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Jaipur: प्रदेश में इस समय रीट पर घमासान जारी है. बड़े स्तर पर हो रही गिरफ्तारी के बाद अब विपक्ष की ओर से सरकार को लगातार घेरने का काम किया जा रहा है. इसके साथ ही राज्य सभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा द्वारा मंत्री सुभाष गर्ग पर भी जमकर हमले किए जा रहे हैं. रीट परीक्षा मामले में बीजेपी नेताओं के बयान पर आज राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग ने पलटवार किया. मामले में मंत्री ने अपना किसी भी तरह का संबंध होने से इनकार किया. साथ ही राजनीतिक विरोधियों द्वारा उनकी छवि बिगाड़ने की कोशिश किये जाने के आरोप भी लगाए.
मंत्री सुभाष गर्ग ने आरोप लगाते हुए कहा कि "फिलहाल एसओजी इस मामले की जांच कर रही है. पेपर लीक से जुड़ी गैंग के संपर्क सूत्रों को खंगाला जा रहा है. अभी इसमें उनके किस-किस राजनेताओं से संबंध है यह तलाश की जा रही है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी पेपर लीक और गिरोह को खत्म करने की दिशा में कदम बढ़ाए हैं, जो लोग सीबीआई जांच की मांग की बात कह रहे हैं पहले वह बताएं कि क्या सीबीआई और ईडी दबाव मुक्त काम करते हैं. सीबीआई राजनीतिक दबाव में काम कर रही है, लेकिन एसओजी ने बेहतरीन कार्य किया है और तह तक पहुंच कर इस पेपर लीक में लिप्त हैं उनके खिलाफ कार्रवाई होगी. इसमें कितना भी बड़ा व्यक्ति क्यों ना वी बचेगा नहीं"
राज्य मंत्री सुभाष गर्ग ने आरोप लगाते हुए कहा कि "वर्चस्व की लड़ाई में विपक्ष की ओर से सरकार के मंत्रियों की छवि खराब करना चाहता है. जल्द ही एसओजी की जांच में यह सामने आ जाएगा कि पेपर लीक करने वाली गैंग गिरोह से कई बड़े राजनीतिक लोगों के तार जुड़े हुए हैं. एसओजी पूरी तरह से निष्पक्ष जांच कर रही है, जिसकी सराहना पहले भी भाजपा के बड़े नेता गुलाब चंद कटारिया जैसे सराहना कर चुके हैं. कानून सबसे ऊपर है और कानून अपना काम कर रहा है. अगर कोई भी दोषी होगा चाहे वह सुभाष गर्ग ही क्यों ना हो उसे बख्शा नहीं जाएगा."
मंत्री सुभाष गर्ग ने राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा पर हमला बोलते हुए कहा कि "सांसद किरोड़ी मीणा के संपर्क सूत्र कहां तक जुड़े हैं इस बात की भी जांच होनी चाहिए. उनके संबंधों का भी एसओजी को खुलासा करना चाहिए."
राजीव गांधी स्टडी सर्किल पर सवाल खड़े करने पर मंत्री सुभाष गर्ग ने कहा कि "किसी भी विचारधारा से जुड़े शिक्षक संगठन को जिम्मेदारी आज से पहले भी दी जाती रही है. राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ और एबीवीपी को बीजेपी सरकार में तरजीह मिलती रही है. इनके पदाधिकारियों को भी बोर्ड में जगह दी गई है. केवल राजनीतिक जलन के कारण जबरन मेरा नाम लिया जा रहा है. जांच एजेंसियों को स्वतंत्र तरीके से काम करने दिया जाना चाहिए."