Rajasthan Loksabha Election 2024: लोकसभा चुनाव में राजस्थान की सभी 25 सीटों पर लगातार दो बार क्लीन स्वीप कर चुकी बीजेपी एक बार फिर 25 सीट पर जीत दर्ज करने में जुटी है. दूसरी तरफ कांग्रेस भी अपनी तैयारी कर रही है.
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Rajasthan Loksabha Election 2024: दुनिया की सबसे बड़ी जम्हूरियत में लोकतंत्र के सबसे बड़े त्यौहार की तैयारियां चल रही हैं. चुनाव की जाजम बिछ चुकी है लेकिन इस चौसर पर मुहरे बिछने बाकी है. कांग्रेस और बीजेपी के साथ अन्य दल भी अपनी-अपनी कोशिश में लगे हैं. यह चुनाव इस बार आर-पार की लड़ाई के रूप में देखा जा रहा है क्योंकि मामला देश की सत्ता का है.
लोकसभा चुनाव में राजस्थान की सभी 25 सीटों पर लगातार दो बार क्लीन स्वीप कर चुकी बीजेपी एक बार फिर 25 सीट पर जीत दर्ज करने में जुटी है. दूसरी तरफ कांग्रेस भी अपनी तैयारी कर रही है. हालांकि विपक्ष में बैठी पार्टी भी मंशा तो 25 सीट की ही रखती है लेकिन अभी कांग्रेस का सबसे बड़ा फोकस हैट्रिक रोकने पर है. फिर चाहे इसके लिए बीजेपी के कैंप से चेहरे लाने की कवायद हो या आरएलपी से आए नेताओं को टिकट देने की तैयारी. कांग्रेस का ध्यान हैट्रिक रोकने पर ही लगा दिख रहा है.
जिसकी सरकार, वही करतार... राजनीति में यह जुमला सत्ता में आने की कोशिश करने वालों को हमेशा लुभाता रहा है क्योंकि हर कोई करतार बनने को लालायित दिखता है. फिर चाहे बीजेपी हो या कांग्रेस, कोई भी इस भाव से अछूता नहीं है. अब दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में जनता की बारी है. जनता अपने तरीके से अपना फैसला सुनाती है. कोई शोर-शराबा नहीं... कोई हो-हल्ला नहीं... सिर्फ ईवीएम की बीप की आवाज और उम्मीदवार के भाग्य के साथ जनता का फैसला भी पेटी में बंद.
जनता ने पिछले दो चुनाव में क्या दिया अपना फैसला?
राजस्थान में पिछले दो चुनाव में बीजेपी की बड़ी जीत
प्रदेश की सभी 25 सीट पर किया क्लीन स्वीप
साल 2014 के चुनाव में बीजेपी पहली बार जीती 25 सीट
तो साल 2019 के चुनाव में आरएलपी को किया एनडीए में शामिल
दोनों बार की क्लीन स्वीप से बीजेपी उत्साहित
इस बार भी पार्टी कर रही हैट्रिक का दावा
पिछले दो चुनाव में लगातार जनता के दिलों में जगह बनाकर बीजेपी ने 25 सीट पर जीत हासिल की. पार्टी इस बार भी क्लीन स्वीप का दावा कर रही है. इसके लिए सीएम भजनलाल शर्मा के साथ प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी और पूरी पार्टी सक्रिय है. यही कारण है कि सीएम भजनलाल निर्दलियों को भी मना रहे हैं तो बीजेपी का संगठन दूसरे दलों से आए नेताओं का दिल खोलकर स्वागत कर रहा है.
उधर कांग्रेस भी बीजेपी के रथ के पहिये के आगे अपने हाथ से स्पीड ब्रेकर बनाने की तैयारी कर रही है. इसके लिए कांग्रेस ने बीजेपी के रथ के पहिये को मजबूती देने वाली कुछ ताड़ियां और आधार भी निकालने की कोशिश की है. राजस्थान में बीजेपी की हैट्रिक रोकने के लिए कांग्रेस विशेष रणनीति पर काम कर रही है. हालांकि पार्टी इस प्लानिंग के बारे में खुलकर तो कुछ नहीं बोलती लेकिन क्लीन स्वीप रोकने का दावा जरूर है. हैट्रिक रोकने के लिए बीजेपी और उसके सहयोगी दलों के बल्लेबाजों को ही सामने उतारा जा रहा है.
क्या है बीजेपी की हैट्रिक रोकने के लिए कांग्रेस का प्लान?
बीजेपी से नाराज लोगों को कांग्रेस में लाना
हैट्रिक रोकने के लिए बीजेपी के बल्लेबाज कांग्रेस की क्रीज पर उतारना
इसके लिए राहुल कस्वां को कांग्रेस में शामिल किया
और अगले ही दिन राहुल कस्वां के टिकिट का ऐलान किया
पिछली बार बीजेपी की सहयोगी रही आरएलपी को तोड़ना
पहले हनुमान बेनीवाल का बीजेपी से मोहभंग
फिर आरएलपी के उम्मेदाराम बेनीवाल को कांग्रेस में लाना
हरीश चौधरी के खिलाफ़ चुनाव लड़े उम्मेदाराम को टिकिट देने की तैयारी
हनुमान बेनीवाल से भी ही एलायंस की बातचीत चल रही है
उधर वागड़ में महेन्द्रजीत मालवीय को रोकने की तैयारी
इसके लिए आदिवासी अंचल में BAP से बातचीत जारी
कांग्रेस ने CPM के साथ भी दोस्ती बढ़ाई
हालांकि चूरू की सीट पर समझौता नहीं हो सका
अब श्रीगंगानगर या सीकर में समझौते की संभावना
कांग्रेस की हर संभव कोशिश है कि बीजेपी का विजय रथ रोका जाए लेकिन इसमें कांग्रेस की एकजुटता भी अहम भूमिका निभाएगी. राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अगर विधानसभा चुनाव जैसी एकजुटता ही कांग्रेस में रही तब तो बीजेपी का रथ रोकना मुश्किल होगा लेकिन विधानसभा चुनाव के मुकाबले हालात में सुधार हुआ, तो नतीजों में जरूर कुछ बदलाव देखने को मिल सकता है. लेकिन इसके साथ ही इस बार परीक्षा की घड़ी बीजेपी के लिए भी है कि क्या मोदी का चेहरा राजस्थान में 25 सीट और देश में एनडीए को 400 पार पहुंचा पाएगा?
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