पेयजल, बिजली, अतिक्रमण हर बार वही पुरानी समस्याएं, जिनका निराकरण स्थानीय स्तर पर नहीं हो रहा है, वे समस्याएं जिलास्तर पर हो रही जनसुनवाई में सामने आ रही हैं. सीधा सा मतलब है कि स्थानीय स्तर पर अधिकारियों की ओर से आमजन की समस्याओं पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है.
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जयपुरः पेयजल, बिजली, अतिक्रमण हर बार वही पुरानी समस्याएं, जिनका निराकरण स्थानीय स्तर पर नहीं हो रहा है, वे समस्याएं जिलास्तर पर हो रही जनसुनवाई में सामने आ रही हैं. सीधा सा मतलब है कि स्थानीय स्तर पर अधिकारियों की ओर से आमजन की समस्याओं पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है. ग्राम पंचायत, उपखंड स्तर के बाद आज जिला स्तर पर कलेक्टर राजन विशाल ने जिला परिषद सभागार में जनसुनवाई की.
इस जनसुनवाई में सांसद, विधायक, मेयर, जिला प्रमुख को भी बुलाया गया था. लेकिन निगम हैरीटेज मेयर मुनेश गुर्जर के अलावा कोई भी जनसुनवाई में नही पहुंचा. न सांसद, न विधायक, न जिला प्रमुख. जनसुनवाई में 64 फरियादी अपनी फरियाद लेकर पहुंचे. जनसुनवाई में सबसे ज्यादा मामले राजस्व, नामांतरण, जेडीए, पेयजल, अतिक्रमण, खाद्य सुरक्षा योजना, पेंशन योजना को लेकर पहुंचे.
जिला कलेक्टर राजन विशाल ने अफसरों से पूछा कि आखिर इन लोगों को यहां क्यो आना पड़ रहा है. इससे समझ मे आता है कि लोगों की समस्याओ का लोकल स्तर पर समाधान नहीं हो रहा है. जनसुनवाई में देखा गया कि अधिकतर अफसर तैयारी के साथ नहीं आ पाए. जिससे लोगों की समस्याओं का मौके पर समाधान नही हो पाया. राजन विशाल ने बताया कि जनसुनवाई में आये फरियादियों की संख्या से एक बात समान रही कि स्थानीय स्तर पर अधिकारी छोटी-छोटी समस्याओं पर भी ध्यान नहीं दे रहे हैं.
अगर इन समस्याओं पर थोड़ा सा ध्यान देकर उनका निस्तारण स्थानीय स्तर पर ही कर दिया जाए तो लोगों को इतनी दूर समस्याएं लेकर नहीं आना पड़ेगा. विशाल ने जनसुनवाई में पहुंचे अफसरों से दो टूक कहा कि यदि प्रकरण ग्राम या उपखण्ड स्तर पर समाधान होने का है और उसका समाधान वहां नही हुआ तो उस अधिकारी के खिलाफ भी कार्रवाई होगी. आम आदमी की समस्याओं का प्राथमिकता से निस्तारण करें. अगर एक ही परिवाद दुबारा आता है तो यह स्पष्ट करता है कि संबंधित अधिकारी आमजन के काम नहीं कर रहा है.
Report- Deepak Goyal