Rajasthan Crime News:जल जीवन मिशन के 900 करोड के भ्रष्टाचार के मामले में ED के बाद CBI की एंट्री हो गई है.CBI गणपति और श्री श्याम ट्यूबवेल फर्म ने फर्जी प्रमाण पत्रों द्वारा हासिल किए टैंडरों के ओरिजिनल दस्तावेज मांगे है.
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Rajasthan Crime News:जल जीवन मिशन के 900 करोड के भ्रष्टाचार के मामले में ED के बाद CBI की एंट्री हो गई है.CBI गणपति और श्री श्याम ट्यूबवेल फर्म ने फर्जी प्रमाण पत्रों द्वारा हासिल किए टैंडरों के ओरिजिनल दस्तावेज मांगे है.CBI की जांच तेज होने के बाद अब जलदाय विभाग के इंजीनियर्स की मुश्किलें और बढ़ गई है.
CBI की एंट्री पर इंजीनियर्स में खलबली
राजस्थान का जल जीवन मिशन जेल जाओं मिशन बन गया है.ED ने हाल ही में फर्जी प्रमाण पत्र के नाम पर 900 करोड का घोटाला करने वाले ठेकेदार पदमचंद और महेश मित्तल को गिरफ्तार किया ही था कि उधर CBI की जांच ने भी जोर पकड़ लिया है.गणपति-श्री श्याम ट्यूबवेल फर्म के अब तक सभी फर्जी प्रमाण पत्रों द्धारा लिए गए टैंडरों के ओरिजिनल सभी फाइले CBI ने मांगी है.
PHED को दोनों फर्मों के 11 फर्जी प्रमाण पत्रों से ओरिजिनल दस्तावेज सीबीआई को सौंपने होंगे.मुख्य अभियंता ग्रामीण KD गुप्ता को इन फर्मों से जुड़े टैंडरों के ओरिजिनल डॉक्यूमेंट चीफ इंजीनियर प्रशासन दिनेश गोयल को 7 दिन में देने होंगे.
इसके लिए अतिरिक्त मुख्य अभियंता,अधीक्षण अभियंता और अधिशासी अभियंताओं के यहां से फाइले मंगाई जा रही है.CBI की एंट्री के बाद जल जीवन मिशन से जुड़े इंजीनियर्स में खलबली मच गई है.
मनी लॉन्ड्रिंग के बाद अब भ्रष्टाचार की जांच
श्री श्याम और गणपति ट्यूबवेल फर्म के मालिक पदमचंद जैन और महेश मित्तल ने इरकॉन कंपनी के नाम से फर्जी प्रमाण पत्र बनाया था,पदमचंद और महेश मित्तल दोनों रिश्ते में जीजा साला है.सीबीआई ने दोनों ठेकेदारों के साथ एक्सईएन विशाल सक्सेना समेत अन्य के खिलाफ दिल्ली में मामला दर्ज कर रखा है.
हाल ही में ईडी ने पदमचंद और महेश मित्तल को मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में गिरफ्तार किया है.लेकिन अब सीबीआई की जांच में भ्रष्टाचार की परते खुलेगी.क्योंकि कई जगह खबरें आ रही है कि बिना पाइप लाइन डाले ही करोडों का पैमेंट ठेकेदारों को किया गया.
फिर से देखी जा सकती CBI की छापेमारी
हालांकि PHED ने दोनों फर्मों के कार्यों की जांच पूरी कर ली है,जिसमें काफी अनियमित्ताएं मिली है,लेकिन CBI की एंट्री के बाद तो अब भ्रष्टाचार की परत दर परत खुलेगी.
पूरे मामले में सीबीआई ने इंजीनियर और ठेकेदारों के ठिकानों पर छापे मार चुकी है.लेकिन जांच का दायरा बढ़ने के बाद अब सीबीआई की फिर से छापेमारी देखी जा सकती है.ईडी इस घोटाले में 3 बार छापे मार चुकी है.
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