पायलट के बर्थडे पर मुख्यमंत्री बनाने की मांग, समर्थक बोले- प्रदेश की कमान सौंपने का आ गया समय
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पायलट के बर्थडे पर मुख्यमंत्री बनाने की मांग, समर्थक बोले- प्रदेश की कमान सौंपने का आ गया समय

 कांग्रेस नेता सचिन पायलट का आज जन्मदिन है. सचिन पायलट आज अपना पैंतालीसवाँ जन्मदिन मना रहे हैं. जन्मदिन के मौक़े पर सचिन पायलट कन्याकुमारी में कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होने के लिए गए हैं.

पायलट के बर्थडे पर मुख्यमंत्री बनाने की मांग, समर्थक बोले- प्रदेश की कमान सौंपने का आ गया समय

जयपुर: कांग्रेस नेता सचिन पायलट का आज जन्मदिन है. सचिन पायलट आज अपना पैंतालीसवाँ जन्मदिन मना रहे हैं. जन्मदिन के मौक़े पर सचिन पायलट कन्याकुमारी में कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होने के लिए गए हैं. जन्मदिन से एक दिन पहले जयपुर में उनके आवास पर पार्टी नेताओं कार्यकर्ताओं व समर्थकों ने बड़े जलसे का आयोजन किया. आज जन्मदिन के अवसर पर उन्हें सोशल मीडिया पर बधाई दी जा रही है. वहीं, उनके समर्थक पार्टी आलाकमान से मुख्यमंत्री का चेहरा बनाने की मांग कर रहे हैं. पायलट समर्थक लंबे समय से उन्हें मुख्यमंत्री बनने की मांग कर रहे हैं. 

वहीं, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट कर सचिन पायलट को उनके जन्मदिन की बधाई दी और उनके उत्तम स्वास्थ्य की कामना की है. राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी अजय माकन प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा गुजरात कांग्रेस के प्रभारी रघु शर्मा सहित सरकार के मंत्रियों विधायकों नेताओं ने उन्हें जन्मदिन की बधाई दी है.

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सबसे कम उम्र के सांसद बनने का तमगा

दरअसल, सचिन पायलट अपने पिता राजेश पायलट की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं. उन्हें भारत में सबसे कम उम्र में सांसद चुने जाने का गौरव भी हासिल है. पायलट ने सेंट स्टीफेंस कॉलेज दिल्ली विश्वविद्यालय अंग्रेजी साहित्य में स्नातक डिग्री प्राप्त की है. अपनी स्नातक पूरी करने के दिल्ली ब्यूरो ऑफ़ ब्रिटिश ब्राडकास्टिंग कॉर्पोरेशन और उसके बाद अमेरिकन मल्टीनेशनल कॉर्पोरेशन जनरल मोटर्स में दो साल काम किया.

इसके अलावा पेंसिल्वेनिया विश्वविद्यालय, यू.एस.ए. में बहुराष्ट्रीय प्रबंधन और वित्त में विशेषज्ञता के साथ अपनी एमबीए डिग्री पूरी करने के बाद उन्होंने राजनीति में शामिल होने का फैसला किया. 26 साल की उम्र में पायलट 14वीं लोकसभा के लिए राजस्थान के दौसा संसदीय क्षेत्र के सबसे कम उम्र के सांसद के रूप में चुने गए. 2009 में अजमेर लोकसभा के लिए फिर से चुने गए और यूपीए सरकार में राज्य मंत्री बने. उन्होंने केंद्र सरकार में विभिन्न समितियों को अपनी सेवाएं दीं.

टोंक से विधायक हैं सचिन पायलट

2014 में लोक सभा चुनाव हारने के बाद पार्टी ने उन्हें राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष पद की ज़िम्मेदारी दी. उनकी लीडरशिप में 2018 का विधानसभा चुनाव लड़ा गया, जिसमें कांग्रेस सत्ता में आयी सरकार में उन्हें उपमुख्यमंत्री बनाया गया लेकिन साल 2020 में कांग्रेस में मचे सियासी घमासान के बाद सचिन पायलट को पार्टी ने PCC चीफ़ और उपमुख्यमंत्री पद से हटा दिया है वर्तमान में वे केवल टोंक से विधायक हैं.

सचिन पायलट को उड़ान भरने का शौक है और वह एक अच्छे शूटर भी है. उन्हें 1995 में एनवाई, यूएसए से अपना निजी पायलट लाइसेंस (पीपीएल) भी प्राप्त किया है. शूटिंग में, उन्होंने कई राष्ट्रीय राइफल और पिस्तौल शूटिंग चैम्पियनशिप में दिल्ली का प्रतिनिधित्व किया. उन्हें क्षेत्रीय सेना में लेफ्टिनेंट के रूप में भी सेवाएं दी हैं.

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जन्मदिन के मौक़े पर पायलट समर्थकों ने उन्हें राजस्थान सरकार की कमान सौंपने की मांग की है. पायलट के आवास पर आयोजित जलसे में पार्टी के युवा और वरिष्ठ नेताओं ने एक स्वर में कहा कि अब समय आ गया है जब सचिन पायलट को राजस्थान का मुख्यमंत्री बनाया जाए उनकी लोकप्रियता कांग्रेस पार्टी को फिर से सत्ता में लेकर आ सकती है.

समर्थकों को पार्टी आलाकमान से बड़ी उम्मीद 

इसमें कहीं को दो राय नहीं है कि सचिन पायलट राजस्थान कांग्रेस के लोकप्रिय नेताओं में से एक हैं वर्तमान में कांग्रेस में राष्ट्रीय स्तर पर जिस तरीक़े से बदलाव की कवायद की जा रही है ख़ासतौर से अध्यक्ष पद के लिए राहुल गांधी के मना करने के बाद नए अध्यक्ष पद के नामांकन पर सबकी नज़रें हैं. ऐसे में कहा जा सकता है कि सचिन पायलट के इस जन्मदिन पर जिस तरीक़े से समर्थकों ने शक्ति प्रदर्शन किया है वे तमाम समर्थक नेता कार्यकर्ता आने वाले समय में पायलट की बड़ी भूमिका की आस लगाए बैठे हैं. देखना होगा राजस्थान के जलसे का कांग्रेस आला कमान तक क्या सियासी संदेश जाता है.

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