Dudu, Jaipur: जयपुर के दूदू उपखंड मुख्यालय पर सबसे व्यस्तम मार्ग पर सुविधाओं का केवल नाम ही है. मुख्य मार्ग दूदू से नरैना मार्ग जहां सभी प्रशासनिक अधिकारियों के कार्यालय स्थित पर इसे अधिकारियों की अनदेखी कहे या लापरवाही, जीवन के महत्वपूर्ण पार्ट्स की तरफ इन अधिकारियों का ध्यान ही नहीं जाता है.
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Dudu, Jaipur: जयपुर के दूदू उपखंड मुख्यालय पर सबसे व्यस्तम मार्ग पर सुविधाओं का केवल नाम ही है. सुविधाओं के नाम पर बने हुए केंद्र के हालात इतने बदत्तर है कि आमजन इन सुविधाओं का लाभ तो दूर की बात इधर देखना भी पसंद नहीं करता है और आमजन इन सुविधा केंद्र से त्रस्त है. मुख्य मार्ग दूदू से नरैना मार्ग जहां सभी प्रशासनिक अधिकारियों के कार्यालय स्थित पर इसे अधिकारियों की अनदेखी कहे या लापरवाही, जीवन के महत्वपूर्ण पार्ट्स की तरफ इन अधिकारियों का ध्यान ही नहीं जाता है.
कस्बे के मुख्य चौराहे से नरैना रोड़ पर बने एक मात्र शौचालय की हो रही दुर्दशा से आमजन को लघुशंका जाने के लिए भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. साथ ही आमजन इनका उपयोग करने में भी शर्म महसूस करता है. जानकारी के अनुसार मुख्य चौराहे से नरैना जाने वाले व्यस्तम मार्ग पर एक मात्र शौचालय राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय की चार दीवारी के पास बना हुआ है. पंचायत प्रशासन ने शौचालय को इस उद्देश्य से बनाया था कि नरैना रोड़ जो कि सबसे व्यस्तम है.
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साथ ही इसी रोड़ पर राजकीय उच्च माध्यमिक, राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, राजकीय उप जिला अस्पताल के साथ ही अधिकांश व्यावसायिक प्रतिष्ठान, दूदू कस्बे सदर बाजार में आने-जाने वाले वाशिंदो के साथ-साथ सरकारी कार्यालयों और सामान खरीदने के लिए आस-पास के गांवों से आने वाले लोगों की दिनभर आवाजाही रहती है और सरकारी और निजी विद्यालयों में अध्ययन करने वाले छात्रों की सुविधा के लिए सुविधा मिल सके, लेकिन इनकी साफ-सफाई और जीर्ण-शीर्ण होने से सुविधा के बजाय दुविधा बनकर रह गए है. साथ ही लोगों को शर्मिन्दा कर रहे हैं और इन खुले शौचालय की दुर्दशा के चलते विशेष परिस्थिति में लघुशंका जाने वाले लोगों को वहां से सिर झुकाकर वापस शर्मिन्दगी के साथ दूसरा ठिकाना ढूंढने को मजबूर होना पड़ता है.
जानकारी के अनुसार बढ़ती आबादी और वाहनों की आवाजाही के चलते नरैना रोड़ पर बना शौचालय नाकाफी तो है ही, साथ ही शौचालय दुर्दशा का भी शिकार हो रहे है. गौरतलब है कि इसी नरैना रोड़ पर पुलिस-प्रशासन के साथ ही न्यायिक विभाग के कार्यालय भी संचालित है, फिर भी अधिकारी आमजन की सुविधाओं के लेकर बेखबर है, जिसका सीधा खामियाजा आमजन को भुगतना पड़ रहा है.
Reporter: Amit Yadav
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