Lok Sabha Election 2024 : राजस्थान में नारी शक्ति वंदन अधिनियम के जरिये महिलाओं को राजनीति में 33 फीसदी भागीदारी का सपना दिखाया जा रहा है, लेकिन लोकसभा चुनाव में कांग्रेस और बीजेपी ने टिकट बंटवारे को देखकर लगता है कि अभी महिलाओं का सपना सिर्फ कागजी हैं. अभी तक कांग्रेस ने 10 और बीजेपी ने 15 लोकसभा सीटों पर टिकट बांटे हैं उनमें सिर्फ एक-एक महिला को जगह दी गई है.
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Lok Sabha Election 2024 : नारी शक्ति वंदन अधिनियम के जरिये महिलाओं को राजनीति में 33 फीसदी भागीदारी का सपना दिखाया जा रहा है, लेकिन लोकसभा चुनाव में कांग्रेस और बीजेपी ने टिकट बांटे है उसे देखकर लगता है कि अभी महिलाओं का सपना अभी सिर्फ कागजी हैं.
अभी तक कांग्रेस ने 10 और बीजेपी ने 15 लोकसभा सीटों पर टिकट बांटे हैं उनमें सिर्फ एक-एक महिला को जगह दी गई . ऐसे अब महिलाओं को कांग्रेस की और बीजेपी की दूसरी सूची से बड़ी उम्मीदें है.
केंद्र की मोदी सरकार ने नारी शक्ति वंदन अधिनियम के जरिए राजनीति में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण की सुनिश्चित कर इसे 2026 से लागू करने की बात कही.
ऐसा लगा कि परिसीमन से पहले होने वाले चुनाव में उसकी छाया दिखाई देगी, लेकिन विधानसभा चुनाव 2023 में कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही प्रमुख दलों की और से मात्र 10 फीसदी ही महिलाओं की टिकट दिए गए. भाजपा ने मात्र 20 महिला उम्मीदवारों को मैदान में उतारा, जबकि कांग्रेस ने 28 महिलाओं को चुनावी रण में भेजा.
इनके साथ दो महिलाएं निर्दलीय के तौर पर मैदान में थी, यानी 200 विधानसभा सीटों पर 50 महिला उम्मीदवार मैदान में थी , लेकिन इन 50 में से सिर्फ 20 महिलाओं ने जीत हासिल की. जीतने वाली महिला विधायकों में 9 बीजेपी और 9 कांग्रेस की हैं, जबकि दो निर्दलीय हैं. जो 2018 के चुनावों में 23 से कम है और साल 2013-2018 में 28 से भी कम है, इस लिहाज से 200 सदस्यीय सदन में महिलाओं की ताकत 10 प्रतिशत के करीब है,1 जो काफी कम है.
भाजपा की बात करें तो वसुंधरा राजे-झालरापाटन , दीया कुमार-विद्याधर नगर ,नौक्षम चौधरी-कामा ,अनिता भदेल-अजमेर साउथ ,दीप्ति किरण माहेश्वरी-राजसमंद, सिद्धि कुमारी-बीकानेर ईस्ट,डॉ.मंजू बाघमार -जायल,कल्पना देवी-लाडपुरा , शोभा चौहान - सोजत इसी तरह से कांग्रेस पार्टी की बात करें तो शीमला देवी-अनूपगढ़, अनिता जाटव-हिंडौन, रमिला खड़िया-कुशलगढ़, शिखा मील बराला-चोमू, सुशीला रामेश्वर डूडी-नोखा,इंदिरा-बामनवास , गीता बरबड़ -भोपालगढ़ , रीटा चौधरी - मंडावा, शोभारानी कुशवाह-धौलपुर से जबकि डॉ.ऋतु बनावत-बयाना और प्रियंका चौधरी-बाड़मेर से निर्दलीय के तौर पर जीत कर आई हैं.
ऐसा नहीं है कि विधानसभा में महिलाओं को टिकट नहीं दिया गया हो, पिछले 2019 लोकसभा चुनाव को देखें तो बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों का मिला कर देखे तो सिर्फ 7 सीटों पर महिलाओं को टिकट दिया गया यानी 10 फीसदी. जिसमे बीजेपी ने 3 और कांग्रेस 4 सीटों महिला प्रत्याशी मैदान में उतरे थे.
बीजेपी की और से रंजीता कोली-भरतपुर, जसकौर मीणा-दौसा और दीया कुमारी राजसमंद से जबकि कांग्रेस पार्टी की तरफ से कृष्णा पूनिया-जयपुर ग्रामीण, ज्योति खंडेलवाल-जयपुर शहर, सविता मीणा-दौसा, ज्योति मिर्धा-नागौर से उम्मीदवार थी हालांकि इनमें से 3 सीटों पर महिलाओं की जीत हुई वो सभी भाजपा से थी.
वर्ष-2019
भाजपा-1-रंजीता कोली-भरतपुर, 2-जसकौर मीणा-दौसा, 3-दिया कुमारी राजसमंद
कांग्रेस-- 1-कृष्णा पूनिया-जयपुर ग्रामीण, 2-ज्योति खंडेलवाल-जयपुर शहर, 3-सविता मीणा-दौसा, 4-ज्योति मिर्धा-नागौर
नतीजा ---3, बीजेपी, कांग्रेस 0
वर्ष 2014
भाजपा-1-संतोष अहलावत-झुंझूनूं
कांग्रेस-1-राजबाला ओला-झुंझूनूं, 2-डॉ. ज्योति मिर्धा-नागौर, 3-मुन्नी देवी गोदारा-पाली, 4-चन्द्रेश कुमारी-जोधपुर, 5-रेशम मालवीया बांसवाड़ा, 6-गिरिजा व्यास-चित्तौडगढ़़
नतीजा -1-भाजपा, कांग्रेस - 0
वर्ष 2009
भाजपा-1-डॉ. किरण यादव-अलवर, 2-किरण माहेश्वरी-अजमेर, 3-बिंदु चौधरी-नागौर
कांग्रेस-1-ज्योति मिर्धा-नागौर, 2-चन्द्रेश कुमारी जोधपुर, 3-संध्या चौधरी-जालोर, 4-गिरिजा व्यास-चित्त्तौडगढ़़, 5-उर्मिला जैन-भाया, झालावाड़-बारां।
नतीजा - कांग्रेस 3, बीजेपी=0
वर्ष 2004
भाजपा-1-संतोष अहलावत-झुंझुनूं, 2-जसकौर-सवाईमाधोपुर, 3-किरण माहेश्वरी-उदयपुर, 4-बी. सुशीला जालोर
कांग्रेस-1-गिरिजा व्यास-उदयपुर
ये जीते- 1-किरण माहेश्वरी-भाजपा, 2-बी. सुशीला-भाजपा
वर्ष 1999
भाजपा-1-वसुन्धरा राजे-झालावाड़, 2-जसकौर मीणा-सवाईमाधोपुर,
कांग्रेस-1-गिरिजा व्यास-उदयपुर, 2-प्रभा ठाकुर-अजमेर, 3-महेन्द्र कुमारी-अलवर, 4-ऊषा मीणा-सवाईमाधोपुर
ये जीते- 1-गिरिजा व्यास-कांग्रेस, 2-वसुन्धरा राजे-भाजपा, 3-जसकौर मीणा-भाजपा