अधूरी मानी जाती है. कामदा एकादशी के दिन क्या दान करना चाहिए क्या नहीं ?
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Kamada Ekadashi 2023 date, Shubh Muhurat, Puja Vidhi: चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को कामदा एकादशी कहा गया है. यह एकादशी हिंदू नववर्ष की पहली एकादशी कहलाती है. यह व्रत भगवान विष्णु के लिए रखा जाता है. कामदा एकादशी करीब 100 सालों बाद महासंयोग बना है. यह व्रत सुख समृद्धि लक्ष्मी वृद्धि के लिए किया जाता है. यदि आप व्रत रख रहे हैं, हम आपको कामदा एकादशी के पहले सारी जानकरी दे देना चाहते है कि ताकि इस एकादशी का सारा फल आपको मिले. कामदा एकादशी से जुड़े विशिष्ट अनुष्ठानों और रीति-रिवाजों के बारे में जानने के लिए हम आपको बताने जा रहे है.
इस कामदा एकादशी ये महाउपाय कर भगवान विष्णु के साथ मां लक्ष्मी को प्रसन्न करें. कामदा एकादशी व्रत को लेकर मान्यता है कि इसके प्रताप से ब्रह्म हत्या जैसे गंभीर पाप से मुक्ति मिल जाती है. कामदा एकादशी की पूजा में कथा का श्रवण जरुर करें, कहते हैं इसके बिना व्रत और श्रीहरि की पूजा अधूरी मानी जाती है. कामदा एकादशी के दिन क्या दान करना चाहिए क्या नहीं ?
हरेक दान का अपना -अपना महत्व है. कामदा एकादशी के दिन अन्न, जल, तिल, वस्त्र जूते, क्षमता अनुसार धन, छाता, फल और अन्य जरूरत के सामान दान करने से भक्तों को मां लक्ष्मी और भगवान श्री हरि की विशेष कृपा से घर में लक्ष्मी का वास होता है.
इस दिन, भक्त उपवास रख भगवान विष्णु की पूजा करते हैं. ऐसा माना जाता है कि कामदा एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति के जीवन में शांति, समृद्धि और खुशियां आती हैं. अगले दिन (द्वादशी) प्रार्थना करने और गरीबों और जरूरतमंदों को दान देने के बाद व्रत तोड़ा जाता है.
कामदा एकादशी एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है जो चैत्र के हिंदू चंद्र महीने के ग्यारहवें दिन (एकादशी) पर पड़ता है, जो आमतौर पर मार्च या अप्रैल में पड़ता है. लेकिन इस साल कामदा एकादशी का व्रत 1 और 2 अप्रैल दोनों दिन रखा जाएगा. इसे लेकर लोगों में संशय की स्थिति बनी हुई है. हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र शुक्ल एकादशी तिथि 1 अप्रैल 2023 को प्रात: 01 बजकर 58 मिनट पर प्रारंभ होगी और अगले दिन 02 अप्रैल 2023 को सुबह 04 बजकर 19 मिनट पर समाप्त होगी. ऐसे में जानते है कि कामदा एकादशी का किस दिन व्रत रखें जिससे ये फलदायी साबित हो.
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शास्त्रों और पंडितों के कथानुसार जब एकादशी व्रत लगातार दो दिनों के लिए हो तो ऐसे में जो गृहस्थ जीवन जाने वाले है वैसे लोगों को पहले दिन की एकादशी का व्रत करना चाहिए. वहीं संत समाज, साधुओं और वैष्णव संप्रदाय के लोग दूसरे दिन का एकादशी व्रत रखेगें. ऐसे में आमजनों को लिए 1 अप्रैल 2023 को कामदा एकादशी का व्रत रखना फलदायी होगा. वहीं साधु सामाज और वैष्णव संप्रदाय के लोग 2 अप्रैल को ये व्रत रखेंगे
कामदा एकादशी का व्रत वाले लोगों को प्रात:काल उठकर स्नान-ध्यान करने के बाद सबसे पहले भगवान सूर्य को तांबे के लोटे से जल दे. इसके बाद भगवान विष्णु की मूर्ति या तस्वीर को गंगाजल से स्नान कराने के बाद पीले वस्त्र, पीले फूल, पीली मिठाई आदि अर्पित करें. इसके बाद गाय के शुद्ध घी का दीपक जलाकर एकादशी की व्रत कथा पढ़ें. इसके बाद श्रीहरि और माता लक्ष्मी का भक्तिपूर्वक आरती गायक करें.
एकादशी का व्रत रखने वाले साधक को दिन में नहीं सोना चाहिए. इस दिनभगवान विष्णु के मन्त्र ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ का यथासंभव जप या फिर विष्णुसहस्रनाम का श्रवण या पाठ करना चाहिए. इस दिन गुस्सा ना करें. झूठ ना बोलें और भगवान श्रीविष्णु में मन लगाएं. ॐ ह्रीं ह्रीं श्री लक्ष्मी वासुदेवाय नम: का कम से कम 11 माला का जाप करें. भगवान विष्णु के साथ माता लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त होगी.
गरीबों और ब्राह्मणों को को दान करें. दान करते समय ध्यान रखें कि सड़ी गली चीजों का दान ना करें. प्लास्टिक और स्टील के बर्तनों का दान ना करें. कहा गया कि है कि प्लास्टिक के सामान और स्टील के बर्तनों का दान करते से घर में अशांति, व्यवसाय में नुकसान और गरीबी आती है. ऐसे में जाने कि कामदा एकादशी पर क्या दान करना चाहिए.