किसान नेता बालूराम का शहादत दिवस मनाया गया. इस मौके पर उनके स्मारक पर पुष्पांजलि कार्यक्रम का आयोजन करने के बाद किसान सभा हुई
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Jhunjhunu: झुंझुनूं के किसान नेता बालूराम का शहादत दिवस मनाया गया. इस मौके पर उनके स्मारक पर पुष्पांजलि कार्यक्रम का आयोजन करने के बाद किसान सभा हुई. जिसमें किसान नेताओं ने विचार रखे और किसानों से जुड़े आंदोलनों को जारी रखने की बात कही.
उन्होंने कहा कि जिस तरह से बालूराम ने बिजली की बड़ी दरों के खिलाफ आंदोलन कर अपनी जान गंवाई थी, उसी प्रकार हमें भी किसानों के हक और हुकूक के लिए जान की बाजी लगानी पड़ेगी. वर्तमान में केंद्र और राज्य सरकार केवल किसान हितैषी होने का ढोंग रच रही है. आपको बता दें कि 36 साल पहले झुंझुनूं 1986 में जिले के धमोरा निवासी किसान नेता बालूराम ने किसानों के हितों की रक्षा के लिए अपने जीवन का बलिदान कर दिया था. बिजली की दरों में बढ़ोतरी का किसान तीखा विरोध कर रहे थे.
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तत्कालीन सरकार ने राजस्थान की तमाम सरकारी स्कूलों को जेल में तब्दील कर दिया था. किसानों का आंदोलन चरम पर था, झुंझुनूं कलेक्ट्रेट पर आंदोलनकारी किसानों ने कलेक्ट्रेट के अंदर घुसने की कोशिश की. पुलिस ने प्रदर्शनकारी किसानों पर गोलियां चला दी, इस दौरान पुलिस की एक गोली किसान नेता बालूराम को लगी. बालूराम इस आंदोलन में शहीद हो गए. इसके बाद तत्कालीन सरकार ने बिजली दरों को वापस ले लिया. आपको बता दें कि 36 साल पहले बिजली की दरों में महज दो पैसे की बढोतरी करने पर ही किसानों ने बड़ा आंदोलन किया और बालूराम ने अपनी जान तक गंवा दी थी.
Reporter: Sandeep Kedia