Delhi से नहीं, अब 8 सिविल लाइन से निकलेगा मंत्रिमंडल विस्तार और फेरबदल का फॉर्मूला! अगस्त में है संभावना
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Delhi से नहीं, अब 8 सिविल लाइन से निकलेगा मंत्रिमंडल विस्तार और फेरबदल का फॉर्मूला! अगस्त में है संभावना

कांग्रेस के सूत्र बता रहे हैं कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के स्तर पर मंत्रिमंडल विस्तार और फेरबदल को अंतिम रूप दिया जा रहा है हालांकि यह तय है कि बड़ा बदलाव नहीं होगा लेकिन पायलट कैंप के चार मंत्रियों सहित 10 नए मंत्री बनाए जा सकते हैं.

राजस्थान में लगभग शांत हो चुकी मंत्रिमंडल विस्तार फेरबदल की कवायद एक बार फिर से तेज हो गई है.

Jaipur: राजस्थान (Rajasthan) में मंत्रिमंडल विस्तार और फेरबदल (Cabinet Expansion and Reshuffle) के लिए प्रभारी अजय माकन (Ajay Maken) की तमाम माथापच्ची और गुणा भाग के गणित के विफल होने के बाद अब बदलाव का फॉर्मूला 8 सिविल लाइन यानी मुख्यमंत्री आवास से निकलने जा रहा है. 

माना जा रहा है कि अगस्त महीने के आखिरी सप्ताह में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) राजस्थान में मंत्रिमंडल विस्तार और फेरबदल कर सकते हैं. मुख्यमंत्री ने अपने विश्वस्त लोगों की टीम की मदद से मिले फीडबैक के आधार पर नए मंत्रिमंडल का आकार और चेहरा तैयार कर लिया है. 

मंत्रिमंडल से चार से पांच मंत्रियों की छुट्टी हो सकती है जबकि पायलट कैंप के 4 विधायकों एक निर्दलीय और एक बसपा से आए विधायक सहित 10 नए मंत्री बनाए जा सकते हैं. कहा जा रहा है कि 9 सितंबर से विधानसभा के सत्र में गहलोत मंत्रिमंडल की नई टीम देखने को मिल सकती है.

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राजस्थान में लगभग शांत हो चुकी मंत्रिमंडल विस्तार फेरबदल की कवायद एक बार फिर से तेज हो गई है. जुलाई के आखिरी सप्ताह में राजस्थान के दौरे पर आए अजय माकन के महामंथन के बेनतीजा रहने के बाद अब मंत्रिमंडल विस्तार फेरबदल का नया फॉर्मूला आठ सिविल लाइंस यानी मुख्यमंत्री आवास पर तैयार हो चुका है. 

क्या कहना है कांग्रेस सूत्रों का
कांग्रेस के सूत्र बता रहे हैं कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के स्तर पर मंत्रिमंडल विस्तार और फेरबदल को अंतिम रूप दिया जा रहा है हालांकि यह तय है कि बड़ा बदलाव नहीं होगा लेकिन पायलट कैंप के चार मंत्रियों सहित 10 नए मंत्री बनाए जा सकते हैं. चर्चा इस बात की भी है निर्दलीय विधायकों और बसपा से आए विधायकों में से अधिकांश को संसदीय सचिव की जिम्मेदारी मिल सकती है. अजय माकन जिस जोश से जयपुर से दिल्ली गए थे और जोश और उत्साह ठंडा पड़ गया है. उनके बयान बता रहे हैं कि उन्होंने जो फॉर्मूला तैयार किया था वह उसे लागू करने में नाकाम रहे हैं यानी फॉर्मूला वही लागू होगा जो अशोक गहलोत ने तैयार किया है.

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राजस्थान में मंत्रिमंडल के फेरबदल विस्तार की संभावनाएं क्यों प्रबल हैं-
1. राजस्थान में 30 सदस्य मंत्रिमंडल में नो जगह रिक्त हैं. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पास 39 विभागों के कामकाज का जिम्मा है तो कई मंत्रियों पर भी अतिरिक्त भार आ गया है. इससे सरकार की परफॉर्मेंस प्रभावित हो रही है.
2. राजस्थान में कोरोना का ग्राफ बेहद कम है. जनजीवन और आर्थिक गतिविधियां पटरी पर आ गई है. सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं के प्रचार प्रसार के लिए मंत्रिमंडल में नई ऊर्जा का संचार जरूरी है. लिहाजा मंत्रिमंडल विस्तार फेरबदल के होने में कोरोना कोई बाधक नहीं है.
3. राजस्थान में जुलाई महीने में मंत्रिमंडल विस्तार और फेरबदल के लिए बड़े-बड़े दावे किए गए थे प्रभारी अजय माकन ने भी जयपुर में महामंथन के दौरान अपनी ताकत दिखाने की कोशिश की थी लेकिन तमाम दावे धरे रह गए. ऐसे में अगर अब मंत्रिमंडल विस्तार फेरबदल होता है तो इससे सियासी संदेश भी यही जाएगा कि मंत्रिमंडल विस्तार फेरबदल अशोक गहलोत की मर्जी से हुआ है ना कि प्रभारी अजय माकन या पायलट कैंप के दबाव के चलते.
4. राजस्थान में 6 जिलों में जिला परिषद और पंचायत समिति सदस्यों के चुनाव हो रहे हैं. 2 विधानसभा सीटों के उपचुनाव होने वाले हैं इसके अलावा हाल-फिलहाल कोई बड़े चुनाव नहीं है. राजस्थान सरकार को ढाई साल से अधिक का वक्त बीत चुका है. अशोक गहलोत की नजरें मिशन 2023 में विधानसभा चुनाव जीतने पर है. ऐसे में वे नए चेहरों को मौका दे सकते हैं.
5. राजस्थान में 9 सितंबर से विधानसभा का सत्र शुरू होने जा रहा है ऐसे में अगस्त के आखिरी सप्ताह में मंत्रिमंडल विस्तार फेरबदल कर गहलोत नई टीम को कामकाज संभालने का समय भी दे सकते हैं.

फेल हो गए अजय माकन के दावे
दरअसल ये सबको पता है कि राजस्थान में जो भी बदलाव होगा, वह मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की मर्जी से होगा. यही वजह है कि प्रभारी अजय माकन जुलाई के आखिरी सप्ताह में जिस जोश से जयपुर आए थे. 3 दिन व्यापक मंथन किया और यह दावा किया जा रहा था कि जल्द ही मंत्रिमंडल विस्तार फेरबदल होगा वह दावे फेल हो गए हैं. अजय माकन ने जयपुर से जाते समय कहा था मैं ही दिल्ली हूं लेकिन राजस्थान के सियासी हालातों ने बता दिया है कि जो भी होना है, वह अशोक गहलोत की मर्जी से ही होगा. 

अब अशोक गहलोत अगर दिल्ली जाते हैं तो वे सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) से उसी सूची पर मोहर लगवाएंगे, जो उन्होंने तय की है. कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि अगस्त महीने के आखिरी सप्ताह में मंत्रिमंडल विस्तार फेरबदल की यह कब आए होती है तो आप तय मानिए कि बदलाव और फेरबदल का पूरा फॉर्मूला 8 सिविल लाइन से ही निकलने वाला है.

 

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