नई योजना में वर्ष 2022-23 में एक लाख परिवारों को अकृषि कार्यों के लिए 2 हजार करोड़ रुपये का ब्याज मुक्त ऋण दिया जाएगा. राज्य के ग्रामीण क्षेत्र में विगत 5 वर्षों से निवास कर रहे परिवार ऋण के लिए पात्र होंगे.
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Jaipur: प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्र के परिवारों के लिए राजस्थान ग्रामीण परिवार आजीविका ऋण योजना लागू की है. इस नई योजना में वर्ष 2022-23 में एक लाख परिवारों को अकृषि कार्यों के लिए 2 हजार करोड़ रुपये का ब्याज मुक्त ऋण दिया जाएगा. राज्य के ग्रामीण क्षेत्र में विगत 5 वर्षों से निवास कर रहे परिवार ऋण के लिए पात्र होंगे. यह ऋण वाणिज्यिक बैंकों, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों, सहकारी बैंकों और स्माल फाईनेंस बैंकों के माध्यम से मिलेगा. राज्य सरकार इस प्रकार के ऋणों के लिए 100 करोड़ रुपये का ब्याज अनुदान देगी.
सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्र में कई परिवार, कृषि और पशुपालन के साथ-साथ अकृषि गतिविधियां जिसमें हस्तशिल्प, लघु उद्योग, कताई-बुनाई, रंगाई-छपाई आदि पर भी आजीविका के लिए निर्भर है. इन कार्यों के लिए अकृषि क्षेत्र में एक लाख परिवारों को 2 हजार करोड़ रुपये के ब्याज मुक्त ऋण वितरित किए जाने की बजट घोषणा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने की थी. मुख्यमंत्री गहलोत ने इस योजना को मंजूरी दे दी है. योजना के लागू होने से अब ग्रामीण क्षेत्र के कृषक परिवारों को कृषि कार्यों के साथ-साथ अकृषि कार्यों के लिए भी ब्याज मुक्त ऋण मिल पाएगा.
उन्होंने बताया कि योजना में अन्य पात्रता मापदंड़ों की पूर्ति करने वाले लघु एवं सीमांत कृषक और भूमिहीन श्रमिक जो कि किराएदार, मौखिक पट्टेदार, बटाईदार के रूप में काश्त कर रहे परिवार भी पात्र होंगे. इसके अतिरिक्त ग्रामीण दस्तकार और अकृषि कार्यों में जीवन यापन करने वाले ग्रामीण परिवार के सदस्य भी पात्र होंगे. इसके साथ ही राजीविका के स्वयं सहायता समूहों, उत्पादक समूहों और व्यवसायिक समूहों के व्यक्तिगत सदस्यों को सामूहिक गतिविधियों के लिए ऋण उपलब्ध करवाया जाएगा. प्रति समूह अधिकतम 10 सदस्यों को व्यक्तिगत रूप से ऋण दिया जाएगा और ऋण की अधिकतम राशि 2 लाख रुपये होगी.
सहकारिता मंत्री ने बताया कि राजीविका के इन समूहों और इन समूहों में से पात्र लाभार्थियों का चयन राजीविका की स्थानीय ईकाई द्वारा किया जाकर जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में कमेटी को अनुशंषा करेगी. उन्होंने बताया कि ऋण के लिए आवेदक का बैंक शाखा के कार्य क्षेत्र और जिले का निवासी होना जरूरी है. उसका आधार एवं जनाधार बना हो. परिवार के सदस्य के पास किसी भी लाईसेंसधारी बैंक से जारी किया हुआ किसान कार्ड होना चाहिए. जिन परिवारों के पास किसान क्रेडिट कार्ड नहीं हो उनको नए सदस्य के रूप में अकृषि कार्यों के लिए क्रेडिट कार्ड स्वीकृत करेगा. आवेदक से कोई प्रोसेसिंग फीस नहीं ली जाएगी.
आंजना ने बताया कि आवेदक को संपूर्ण ऋण साख सीमा के रूप में स्वीकृत किया जाएगा. साख सीमा राशि का आंकलन व्यवसाय की पूंजीगत आवश्यकताओं, कार्यशील पूंजी और रोजमर्रा की जरूरतों को ध्यान में रखकर की जाएगी. स्वीकृत साख सीमा का प्रतिवर्ष नवीनीकरण करवाना होगा अर्थात् एक वर्ष पूर्ण होने पर खाते में बकाया राशि जमा करवाकर साख सीमा को अगले वर्ष के लिए नवीनीकृत करवाना होगा. इस योजना के लिए राज्य सरकार द्वारा आगामी वर्षों में भी निरंतर ब्याज अनुदान राशि दी जाएगी.
सहकारिता मंत्री ने बताया कि वाणिज्यिक बैंकों द्वारा 55 हजार 158, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों द्वारा 36 हजार 741, सहकारी बैंकों द्वारा 5 हजार 949 तथा स्माल फाईनेंस बैंकों द्वारा 2 हजार 152 सहित कुल एक लाख ग्रामीण परिवारों को ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है. स्वीकृत ऋण राशि का चुकारा एक वर्ष की अवधि में करना होगा और ऋणी आगामी वर्ष के लिए साख सीमा का नवीनीकरण करवा सकेगा. कलेक्टर द्वारा जिले को आवंटित कुल लक्ष्य संख्या के आधार पर ग्रामीण क्षेत्र से पात्र परिवार का चयन किया जाएगा. पोर्टल पर प्राप्त ऑनलाइन आवेदनों का कलेक्टर की अध्यक्षता में कमेटी पात्रता मापदंडों का परीक्षण कर ऋण आवेदन-पत्र संबंधित बैंक शाखा को भेजेगी. शाखा 15 दिवस में ऋण स्वीकृति पर निर्णय लेगी.
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