Ram Mandir: राजनीतिक लोगों के हाथ से शिलान्यास होना अधर्म, धर्म का इस्तेमाल वोटों के ध्रुवीकरण के लिए- अलका लांबा
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Ram Mandir: राजनीतिक लोगों के हाथ से शिलान्यास होना अधर्म, धर्म का इस्तेमाल वोटों के ध्रुवीकरण के लिए- अलका लांबा

महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष अलका लाम्बा के राम मंदिर निर्माण को लेकर दिए बयान से मामला एक बार फिर गरमा गया है. राहुल गांधी की न्याय यात्रा की जानकारी देने जयपुर पहुंची अलका लाम्बा ने कहा कि राम मंदिर को चुनावी मुद्दा बनाया हुआ है.

Ram Mandir: राजनीतिक लोगों के हाथ से शिलान्यास होना अधर्म, धर्म का इस्तेमाल वोटों के ध्रुवीकरण के लिए- अलका लांबा

Alka Lamba: महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष अलका लाम्बा के राम मंदिर निर्माण को लेकर दिए बयान से मामला एक बार फिर गरमा गया है. राहुल गांधी की न्याय यात्रा की जानकारी देने जयपुर पहुंची अलका लाम्बा ने कहा कि राम मंदिर को चुनावी मुद्दा बनाया हुआ है. सिर्फ चुनावी जल्दबाजी में राजनीतिक लोगों के हाथ से शिलान्यास होना अधर्म है. भाजपा धर्म का इस्तेमाल वोटों के ध्रुवीकरण के लिए कर रही है.

प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में प्रेसवार्ता में अलका लाम्बा ने कहा कि भारत जोड़ो न्यायिक यात्रा गैर राजनीतिक है , राहुल गांधी ने पहले भी यात्रा के दौरान वोट के लिए कोई भी भाषण नहीं दिया है, वहीं पीएम मोदी ने पुलवामा के शहीदों के नाम पर वोट मांगा . आज किसके नाम पर वोट मांगे जा रहे हैं यह सबको पता है. यात्रा में तो हिंदू बौद्ध सिख जैन ईसाई आदिवासी महिला गरीब मजूदर सभी शामिल होंगे, उसकी तुलना इससे करना गलत है.

लाम्बा ने कहा कि देश के धर्मगुरु शंकराचार्यों ने इसका विरोध किया है. वो नहीं जा रहे हैं तो उन्हें अधर्मी बता रहे हैं . राम मंदिर निर्माण अधूरा है, अभी आप देख सकते हैं . राम मंदिर में क्या हो रहा है, धर्मगुरु अपमानित महसूस कर रहे हैं, भगवाम राम कण कण में बसे हैं, सिर्फ चुनावी जल्दबाजी में राजनीतिक लोगों के हाथ से शिलान्यास होना अधर्म का काम है. समारोह में आम आदमी, राजनेता, राष्ट्रपति जा रहे हैं, पार्टी के नेता जा रहे हैं, ऐसे में कौन जाएगा कौन नहीं जाएगा ये वो तय कर रहे हैं. शंकराचार्य अगले दिन जाएंगे. जिस दिन राम का बुलावा आएगा सब दौडे जाएंगे.

कांग्रेस अध्यक्ष के बयान पर लाम्बा ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष और पार्टी लाइन से कोई अलग नहीं हो सकता है. धर्मगुरुओं के विरोध, मंदिर का अधूरा निर्माण, राजनीति को देखकर नहीं जाने का फैसला लिया. लाम्बा ने कहा कि राजनीति में धर्म होना चहिए, धर्म की राजनीति नहीं होनी चाहिए. धर्म का इस्तेमाल कर वोटों का ध्रुवीकरण करके सत्ता हासिल नहीं करनी चाहिए . हम धर्मगुरुओं के सम्मान में खड़े हैं.

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