जेपी नड्डा के राजस्थान दौरे के सियासी मायने, AAP और Congress के खिलाफ क्या रहेगी रणनीति ?
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जेपी नड्डा के राजस्थान दौरे के सियासी मायने, AAP और Congress के खिलाफ क्या रहेगी रणनीति ?

Rajasthan : जेपी नड्डा के दो दिन के राजस्थान दौरे को भव्य बनाने के लिए बीजेपी ने पूरी ताकत लगा दी है. बूथ अध्यक्ष संकल्प सम्मेलन और कार्यकर्ताओं की सभा में भीड़ जुटाने में पूरी ताकत लगा दी है. जेपी नड्डा यहां से एक साथ 10 जिलों के पार्टी कार्यालयों का उद्घाटन कर एक तरह से दसों जिलों के कार्यकर्ताओं से सीधा कनेक्ट बनाने की कोशिश कर रहे है. उत्तरी राजस्थान के नहरी बेल्ट में होने वाले इस दौरे के कई सियासी मायने है. 

जेपी नड्डा के राजस्थान दौरे के सियासी मायने

Rajasthan : जेपी नड्डा के दो दिन के राजस्थान दौरे को भव्य बनाने के लिए बीजेपी ने पूरी ताकत लगा दी है. बूथ अध्यक्ष संकल्प सम्मेलन और कार्यकर्ताओं की सभा में भीड़ जुटाने में पूरी ताकत लगा दी है. जेपी नड्डा यहां से एक साथ 10 जिलों के पार्टी कार्यालयों का उद्घाटन कर एक तरह से दसों जिलों के कार्यकर्ताओं से सीधा कनेक्ट बनाने की कोशिश कर रहे है. उत्तरी राजस्थान के नहरी बेल्ट में होने वाले इस दौरे के कई सियासी मायने है. 

क्या है यहां का मौजूदा गणित ?

जेपी नड्डा के इस दौरे में विशेष ध्यान बीकानेर संभाग पर है. जहां संभाग की 24 सीटों पर नजर है. वर्तमान समय में इन 24 सीटों में से 10 सीटें बीजेपी के पास है. ग्यारह सीटों पर कांग्रेस का कब्जा है. दो सीटें बीकानेर की डूंगरगढ़ और हनुमानगढ़ की भादरा सीट CPI (M) के पास है. तो वहीं श्रीगंगानगर की शहरी सीट से राजकुमार गौर निर्दलीय विधायक है. 2013 के चुनाव में यहां जमींदारा पार्टी ने अपने पांव पसारने शुरु किए थे. 2013 में विधानसभा की दो सीटें भी जीती थी. 2018 के चुनावों से पहले जमींदारा पार्टी की एक विधायक सोना देवी बावरी ने सचिन पायलट की मौजूदगी में कांग्रेस का दामन थामा था. 2018 में पार्टी एक भी सीट नहीं जीत पाई. 

इस इलाके में क्या है बीजेपी की चिंता ?

राजस्थान का ये उत्तरी इलाका पंजाब से सटा हुआ है. देशभर में जब किसान आंदोलन हुआ. तो राजस्थान में उसका सबसे ज्यादा असर भी इसी इलाके में हुआ. नहरी बेल्ट के सैकड़ों किसानों ने सक्रिय रुप से आंदोलन में भाग लिया. पंजाब में हाल ही में आम आदमी पार्टी की सरकार बनी है. पंजाब की राजनीति का भी उत्तरी राजस्थान के कुछ इलाकों में असर पड़ता है. लिहाजा पिछले कुछ समय से आम आदमी पार्टी भी इस इलाके में संभावनाएं तलाशने में जुटी है. 2013 से 2018 तक जो कार्यकर्ता जमिंदारा पार्टी के साथ जुड़े हुए थे. वे भी अब AAP का रुख कर रहे है. कांग्रेस भी इस इलाके में किसानों के मुद्दों पर बीजेपी के खिलाफ वोटर को लुभाने की कोशिश कर रही है. 

ऐसे में बीजेपी की ये कोशिश है. कि इस इलाके में पार्टी के कार्यकर्ताओं को वक्त रहते सक्रिय किया जाए. जेपी नड्डा इस दौरे के जरिए यहां के कार्यकर्ताओं की नब्ज टटोलने की कोशिश करेंगे. ताकि आगे की रणनीति पर काम किया जा सके. 

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