एबीवीपी (ABVP) ने दावा किया गया कि इनके तार राजीव गांधी स्टडी सर्किल से जुड़े हुए हैं. रीट परीक्षा (REET Paper Leak) को लेकर बीजेपी जहां सड़कों पर और सदन में सरकार को घेरती हुए नजर आ रही है, तो वहीं दूसरी ओर एबीवीपी भी लगातार रीट परीक्षा के मामले में खुलासे कर रही हैं.
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Jaipur: सरकार की ओर से रीट लेवल 2 (REET Level 2) को निरस्त करने का फैसला ले लिया गया है, लेकिन इसके बावजूद भी रीट परीक्षा मामले में जारी विवाद थमने का नाम नहीं ले रहे हैं.
बीजेपी और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की ओर से लगातार आरोपों का दौर जारी है. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की ओर से एक बार फिर से कांग्रेस नेताओं और अधिकारियों पर अरोप लगाए जा रहे हैं. एबीवीपी (ABVP) ने परीक्षा के संबंधित लेनदेन की बातचीत के ऑडियो जारी किया है.
एबीवीपी ने दावा किया गया कि इनके तार राजीव गांधी स्टडी सर्किल से जुड़े हुए हैं. रीट परीक्षा को लेकर बीजेपी जहां सड़कों पर और सदन में सरकार को घेरती हुए नजर आ रही है, तो वहीं दूसरी ओर एबीवीपी भी लगातार रीट परीक्षा के मामले में खुलासे कर रही हैं. साथ ही कांग्रेस सरकार को घेरने की कोशिश में जुटी हुई हैं. एबीवीपी ने आज एक-एक करके तीन ऑडियो पेश किए, जिसमें दावा किया गया इसमें बात करने वाला व्यक्ति अमित नाम का है. जो राजीव गांधी स्टडी सर्किल के स्टेट कॉर्डिनेटर बनय सिंह की पत्नि का भाई है.
बनय सिंह के नाम पर सब काम करने की बात कहता सुनाई पड़ता हैं. इसमें अमित किसी परीक्षा के संबंध में लेन देन करने और पैसे लौटाने को लेकर बात कर रहा है, जिसमें परीक्षा के पैसे दोबारा लौटाने के संबंध में बातचीत है.
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ऑडियो का इस्तेमाल किया जाए
मामले में एबीवीपी के राष्ट्रीय मंत्री होशियार सिंह मीणा का कहना है कि "परीक्षा के संबंध में जो ऑडियो क्लिप सामने आई है, उसमें अमित परीक्षा में पेपर और नकल के सबंध में किसी से डील कर रहा है. इसके तार बनय सिंह के रिश्तेदार होने के कारण राजीव गांधी स्टडी सर्किल से जुड़े हैं, जबकि राजीव गांधी स्टडी सर्किल से जुड़े लोगों को रीट परीक्षा में जिला कॉर्डिनेटर की जिम्मेरदारियां भी दी गई, उसमें से प्रदीप पाराशर, सुभाष यादव जैसे नाम भी शामिल हैं."
इस तरह के करीब 40 नामों की सूची जारी करते हुए परिषद के पदाधिकारियों ने कहा कि "स्टडी सर्किल के इन लोगों को किस आधार पर परीक्षा में नियुक्त किया गया. इससे बड़ा संदेह पैदा होता है कि पेपर लीक में इनकी भूमिका है. एबीवीपी पदाधिकाारियों ने इस मामले में 6 लाख रुपये के चैक को भी दिखाते हुए कहा कि यह परीक्षा के लेन-देने से जुड़ा हैं, इसकी जांच सीबीआई (CBI) से की जानी चाहिए."
दूसरी तरफ आज राजीव गांधी स्टडी सर्किल के स्टेट कॉर्डिनेटर ने परीक्षा से कोई लेना देना नहीं होने की बात कही, जिस रिश्तेदार अमित के ऑडियो में उनका जिक्र किया जा रहा है, उससे उनका संबंध बीते दो साल से नहीं होने की भी बात कही. साथ ही बताया कि उसके आचरण ठीक नहीं होने के कारण उसे परिवार ने भी संपत्ती से बेदखल कर दिया है, ऐसे में यदि कोई इस तरह के मामलों में लिप्त है या गडबड़ी करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई हो.
इस पूरे मामले में बनय सिंह ने साफ किया कि राजीव गांधी स्टडी सर्किल, मंत्री डॉ सुभाष गर्ग और उनका नाम लोग साजिश के तौर पर ले रहे हैं ताकि संगठन को बदनाम किया जा सके. यहां संगठन कांग्रेस परिवार की विचारधारा को आगे बढ़ता है, इससे जुड़े शिक्षकों को पहले भी परीक्षाओं में जिम्मेदारियां मिलती रही हैं. यह नई बात नहीं है, यदि कोई गडबड़ी करता है तो उसके खिलाफ ठोस जांच की जा सकती हैं. वे किसी भी तरह की जांच के लिए तैयार हैं.
हालांकि मामले में एसओजी की जांच अभी जारी हैं. ऐसे में परिषद ने अपने सबूतो को एसओजी को सौंपने की बात कही है, लेकिन दूसरी तरफ आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति अभी भी थमी नहीं है. बीजेपी और एबीवीपी को सीबीआई के अलावा जांच मंजूर नहीं है, जबकि कांग्रेस नेता एसओजी की जांच पर ही अड़े हैं. ऐसे में रीट की रार कब तक थमेगी कह पाना अभी मुश्किल है.