Rajasthan News: धनतेरस और दिवाली के बाद साल के सबसे बड़े खरीददारी और शुभ कार्यों के लिए स्वयं सिद्ध अबूझ मुहूर्त अक्षय तृतीया का दिन माना जाता है. इसी दिन परशुराम जयंती भी होती है.
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Jaipur News: धनतेरस और दिवाली के बाद साल के सबसे बड़े खरीददारी और शुभ कार्यों के लिए स्वयं सिद्ध अबूझ मुहूर्त अक्षय तृतीया यानी आखातीज का पर्व रोहिणी और मृगशिरा नक्षत्र, सुकर्मा सहित अन्य योग-संयोगों में मनाया जाएगा. इसी दिन परशुराम जयंती भी है.
ऐसे में राजधानी जयपुर समेत प्रदेशभर में मांगलिक कार्यों की धूम रहेगी. बाजार में रेकॉर्ड धनवर्षा की भी उमीद है. ज्योतिषविदों के मुताबिक, सोने-चांदी के आभूषण समेत वाहन, प्रॉपर्टी, इलेक्ट्रॉनिक सामान सहित अन्य की खरीददारी को चिरस्थायी माना गया है. इस दिन की गई खरीदारी अक्षय मानी गई है यानी खरीदारी कभी नाश नहीं होने वाली रहती है. यह पर्व सीधा लक्ष्मी कुबेर से जुड़ा है.
पौराणिक मान्याताओं के मुताबिक, यह वह दिन है जब भगवान शिव ने कुबेर को खजाने के स्वामी और माता लक्ष्मी को धन की देवी होने का आशीर्वाद दिया था. खरीदी गई ज्वैलरी और सामान शाश्वत समृद्धि के प्रतीक है. चंद्रमा वृषभ राशि में रहने से शुभ कार्यों के लिए सफलता वाले होंगे.
जरूरतमंदों को किए दान-पुण्य व पुनीत कार्य का कभी क्षय नहीं होता. गर्मी के दिनों में मीठे जल पिलाना उत्तम फल प्रदान करता है. इस दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा का विशेष महत्व है. इस दिन गो, भूमि, तिल, स्वर्ण, घी, वस्त्र, धान्य, गुड़, चांदी, नमक, शहद, मटकी, खरबूजा का दान करना विशेष फलदायी होता है.
जयपुर जिले में 2500 से अधिक शादियां होंगी. आखातीज में ग्रामीण क्षेत्र में शादियां ज्यादा होती है. जिले में 15 समाजों से अधिक के सामूहिक विवाह समेलन होंगे. इस दौरान फिजूलखर्ची की रोकथाम के साथ ही कन्या भ्रूण हत्या नहीं करने सहित अन्य सामाजिक संदेश दिए जाएंगे.
इधर, बाबा रामदेव बलाई समाज विकास समिति की ओर से बलाई समाज के 22 जोड़ों का नि:शुल्क विवाह समेलन डीसीएम निर्माण नगर स्थित सामुदायिक पार्क में होगा. समाज के संत रथ में सवार होकर कलश यात्रा की शोभा बढ़ाएंगे.
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