PHED ने पानी में बहा दिया सरकार का राजनीर,प्रदेश में लागू होने वाला प्रोजेक्ट जयपुर में ही फेल
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PHED ने पानी में बहा दिया सरकार का राजनीर,प्रदेश में लागू होने वाला प्रोजेक्ट जयपुर में ही फेल

जयपुर न्यूज: PHED ने  "सरकार का राजनीर" पानी में बहा दिया है.प्रदेश में लागू होने वाला प्रोजेक्ट जयपुर में ही फेल हो गया है.जिम्मेदार इंजीनियर इसको लेकर अपने अपने जवाब दे रहे हैं.

PHED ने पानी में बहा दिया सरकार का राजनीर,प्रदेश में लागू होने वाला प्रोजेक्ट जयपुर में ही फेल

Jaipur: पीएचईडी ने सरकार का राजनीर पोर्टल पानी में बहा दिया.पेयजल उपभोक्ताओं की सुविधाओं के लिए तैयार किया ऑनलाइन पोर्टल 4 साल बाद भी सक्सेज नहीं हुआ.फेलियर को लेकर जिम्मेदार इंजीनियर अपने अपने तर्क दे रहे है.

सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट सपनों में बहा-

पीएचईडी ने सरकार का राजनीर पोर्टल पानी में बहा दिया.जलदाय विभाग के सहयोग के बिना सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट सपनों में बह गया.ऑनलाइन पोर्टल तैयार करने वाले डीओआईटी विभाग ने माना है कि पीएचईडी ने सहयोग नहीं किया,जिस कारण 3 आई इन्फोटेक फर्म को टर्मिनेट कर दिया.फर्म को 210 दिन का समय दिया गया था,लेकिन बार-बार टाइम बढाया,1460 दिन बाद भी पीपीपी प्रोजेक्ट सफल नहीं हुआ,जिसके बाद फर्म से काम वापस ले लिया. जलदाय विभाग के जिम्मेदार चीफ इंजीनियर शहरी केडी गुप्ता का कहना है कि हमने डेटा उपलब्ध कराया,लेकिन फर्म की खामी रही.हालांकि वे लगातार कैमरे पर बोलने से बच रहे है.

ये फीचर्स,जो 4 साल में डेवलप नहीं हुए

राजनीर पोर्टल को नए कनेक्शन,बिलिंग,री-कनेक्शन और शिकायत के लिए 4 साल पहले लॉन्च किया गया था.लेकिन इस पोर्टल के माध्यम से सिर्फ नए कनेक्शन के लिए ही उपभोक्ता अप्लाई कर सकते है.उसमें भी बार-बार पोर्टल बंद होने की शिकायत आती है.लेकिन बिलिंग,री-कनेक्शन और शिकायत का ऑप्शन कोई ऑप्शन ही नहीं है.  

बिजली विभाग से सीख ले पीएचईडी-

अब जलदाय विभाग ने डीओआईटी विभाग को फिर से नए फर्म से टेंडर करने के लिए कहा है.पीएचईडी के चीफ इंजीनियर तकनीकी दलीप कुमार गौड़ का कहना है कि नई फर्म के साथ फिर से नए काम को शुरू करेंगे,जो खामियां रही है,उसे दूर करने का प्रयास किया जाएगा.पीपीपी मोड पर शुरू हुआ ये प्रोजेक्ट जयपुर से शुरू हुआ था,जिसे पूरे राजस्थान में लागू करना था.लेकिन सालों बीतने के बाद भी जलदाय विभाग टेक्नो फ्रेंडली नहीं बन पाया.ऐसे में सवाल ये है कि क्या पीएचईडी को बिजली विभाग से सीख नहीं लेनी चाहिए,जो आईटी से जुडकर बिजली उपभोक्ताओं की मुश्किलें आसान कर रहा है.

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