शिविरा पंचांग को लेकर नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली का बड़ा बयान, जानिए क्या कहा...
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शिविरा पंचांग को लेकर नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली का बड़ा बयान, जानिए क्या कहा...

Rajasthan News: राजस्थान में शिक्षा सत्र में शिवरा पंचांग में जो नई चीज शामिल की गई है, उनको लेकर शिक्षा विभाग की कार्य शैली पर सवालया निशान खड़े किए जा रहे हैं.

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Rajasthan News: लंबे समय के इंतजार के बाद जारी हुए शिक्षा विभाग के शिवरा पंचांग को लेकर विवाद होते नजर आ रहे हैं.करीब 1 महीना से अधिक का समय निकल जाने के बाद शिक्षकों को शिक्षा सत्र संचालन के लिए मिले शिविरा पंचांग को लेकर कांग्रेस के नेता कई सवाल खड़े कर रहे हैं.

शिक्षा सत्र में शिवरा पंचांग में जो नई चीज शामिल की गई है, उनको लेकर शिक्षा विभाग की कार्य शैली पर सवालया निशान खड़े किए जा रहे हैं.कांग्रेस में विधायकों व नेताओं का कहना है कि सरकार को शिवरा पंचांग में उन चीजों को शामिल करना चाहिए,जिनसे की बच्चों का भविष्य बन सके .वीर सावरकर जयंती उत्सव मना कर बच्चों को क्या दिखाना चाहते हैं.

शिविरा पंचांग को लेकर नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि बच्चों के सिलेबस में इस तरह की चीज शामिल होनी चाहिए,जिसको पढ़कर बच्चे आगे बड़े देश के लिए काम करें.जूली ने कहा कि वीर सावरकर को क्रांतिकारी बीजेपी बताती है इतिहास नहीं बताता.

कांग्रेस विधायक रूपेंद्र सिंह कुन्नूर ने शिवरा पंचांग में शामिल किए गए 370 व वीर सावरकर जयंती उत्सव को लेकर भाजपा सरकार पर निशाना सादा,उन्होंने कहा कि पता ही नहीं बीजेपी बच्चों की भविष्य को किस दिशा में ले जाना चाहती है,जिन लोगों ने देश के लिए काम किया देश के लिए बलिदान दिया उन सबको बच्चों के सिलेबस से हटाना चाहती है और अपना ही सिलेबस लाना चाहती है.

रूपेंद्र सिंह ने शिविरा पंचांग में शामिल किए गए वीर सावरकर जयंती उत्सव को लेकर भाजपा की कार्यशैली पर असमंजस की स्थिति का सवाल खड़ा किया,उन्होंने कहा कि पता नहीं भाजपा अपना ही सिलेबस चला कर बच्चों को क्या सीखना चाहती है..

हालांकि जहां कांग्रेस धारा 370 और वीर सावरकर जयंती उत्सव मनाने का विरोध कर रही है वहीं भाजपा और राष्ट्रीय शिक्षक संघ इसका खुलकर खुलकर समर्थन कर रहे हैं.राष्ट्रीय शिक्षक संघ ने यह उत्सव मनाने को लेकर सरकार का आभार जताया है. उनका कहना है कि देश का इतिहास बच्चों को जानना चाहिए, जहां कश्मीर में धारा 370 लागू होने से पहले दो संविधान दो झंडा देश में चल रहे थे.

धारा 370 समाप्त कर देश का एक संविधान व एक झंडा सब जगह लहरा रहा है यह बच्चों को जानना जरूरी है.हमारी अगली पीढ़ी इस देश के इतिहास को जाने इसलिए इसको शामिल करना बहुत जरूरी है.

वीर सावरकर जैसे क्रांतिकारी की जीवनी को बच्चे सीखें और अपने जीवन में उतरे आगे बढ़े.उन्होंने देश के लिए जो कुर्बानियां दी यह बच्चों को जानना जरूरी है.इनके लिए राष्ट्रीय शिक्षक संघ सरकार का आभार व्यक्त करती है.

ऐसे में शिक्षा विभाग द्वारा जारी किए गए शिवरा पंचांग को लेकर कहीं स्वागत तो कहीं विरोध जैसी स्थितियां बनी हुई है. हालांकि शिक्षा विभाग ने जो शिवरा पंचांग जारी किया है.उसमें वीर सावरकर जयंती 28 मई को उत्सव के रूप में मनाने की तारीख दी गई है.

इसमें सभी राजकीय विद्यालयों में उस दौरान ग्रीष्मकालीन अवकाश होता है.अब देखने वाली बात यह रहेगी की क्या वीर सावरकर जयंती मनाने के लिए विभाग कोई स्पेशल आदेश देकर बच्चों व शिक्षकों को स्कूल बुलाता है या फिर यह उत्सव छुट्टियों में ही निकलता है.

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