Action में Rajasthan Police, जुलाई महीने में पकड़े गए 5837 वांछित अपराधी
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Action में Rajasthan Police, जुलाई महीने में पकड़े गए 5837 वांछित अपराधी

राजस्थान पुलिस की ओर से चलाये गये इस अभियान को काफ़ी सफलता मिली और पुलिस ने तीन सप्ताह के भीतर ही 5 हज़ार 837 अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया.

प्रतीकात्मक तस्वीर.

Jaipur: राजस्थान (Rajasthan) में पिछले कई सालों से फ़रार चल रहे बदमाशों की धरपकड़ के लिए राजस्थान पुलिस (Rajasthan Police) की ओर से जुलाई महीने में विशेष अभियान की शुरुआत की गयी. प्रदेश में क़रीब 1 महीने चले इस अभियान के तहत पुलिस ने राजस्थान में फ़रार चल रहे क़रीब 5837 वांछित अपराधियों को पकड़ा गया है, जो कि पिछले कई सालों से फ़रार चल रहे थे. विभाग ने इस अभियान को अब 31 अगस्त तक के लिए बढ़ा दिया है.

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जस्थान पुलिस की ओर से 5 जुलाई से प्रदेश में कई सालों से फ़रार चल रहे अपराधियों को पकड़ने के लिए एक विशेष अभियान की शुरुआत की गयी. अभियान के दौरान पुलिस ने प्रदेश भर में कई ऐसे शातिर बदमाशों को भी गिरफ्तार किया जो कि 20 सालों से भी अधिक समय से फ़रार चल रहे थे. पुलिस की जांच में सामने आया कि ये अपराधी अपना भेष बदल कर या फिर नाम पता बदल कर अलग अलग जगहों पर फरारी काट रहे थे. 

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पुलिस ने इस अभियान के तहत तीन सप्ताह के भीतर ही प्रदेश में 5837 अपराधियों को पकड़ लिया. इनमें से 4492 अपराधियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया तो वहीं इस अभियान के भय से 845 अपराधियों ने कोर्ट में समर्पण कर दिया. पुलिस की ओर से पकड़े गये वारंटियों में 283 वारंटियों पर तो पुलिस विभाग की ओर से ईनाम भी घोषित था. पुलिस ने वारंटियों की तलाश शुरु की तो पता चला कि 440 अपराधियों की तो अब तक मौत हो चुकी है जिनकी पुलिस तलाश कर रही थी. इस अभियान के लिए पुलिस मुख्यालय की ओर से सभी जिला एसपी को निर्देश दिये गये, जिसके बाद फरार बदमाशों और वांरटियों को थाना स्तर पर चिन्हित किया गया है. कई बदमाश कई वर्षों से फरार चल रहे हैं. ऐसे बदमाशों को पकड़ने के लिए पुलिस थानों के साथ ही डीएसटी टीम को जिम्मा सौंपा गया है. फरार बदमाशों को पकड़कर जिले में स्टेडिंग वारंटियों और गिरफ्तारी वारंटियों के प्रकरणों का भी निस्तारण किया जा रहा है.

आर्म्स एक्ट के तहत फ़रार चल रहे 80 बदमाशों को किया गया गिरफ्तार 
पुलिस विभाग की ओर से चलाये गये इस अभियान में आर्म्स एक्ट के तहत फ़रार चल रहे 80 बदमाशों को गिरफ्तार किया गया. इसी तरह अवैध मादक पदार्थ की तस्करी के मामले में 148 बदमाश, दुष्कर्म व पॉक्सों के मामले में फ़रार चल रहे 197 व्यक्ति, हत्या के मामले में फ़रार चल रहे 258 व्यक्ति व अन्य सामान्य अपराधों के मामलों में फ़रार चल रहे 5 हज़ार 356 अपराधियों को गिरफ्तार किया गया. इसमें से कई ऐसे बदमाशों को भी गिरफ्तार किया गया जो कि पिछले 20-25 सालों से फ़रार चल रहे थे.

साधु बनकर घूम रहे थे अपराधी
पुलिस ने जिन वारंटियों को पिछले 1 महीने में गिरफ्तार किया है. उनकी गिरफ़्तारी में कई रोचक बातें भी निकलकर सामने आयी. कुछ वारंटियों ने पुलिस से बचने के लिए अपने भेष बदल कर साधु बनकर फरारी काटना शुरु कर दिया तो कुछ ने तो अपना धर्म ही बदल लिया. एक वारंटी ने तो पुलिस से बचने के लिए टैक्सी चलाना शुरु कर दिया.

केस 1 - विश्वकर्मा थाना पुलिस ने 8 जुलाई को 27 वर्ष से फरार चल रहे वारंटी को पकड़ा. वारंटी साधु बन गया और साधु के वेश में रहकर ही पुलिस से बचते हुए फरारी काट रहा था. हरियाणा के दादरी का रहने वाला  वारंटी बंधु उर्फ देशबंधु जाट वर्ष 1994 में रोड नंबर 12 स्थित पेट्रोल पंप कर्मचारी था . लेकिन एक मामले में वारंटी होने के बाद से यह फरार चल रहा था.  हैड कांस्टेबल साहब सिंह, कांस्टेबल राजपाल और महेन्द्र लंबे समय से आरोपी की तलाश में जुटे थे. हाल ही उनको पता चला कि आरोपी बंधु साधु बनकर भिवाड़ी के बापोड़ा स्थित एक आश्रम में रह रहा है. पुलिसकर्मी भी आश्रम में शिष्य बनकर पहुंचे. वहां पर आरोपी बंधु की पूरी जानकारी जुटाकर तस्दीक की और उसे गिरफ्तार किया.  

केस 2  - पुलिस मुख्यालय की ओर से चलाये गये विशेष अभियान के तहत ही विश्वकर्मा थाना पुलिस ने अन्य वारंटी सुबे सिंह जाट को भी गिरफ्तार किया है. झुंझुनूं के बुहाना निवासी आरोपी सुबे सिंह जाट पुलिस को टैक्सी कार चलाते हुए मिला. पुलिस ने आरोपी को टैक्सी कार किराए पर ले जाने की कहकर संपर्क किया और उसे गिरफ्तार कर लिया.

केस 3 - जयपुर पुलिस ने 18 जुलाई को 2003 के मामले में फरार चल रहे आरोपी को गिरफ्तार किया. वह धर्म और नाम बदलकर छिप कर रह रहा था. पुलिस के पकड़े जाने के डर से वह मकान भी बदल-बदल कर रहता था. पुलिस उसकी काफी समय से तलाश कर रही थी. इसके खिलाफ कोर्ट से कई वारंट जारी हो चुके थे. भट्‌टा बस्ती पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार अभियुक्त सत्यनारायण 2003 के एक मामले में लंबे समय से फरार चल रहा था. पुलिस उसकी काफी समय से तलाश कर रही थी. पुलिस से बचने के लिए उसने अपना नाम सत्यनारायण से बदल कर टेरिस रख लिया था. यहां तक कि हिंदू धर्म को छोड़ कर ईसाई धर्म का बन गया था.  पकड़े जाने के डर से उसने चार जगहों पर मकान ले रखे थे. वह मकान बदल-बदल कर रहता था. कांस्टेबल निशारानी व महेंद्र कुमार को उसकी लोकेशन मिली. इसके बाद पुलिस ने उस पर नजर रखनी शुरू की. जांच में पता लगा कि वह झोटवाड़ा तो कभी वैशालीनगर, आदर्श कालोनी में आता-जाता था. इसके बाद पुलिस टीम ने नजर रखकर उसकी डिटेल लेकर पकड़ लिया.

तीन सप्ताह के भीतर ही 5 हज़ार 837 अपराधी गिरफ्तार
राजस्थान पुलिस की ओर से चलाये गये इस अभियान को काफ़ी सफलता मिली और पुलिस ने तीन सप्ताह के भीतर ही 5 हज़ार 837 अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया. इसे देखते हुए पुलिस मुख्यालय से इस अभियान को 1 महीने ओर चलाने के लिए आदेश जारी किये गये हैं. 

बहरहाल जरुरत है कि राजस्थान पुलिस बिना किसी अभियान के ही साल भर मुस्तेदी के साथ फ़रार चल रहे अपराधियों को गिरफ्तार करे तो अपराधियों में डर पैदा कर आमजन में भयमुक्त माहौल बनाया जा सकता है.

 

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