हाईकोर्ट ने शहर की सफाई व्यवस्था को चौपट बताते हुए कहा है कि इसके लिए नगर निगम जिम्मेदार है. गांधी नगर में न्यायाधीशों में आवास के पास भी हालात खराब हैं. यहां बच्चों के नेहरू पार्क में कचरे के ढेर लगे हुए हैं.
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Jaipur: राजस्थान हाईकोर्ट ने शहर की सफाई व्यवस्था को चौपट बताते हुए कहा है कि इसके लिए नगर निगम जिम्मेदार है. गांधी नगर में न्यायाधीशों में आवास के पास भी हालात खराब हैं. यहां बच्चों के नेहरू पार्क में कचरे के ढेर लगे हुए हैं.
ऐसे में नगर निगम इसकी जिम्मेदारी लेते हुए 11 नवंबर को अदालत में सफाई व्यवस्था का एक्शन प्लान पेश करे. सीजे पंकज मित्थल और जस्टिस अनूप ढंड ने यह आदेश शहर की सफाई व्यवस्था पर लिए गए स्वप्रेरित प्रसंज्ञान पर सुनवाई करते हुए दिए.
सुनवाई के दौरान सीजे के कहा कि वे पिछले दस दिनों से नेहरू पार्क जा रहे हैं. वहां पर भी कचरे के ढेर लगे हुए हैं. नगर निगम बताए कि वहां से कचरा क्यों नहीं उठ रहा है. अदालत ने कहा कि नगर निगम को शहर में एरिया चिन्हित कर सफाई करनी चाहिए. नगर निगम पहले शहर की तीन जगहों मोती डूंगरी, म्यूजियम रोड व नेहरू पार्क में सफाई व्यवस्था करे और आगामी सुनवाई पर इसका ब्यौरा दें.
सुनवाई के दौरान, न्यायमित्र अधिवक्ता विमल चौधरी ने कहा कि शहर में आठ हजार से ज्यादा कर्मचारी हैं, लेकिन फिर भी सफाई के हाल-बेहाल है. इंदौर में नगर निगम का बजट कम है, फिर भी वह नंबर वन है इसलिए यहां पर भी इंदौर की गाइडलाइन को फॉलो करना चाहिए.
इस दौरान राज्य सरकार ने कहा कि लोगों में सिविक सेंस नहीं है और गंदगी के लिए जनता जिम्मेदार है. इस पर अदालत ने कहा कि यदि ऐसा है तो फिर बनारस कैसे साफ हो गया. नगर निगम को अपनी जिम्मेदारी से बचना नहीं चाहिए. अदालत को कागजी कार्रवाई या किसी का शपथ पत्र नहीं चाहिए, बल्कि धरातल पर काम होना चाहिए.
हालांकि अदालत ने माना कि पूरे शहर में एक साथ सफाई नहीं हो सकती, इसलिए नगर निगम शहर के अलग-अलग एरिया चिन्हित कर उनमें काम करें ताकि पूरे शहर में सफाई हो सके. गौरतलब है कि पिछली सुनवाई पर न्याय मित्र ने सफाई व्यवस्था के संबंध में दिए गए सरकार के हलफनामे पर आपत्ति करते हुए कहा कि शहर में सफाई नहीं हो रही है और कई दिनों तक कचरा नहीं उठ रहा है.
Reporter- Mahesh Pareek