Rajasthan News: राजस्थान सरकार आम जनता को राहत देने के लिए महंगाई पर वार कर रही है, भारतीय खाद्य निगम खुले बाजार में बिक्री के लिए गेहूं की ई-नीलामी शुरू की है.ओपन मार्केट सेल स्कीम (ओएमएसएस) के तहत FCI गेहूं बेचेगा.केंद्र सरकार छोटे,मध्यम आटा मिलों,व्यापारियों को गेहूं बेचकर सरकार राहत देगी.
Trending Photos
Rajasthan News: राजस्थान में गेहूं और आटा की कीमतों को नियंत्रित रखने के मकसद से केंद्र सरकार ने बफर स्टॉक से गेहूं खुले बाजार में बेचने का बडा फैसला लिया हैं.ओपन मार्केट सेल स्कीम (ओएमएसएस) के तहत भारतीय खाद्य निगम छोटे,मध्यम आटा मिलों और व्यापारियों को खुले बाजार में ई-ऑक्सन के जरिए गेहूं बेचकर आमजन को महंगाई से राहत देने के लिए हर बुधवार को साप्ताहिक ई-नीलामी आयोजित कर रहा हैं.
इस ई-ऑक्शन को सरकार की ओर से गेहूं और आटे की कीमतों पर लगाम लगाने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है.सरकार की ओर से जारी स्टॉक ई-नीलामी के माध्यम से आटा मिलों,निजी व्यापारियों,थोक खरीददारों को गेहूं बिक्री के लिए उपलब्ध होगा.
राजस्थान में बढ़ती गेंहू की कीमतों को कंट्रोल करने के लिए हुए केंद्र सरकार ने तैयारियां शुरू कर दी है.केंद्र सरकार ने आटा के दामों में कमी लाने के लिए एफसीआई के भंडार से खुले बाजार में गेहूं उतारने का फैसला लिया है.खुला बाजार बिक्री योजना-2023 के तहत यह गेहूं टेंडर में शामिल होने वाले पंजीकृत आटा मिलों,निजी व्यापारियों, थोक खरीदारों, गेहूं से बने उत्पादों के निर्माताओं को ई-नीलामी के माध्यम से बेचा जाएगा.
फूड कॉपरपोरेशन ऑफ इंडिया (एफसीआई) के रीजनल जनरल मैनेजर सौरभ कुमार चौरसिया ने बताया की एफसीआई हर बुधवार को साप्ताहिक ई-नीलामी आयोजित कर खुले बाजार में गेहूं बेच रहा हैं.फरवरी और मार्च माह में 2 लाख मेट्रिक टन गेहूं 21 रुपए 50 पैसे प्रतिकिलो के हिसाब से खुले बाजार में नीलामी की जा चुकी हैं और जुलाई माह में 15 हजार मीट्रिक टन गेहूं ई-ऑक्शन से बेचा जा चुका हैं.
इसका फायदा यह हुआ की एफसीआई से गेहूं उठाकर 27 रुपए 50 पैसे के हिसाब से आटा तैयार कर आमजन को उपलब्ध कराया गया.इस योजना से गेहूं और आटा की कीमतों में कंट्रोल हुआ हैं.
साथ ही व्यक्ति को बहुत राहत मिली हैं.उन्होने बताया की गेहूं की ई-ऑक्शन में हिस्सा लेने के लिए पहले रजिस्ट्रेशन करवाना होगा उसके बाद ई-नीलामी में भाग ले सकेंगा.इसका मकसद हैं की गेहूं जब सस्ता मिलेगा तो मिल संचालक और व्यापारी इस गेंहू का आटा बनाकर उसे खुले बाजार में आटा चक्कियों-अन्य मध्यम से सस्ता बेच सकेंगे.इसका मुख्य उदेश्य बाजारों में बढ़ती गेंहू की कीमतों पर कंट्रोल करना है.
भारतीय खाद्य निगम के रीजनल जनरल मैनेजर सौरभ कुमार चौरसिया ने बताया की गेहूं के बाजार भाव को नियंत्रण करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा देश में खुले बाजार में 15 लाख मीट्रिक टन गेहूं की ब्रिकी दिसंबर तक की जाएगी.खुले बाजार में में एफसीआई से गेहूं खरीदने के लिए M-JUCTION WEBSITW/PALTEFORM पर रजिस्ट्रेशन करवाना जरूरी है.
चौरसिया ने बताया की खुले बाजार में सभी आटा चक्की संचालक रजिस्ट्रेशन करवाकर हिस्सा लेकर 10 मीट्रिक टन से 100 मीट्रिक टन तक बोली लगाकर गेहूं खरीद सकते हैं.ओपन मार्केट सेल स्कीम के तहत घरेलू बाजार के लिए टेंडर फ्लोट कर दिए गए हैं.एफसीआई हर सप्ताह ओपन मार्केट स्कीम के तहत ऑनलाइन टेंडर जारी कर गेहूं को बेचता है. इस गेहूं को मिल मालिक और ट्रेडर्स और आटा चक्की संचालक खरीदते हैं.
उन्होने बताया की वर्तमान में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के तहत राजस्थान के 4.33 करोड़ लाभार्थियों के साथ केन्द्र सरकार की अन्य पोषण योजना के तहत एफसीआई हर महीने गेंहू उपलब्ध करवाती है.गौरतलब हैं की आटे की महंगाई से परेशान होते आम आदमी को राहत देते हुए सरकार ने 15 साल में पहली बार गेहूं पर स्टॉक लिमिट लगाई हैं. जिसमें 3 हजार मीट्रिक टन से ज्यादा कोई भी व्यापारी गेहूं का स्टॉक नहीं रख सकता हैं.
जिसका असर अब थोक मंडियों में दिखना शुरू हो गया है.स्टॉक सीमा लगने से इसकी कीमतों में प्रति क्विंटल की गिरावट दर्ज की गई है.स्टॉक सीमा फिलहाल 31 मार्च 2024 तक लागू रहेगी.गेहूं की जमाखोरी को नियंत्रित करने के लिए सरकार ने निर्णय लिया है कि नीलामी में भाग लेने के लिए गेहूं स्टॉक निगरानी प्रणाली वाले पोर्टल में घोषणा करना अनिवार्य है.
बहरहाल,ओपन मार्केट सेल स्कीम के माध्यम से बाजार में गेहूं की बिक्री व्यापक पहुंच के साथ-साथ गेहूं और आटे की बढ़ती कीमतों पर प्रभाव डालेगी और बढ़ती कीमतों को रोकने में मदद करेगी और आम आदमी को कुछ राहत लाएगी.कीमतों को कम करने के लिए ओपन मार्केट सेल स्कीम के तहत चावल को उतारने का भी फैसला किया गया है.राजस्थान में ओपन मार्केट सेल स्कीम के तहत टेंडर भी निकाले गए लेकिन नीलामी किसी ने नहीं लगाई.