प्रदेश की सबसे पुरानी सांगानेर खुली जेल में कैदियों को राहत मिलेगी. खुली हवा में सांस लेने के साथ ही उन्हें टपकते टीन टप्परों के नीचे रहने की मजबूरी से आजादी मिलने वाली है.
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Jaipur: प्रदेश की सबसे पुरानी सांगानेर खुली जेल में कैदियों को राहत मिलेगी. खुली हवा में सांस लेने के साथ ही उन्हें टपकते टीन टप्परों के नीचे रहने की मजबूरी से आजादी मिलने वाली है. राज्य सरकार ने सांगानेर खुली जेल में मल्टी स्टोरी फ्लैट बनाने के लिए बजट जारी कर दिया है. इसके साथ ही लम्बे समय से बंधी इनकी उम्मीद जल्द पूरी होने वाली है.
टिन टप्पर से बने मकान, ओपन जेल के कैदियों को मुहैया कराए गए. मकसद था कि अच्छे आचरण वाले कैदी अपने परिवार के साथ रह सकेंगे. वक्त गुजार सकेंगे और अच्छी जिंदगी की ओर आगे बढ़ सकेंगे, लेकिन कैदियों के साथ उनके परिजन भी इन टिन टप्पर वाले मकानों में बदहाल जिंदगी जी रहे हैं. इन मकानों में कैदियों और उनके परिजनों के लिए बरसात में टपकती छत, सर्दी से हाड कम्पाती शीत लहर और तेजगर्मी में झुलसना ही नियति बन गया है. ओपन जेल में बने मकानों में टिन टप्पर की छत के साथ ही जर्जर दीवारें..इस कारण इनमें रहने में भी खतरा महसूस होता है, लेकिन अब कैदियों को इन सबसे मुक्ति मिलने वाली है.
कहने को राजस्थान ओपन जेल अवधारणा को फलीभूत करने के मामले में देश में अग्रणी राज्यों में शामिल है. सांगानेर की डॉ सम्पूर्णानंद खुला बंदी शिवर सबसे पुराना है. इस ओपन जेल में बंदी आवास गृह जर्जर अवस्था में हो गए हैं. खुद जेल प्रशासन का मानना है कि इनमें बंदी और उनका परिवार ठीक ढंग से निवास नहीं कर सकता है. जेल महानिदेशालय की ओर से पिछले साल सरकार को इनके लिए पक्के क्वार्टर बनाने का प्रस्ताव भेजा गया. इस पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सह्दयता दिखाते हुए बजट में ओपन जेल बंदियों के लिए आवास बनाने की घोषणा की. इसके तहत 27 आवासों के लिए राज्य सरकार ने दो करोड़ रुपए का बजट जारी किया है. गृह विभाग से इसकी प्रशासनिक वित्तीय स्वीकृति भी जारी कर दी गई है. इनके अलावा भी अन्य आवास बनेंगे.
सांगानेर खुली जेल में वर्तमान में 315 आवास हैं. इनमें 453 कैदी हैं, जिनमें 29 महिला कैदी शामिल हैं. इनमें 173 कैदी परिवार सहित रह रहे हैं, वहीं 206 बंदी एक आवास में संयुक्त रूप से रह रहे हैं.
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