राजस्थान में ढाई साल बाद कांग्रेस में खुशी, 100 ब्लॉक अध्यक्षों की लिस्ट जारी, यहां देखिए नाम
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राजस्थान में ढाई साल बाद कांग्रेस में खुशी, 100 ब्लॉक अध्यक्षों की लिस्ट जारी, यहां देखिए नाम

Rajasthan congress List Today : राजस्थान में अशोक गहलोत और सचिन पायलट गुट की पावर पॉलिटिक्स के बीच गोविंद सिंह डोटासरा से लेकर अजय माकन और अब कांग्रेस प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा की लंबी प्रैक्टिस के बाद आखिरकार 100 ब्लॉक अध्यक्षों की लिस्ट जारी हो गई है.

राजस्थान में ढाई साल बाद कांग्रेस में खुशी, 100 ब्लॉक अध्यक्षों की लिस्ट जारी, यहां देखिए नाम

Rajasthan congress Organizational Appointments : राजस्थान कांग्रेस में करीब ढाई साल के लंबे इंतजार के बाद आखिरकार कांग्रेस पार्टी में संगठनात्मक नियुक्तियों का काम शुरू हो ही गया. पीसीसी चीफ गोविंद डोटासरा ने ब्लॉक अध्यक्षों से नियुक्ति की कवायद शुरू करते हुए 100 नामों की पहली लिस्ट जारी कर दी है. इस लिस्ट में 50 विधानसभा क्षेत्रों के 100 ब्लॉक में अध्यक्षों की नियुक्ति हुई है. इसमें मुख्यमंत्री समेत 23 मंत्रियों के विधानसभा क्षेत्र में ब्लॉक अध्यक्ष बनाए गए हैं. जबकि चुनाव हारे हुए नेताओं में महज चार नाम ऐसे हैं, जिनकी सीट पर ब्लॉक अध्यक्ष तय हो सके हैं. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ पीसीसी चीफ गोविंद डोटासरा, पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के निर्वाचन क्षेत्र में भी ब्लॉक अध्यक्ष तय हो गए हैं.

ढाई साल के इंतजार के बाद सिर्फ 25 फीसदी काम

जुलाई-अगस्त 2020 में प्रदेश में सरकार पर आए राजनीतिक संकट के बाद गोविंद सिंह डोटासरा को कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया था. तभी से संगठन के सभी पदों और कमेटियों को भंग करते हुए खाली रखा गया था. अगस्त 2020 से कार्यकर्ता नियुक्तियों का इंतजार कर रहे थे. बीते दिनों 30 दिसंबर को पार्टी के प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा 2 दिन में नियुक्तियों की बात कह गए. इस बयान के बाद से तो कार्यकर्ता और ज्यादा अधीरता से लिस्ट का इंतजार कर रहे थे. लेकिन ढाई साल के लंबे इंतजार, दो प्रदेश प्रभारी, पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा और संगठन के चुनाव प्रभारी कुंपावत की एक्सरसाइज के बाद भी कांग्रेस ब्लॉक अध्यक्षों की नियुक्ति के मामले में केवल 25 फ़ीसदी काम ही कर पाई. पार्टी के कार्यकर्ता खुद इसे नौ दिन चले अढ़ाई कोस जैसी स्थिति मान रहे हैं. कार्यकर्ताओं का कहना है कि केवल 50 विधानसभा क्षेत्रों में ही ब्लॉक अध्यक्ष नियुक्त किए जा सके हैं. इनमें से भी अधिकांश विधानसभा क्षेत्र वही हैं, जहां पर पार्टी चुनाव जीती हुई है.

हारी हुई सीट में से महज चार पर बनाए ब्लॉक अध्यक्ष

कांग्रेस में वरिष्ठ नेताओं के स्तर पर आपसी प्रभुत्व की प्रतिस्पर्धा दिखाई देती है, लेकिन निचले स्तर पर भी पार्टी कई जगह ऐसे हालातों से जूझ रही है. ब्लॉक अध्यक्षों की नई लिस्ट से भी इस बात के संकेत मिल जाते हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि 50 विधानसभा क्षेत्र में से केवल चार क्षेत्र के आठ ब्लॉक ही ऐसे हैं जहां पर पार्टी ने हारे हुए प्रत्याशियों की सुनते हुए ब्लॉक अध्यक्षों की नियुक्ति की है.

इसमें एआईसीसी के सचिव और प्रियंका गांधी के नजदीकी नेता धीरज गुर्जर की जहाजपुर सीट, पूर्व नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी के नोखा विधानसभा क्षेत्र, राज्यसभा सदस्य और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नजदीकी नीरज डांगी के रेवदर विधानसभा क्षेत्र और एआईसीसी की स्टेयरिंग कमेटी के सदस्य रघुवीर मीणा के सलूंबर विधानसभा क्षेत्र के ब्लॉक शामिल हैं. यानि हारी हुई सीटों पर कांग्रेस अभी भी निचले स्तर पर नेताओं की आपसी संघर्ष को शांत करते हुए सामंजस्य नहीं बिठा पा रही. अशोक गहलोत मंत्रिपरिषद में शामिल सात मंत्री भी ऐसे हैं, जिनके क्षेत्र में वे अपनी मंशा के मुताबिक ब्लॉक अध्यक्षों की नियुक्ति नहीं करवा सके हैं.

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