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जयपुर: गणेश जी मंदिर मोतीडूंगरी शोभायात्रा की अगुवाई में गुरुवार की शाम 35वीं शोभायात्रा निकाली गई. सबसे पीछे मुख्य रथ में मोतीडूंगरी मंदिर का स्वर्ण मंडित चित्र विराजमान रहा. 14 फीट का यह रथ मंदिर जैसा नजर आया. मुख्य रथ की पूजा अर्चना कर महंत कैलाश शर्मा, पूर्व सीएम वसुंधरा राजे सिंधिया ने शोभयात्रा को रवाना किया. इस बीच जगह-जगह शोभायात्रा का पुष्पवर्षा कर स्वागत किया गया. सड़क, बाजारों के साथ ही छतों पर शहरवासियों ने भगवान गणेश की अठखेलियां देखी.
इस दौरान हाथ जोड़कर आमजन ने प्रथम पूज्य से सुख समृद्धि की कामना की. जौहरी बाजार में देवस्थान विभाग की ओर से पहली बार भगवान गणेश की मनमोहक झांकी भी निकाली गई. यात्रा संयोजक प्रताप भानु सिंह शेखावत ने बताया कि मोती डूंगरी रोड़, सांगानेरी गेट, बड़ी चौपड़, त्रिपोलिया बाजार, गणगौरी बाजार, ब्रह्मपुरी होते हुए गढ़ गणेश मन्दिर पहुंचकर विसर्जित हुई. जगह-जगह आतिशबाजी की गई. एक दर्जन से अधिक संत महंतों ने आरती कर शोभायात्रा की अगुवानी की. लगभग 13.5 किमी. की दूरी में प्रथम पूज्य ने सैर सपाटा किया.
शहर के इस हिस्सों से निकले भगवान गणेश
रथ में सवार रंग बिरंगी रोशनी, केसरियां ध्वज के बीच नौका विहार, गजराज पर बैठे, रिद्धि सिद्धि के साथ नृत्य करते, हवामहल पर भक्तों को दर्शन देते गजराज, भोलेनाथ का अभिषेक करने के साथ ही भगवान गणेश के जीवन से जुड़ी गणेश पुराण पर आधारित चित्र, स्वरूप और स्वचालित झांकियां देखने लायक रही. 25 झांकियां स्वचालित रही. आजादी के अमृत महोत्सव के तहत भगवान गणेश के सामने तिरंगा थामे भारत माता, नोबत नगाड़ों, पृथ्वी पर नृत्य, शेषनाग पर आकर्षक नृत्य और सखियां वादयंत्र करते नजर आई.
अन्य साल के मुकाबले इस साल झांकियों की संख्या ज्यादा रही. विभिन्न मंदिर प्रबंधनों, समाज-समितियों की मंडलियों की चित्र झांकी भी खास रही. इस दौरान ब्राह्मण, अग्रवाल सहित अन्य समाजों के पदाधिकारी भी मौजूद रहे. शोभायात्रा में सुरक्षा व्यवस्थाएं भी चाक चौबंद रही. जौहरी बाजार में समिति का निर्णायक मंडल का स्टेज बनाया. इसके साथ ही जगह-जगह स्टॉल्स लगाकर जलपान, प्रसादी वितरित की.
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