Rajasthan Election 2023 : चुनावी भंवर में फंसे दिग्गज, 'शगुन - अपशगुन' देख रहे नेताजी, खुद का घर छोड़कर नहीं निकल पाए...
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Rajasthan Election 2023 : चुनावी भंवर में फंसे दिग्गज, 'शगुन - अपशगुन' देख रहे नेताजी, खुद का घर छोड़कर नहीं निकल पाए...

Rajasthan Election 2023 : मरूधरा के महासमर में निर्णायक युद्ध की तैयारी है. प्रचार में महज एक दिन बचा है. आईए दिखाते हैं ये नेता कौन है और कैसे चुनावी चक्रव्यू में घिरे हुए हैं.

Rajasthan Election 2023 : चुनावी भंवर में फंसे दिग्गज, 'शगुन - अपशगुन' देख रहे नेताजी, खुद का घर छोड़कर नहीं निकल पाए...

Rajasthan Election 2023 : मरूधरा के महासमर में निर्णायक युद्ध की तैयारी है. प्रचार में महज एक दिन बचा है और राजनीतिक दलों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है, लेकिन कांग्रेस हो या बीजेपी दोनों के ही दिग्गज चुनावी भंवर में फंस गए, इन नेताओं को स्टार प्रचारक बनाया था, लेकिन अपने अपने चुनाव क्षेत्र में ही फंसकर रह गए.

इनमें से कुछ निकले भी तो एक दो विधानसभा सीटों पर ''शगुन'' के रूप में जाकर आ गए. वहीं दूसरी ओर कुछ दिग्गज ऐसे भी हैं जो नामांकन के बाद अपने क्षेत्र की ओर झांके भी नहीं. आईए दिखाते हैं ये नेता कौन है और कैसे चुनावी चक्रव्यू में घिरे हुए हैं.

मरूधरा के महासमर में बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही दलों ने अपने अपने प्रमुख सिपहसालारों को मैदान में उतारा. दोनों ही पार्टियों ने इनमें कुछ नेताओं को पार्टी के स्टार प्रचारकों में शामिल किया. टिकट घोषणा के बाद नामांकन और इसके बाद इन स्टार प्रचारकों को अपने क्षेत्र के बजाय दूसरी सीटों पर चुनाव प्रचार करना था. दूसरी ओर उनके खुद के क्षेत्र में चुनावी गणित इस कदर उलझ गया कि वो अपने क्षेत्र को छोड़कर बाहर नहीं निकल पा रहे हैं.

पार्टी के इन स्टार प्रचारक नेताओं को खुद के क्षेत्र में सामने वाले प्रत्याशी से कड़ी टक्कर मिल रही है, वहीं कहीं कहीं तीसरे उम्मीदवार के कारण मुकाबला त्रिकोणिय हो गया है. हालात यह है कि इन सीटों पर हारजीत का ऊंट किसी भी करवट बैठ सकता है. थोड़ी भी ढील देने से फैसले पर असर पड़ सकता है.

ऐसे में पार्टी के स्टार प्रचारक होने के बावजूद ये अपनी सीट नहीं छोड़ पा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर कुछ ऐसे स्टार प्रचारक हैं जो नामांकन के बाद अपने क्षेत्र में गए ही नहीं और दूसरे प्रत्याशियों के समर्थन में जनसभाएं कर वोट मांग रहे हैं. दरअसल, यह चुनाव कई नेताओं का भविष्य तय करेगा, इसलिए कोई भी जोखिम उठाने के मूड में बिल्कुल भी नहीं है.

राजेंद्र राठौड़ 

नेता प्रतिपक्ष और बीजेपी के कद्दावर नेता राजेंद्र राठौड़ तारानगर से सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. सात बार के विधायक राजेंद्र राठौड़ को इस बार सीट बदलकर चूरू के बजाय तारानगर से उतारा है. उनके सामने मौजूदा विधायक और कांग्रेस के चार बार के सांसद नरेंद्र बुढानियां कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं. राठौड़ और बुढानियां के बीच कांटे का मुकाबला है और ये परिणाम भविष्य की सियासत पर सीधा असर डालेंगे. राठौड़ बीजेपी की स्टार प्रचारकों की सूची में है, लेकिन आसपास की एक दो सीटों को छोड़कर प्रदेशभर में चुनाव प्रचार के लिए नहीं निकल पाए हैं.

सतीश पूनियां 

उपनेता प्रतिपक्ष और पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां बीजेपी के आमेर से प्रत्याशी हैं. पूनियां वर्तमान विधायक हैं और इस बार भी इस सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. पूनियां के सामने कांग्रेस प्रशांत शर्मा चुनाव लड़ रहें है वहीं आरएलपी विनोद जाट मुकाबले को त्रिकोणिए बनाए हुए हैं. पूनियां बीजेपी के स्टार प्रचारकों की सूची में शामिल हैं, लेकिन पेंच फंसा हुआ हाेने के कारण दूसरी सीटों पर खास प्रचार नहीं कर पाए हैं.

किरोड़ीलाल मीणा

सांसद किरोड़ीलाल मीणा को बीजेपी ने सवाई माधोपुर से टिकट दिया है. वहीं कांग्रेस ने वर्तमान विधायक अबरार अहमद पर भरोसा दिखाया, वहीं बीजेपी की बागी आशा मीणा ने भी ताल ठोक कर मुकाबले को त्रिकोणीय बना दिया है. किरोड़ी लाल स्टार प्रचारकों की सूची में शामिल है, लेकिन त्रिकोणिय मुकाबले में फंसे होने के कारण वो ज्यादातर अपने क्षेत्र में ही फंसे हैं. हालांकि मीणा बूंदी हिंडौली, महुवा सहित कुछ आसपास की सीटों पर प्रचार के लिए निकले हैं, लेकिन शेष समय अपने क्षेत्र में ही प्रचार कर रहे हैं.

हरीश चौधरी 

पूर्व मंत्री और कांग्रेस के पंजाब प्रभारी हरीश चौधरी मारवाड़ में बाड़मेर जिले की बायतु सीट से चौधरी कांग्रेस के प्रत्याशी हैं. हरीश चौधरी के लिए इस बार मुकाबला आसान नहीं होगा. बीजेपी से उनके सामने बालाराम मूंढ को उतारा है, वहीं हनुमान बेनीवाल की पार्टी आरएलपी से उम्मेदाराम बेनीवाल भी प्रत्याशी हैं. हरीश चौधरी कांग्रेस के स्टार प्रचारक हैं, लेकिन त्रिकोणिय मुकाबले में फंसे होने के कारण वो अपनी सीट से दूसरे क्षेत्रों में प्रचार के लिए नहीं निकल पाए हैं.

महेंद्रजीत सिंह मालवीय

राज्य के कैबीनेट मंत्री महेंद्रजीत सिंह मालवीय बागीदौरा से कांग्रेस प्रत्याशी हैं. उनके सामने भाजपा ने कृष्णा कटारा को उतारा है. प्रदेश कार्यकारिणी में शामिल ने कृष्णा कटारा ने मालवीय के लिए मुसीबतें पैदा कर रखी है. ऐसे में मालवीय पूरे प्रदेश में प्रचार के लिए नहीं निकल पा रहे हैं.

ममता भूपेश

कैबीनेट मंत्री ममता भूपेश को भी कांग्रेस ने स्टार प्रचारक बनाया हुआ है. ममता भूपेश सिकराय से चुनाव लड़ रही है और उनके सामने बीजेपी ने वापस विक्रम बंशीवाल को टिकट दिया है.

प्रमोद जैन भाया

प्रमोद जैन भाया के सामने अंता विधानसभा सीट पर भाजपा ने कंवर लाल मीणा को प्रत्याशी बनाया है. कंवरलाल मीणा की टक्कर के कारण भाया आसपास की सीटों पर भी चुनाव प्रचार के लिए नहीं जा पाए.

धीरज गुर्जर

भीलवाडा जिले की जहाजपुर सीट से कांग्रेस के धीरज गुर्जर चुनाव लड़ रहे हैं. उनके सामने भाजपा के वर्तमान विधायक गोपीचंद मीणा हैं.दोनों के बीच आमने सामने की टक्कर है. विधानसभा क्षेत्र में गुर्जर समुदाय की तुलना में मीणा समाज के वोटरों की संख्या ज्यादा है. ऐसे में दूसरे समाजों के वोटर्स पिछली बार हर गुर्जर समाज से ताल्लुक है. इतने ज्यादा मीणा ज्यादा है गुर्जर आधे हैं.

इसलिए नहीं जा पा रहे गोविंदराम मेघवाल

कांग्रेस ने मंत्री गोविंद राम मेघवाल को खाजूवाला सीट से दुबारा टिकट दिया है तो बीजेपी ने भी उनके सामने पूर्व संसदीय सचिव डा विश्वनाथ मेघवाल को टिकट दिया है. दोनों के बीच परम्परागत रूप से मुकाबला होता आया है. इससे दोनों के बीच कड़ा मुकाबला देखने काे मिल रहा है. यही कारण है कि स्टार प्रचारक होने के बावजूद गोविंदराम मेघवाल अपने क्षेत्र से बाहर नहीं निकल रहे हैं.

राजस्थान में 25 नवंबर को मतदान के बाद विधानसभा की अगले 5 साल की सूरत तय हो जाएगी. इस बीच जीत-हार के खेल में प्रदेश की राजनीति के नामी चेहरे भी अपनी किस्मत को कसौटी पर जनता के जरिए परखेंगे. दिग्गज राजनेताओं के लिए चुनावी बाजी इस मर्तबा इतनी आसान भी नहीं होगी। खैर 3 दिसम्बर को मतगणना के बाद ही पता चल पाएगा कि कौन कौन लोकतंत्र के मंदिर की सीढियां चढ़ पाएंगे.

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