जयपुर में बनेगा भूकंप से बांधों की सुरक्षा का राष्ट्रीय केन्द्र, MNIT और जलशक्ति मंत्रालय के बीच MOU
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जयपुर में बनेगा भूकंप से बांधों की सुरक्षा का राष्ट्रीय केन्द्र, MNIT और जलशक्ति मंत्रालय के बीच MOU

देश में बांधों की भूकंप और अन्य आपदाओं से सुरक्षा का राष्ट्रीय केन्द्र जयपुर के मालवीय राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एमएनआईटी) में स्थापित किया जाएगा.

जयपुर में बनेगा भूकंप से बांधों की सुरक्षा का राष्ट्रीय केन्द्र, MNIT और जलशक्ति मंत्रालय के बीच MOU

Jaipur news : देश में बांधों की भूकंप और अन्य आपदाओं से सुरक्षा का राष्ट्रीय केन्द्र जयपुर के मालवीय राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एमएनआईटी) में स्थापित किया जाएगा. इसके लिए सोमवार को केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत की मौजूदगी में एमएनआईटी और मंत्रालय के राष्ट्रीय बांध सुरक्षा प्राधिकरण के बीच एक समझौते (एमओयू) पर हस्ताक्षर हुए. केंद्रीय जलशक्ति मंत्री शेखावत ने कहा कि केन्द्र सरकार बांधों की सुरक्षा और रख-रखाव के प्रति मिशन मोड में काम कर रही है.

मालवीय राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान में कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री शेखावत ने कहा कि भारत दुनिया के तीसरे सबसे अधिक बांधों वाला देश है. यहां छह हजार से अधिक बांध है. 25 प्रतिशत से अधिक बांध ऐसे हैं, जो 50 प्रतिशत से ज्यादा की लाइफ पूरी कर चुके हैं. अनेक बांध सौ साल पुराने भी हो चुके. बांध की उम्र और उसके टिकाउपन में कोई संबंध नहीं है. सबसे पुराना बांध दो हजार साल पुराना बांध भी काम कर रहा है.

केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि देश में बांधों के रख-रखाव को लेकर उनकी सुरक्षा को लेकर नीति बननी चाहिए थी. अस्सी के दशक में इस पर चर्चा भी हुई, लेकिन 40 साल तक केवल विचार ही होता रहा. पीएम नरेन्द्र मोदी ने बांधों की सुरक्षा को लेकर संकल्प लिया और वर्ष 2021 में बांध सुरक्षा से संबंधित कानून बनाया गया. उन्होंने कहा कि बांधों के रख-रखाव से तात्पर्य उसके ढांचे की सुरक्षा ही नहीं है, बल्कि उसके सिस्टम को ठीक रखना भी है. इससे हम बाढ़ जैसी आपदाओं से भी बच सकेंगे. पिछली बार केरल में जो बाढ़ आई थी, उसमें कहीं न कहीं बांधों की कमजोर सुरक्षा का मसला भी था.

केन्द्र को 30 करोड़ की वित्तीय सहायता 
केन्द्रीय मंत्री शेखावत ने बताया कि इस केन्द्र को जलशक्ति मंत्रालय से 30 करोड़ की वित्तीय सहायता मिलेगी. इससे केंद्र की स्थापना की जाएगी. इस केंद्र के माध्यम से बांध अभियंताओं और नीति निर्माताओं के साथ मिलकर समग्रता से काम करना, भारत में बांधों की संरचनात्मक और भूकंप सुरक्षा से संबंधित प्रौद्योगिकी विकास करना और भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए स्वदेशी क्षमताओं का अत्याधुनिक तकनीक से संपन्न कराना प्रमुख काम होगा.

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कार्यक्रम को एमएनआईटी जयपुर डायरेक्टर प्रो. एन.पी. पाढ़ी, खुशविंदर वोहरा, अध्यक्ष, केंद्रीय जल आयोग, संजय कुमार सिब्बल, अध्यक्ष, एनडीएसए ने संबोधित किया तथा बांध सुरक्षा और एमओयू के बारे में जानकारी दी. कार्यक्रम में जयपुर शहर सांसद रामचरण बोहरा, ऋचा मिश्रा, सदस्य, एनडीएसए, जेएस एंड एफए, जलशक्ति मंत्रालय, प्रो गुणवंत शर्मा, डीन (आर एंड सी), एमएनआईटी जयपुर सहित संस्थान के अनेक अधिकारी और प्रोफेसरों के साथ जलशक्ति मंत्रालय के भी अधिकारी उपस्थित रहे.

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