Sachin Pilot ने साधा केंद्र सरकार पर निशाना, कहा-देश में है मेडिकल इमरजेंसी के हालात
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Sachin Pilot ने साधा केंद्र सरकार पर निशाना, कहा-देश में है मेडिकल इमरजेंसी के हालात

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सचिन पायलट ने कोरोना महामारी की दूसरी लहर को राष्ट्रीय चिकित्सीय आपातकाल के तौर पर देखने की जरूरत पर जोर दिया.

फाइल फोटो

Jaipur : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सचिन पायलट ने कोरोना महामारी की दूसरी लहर को राष्ट्रीय चिकित्सीय आपातकाल के तौर पर देखने की जरूरत पर जोर दिया. मंगलवार को उन्होंने कहा कि केंद्र को आगे आना चाहिए और स्थिति से निपटने की जिम्मेदारी सिर्फ राज्यों पर नहीं छोड़नी चाहिए, क्योंकि भारत को ऑक्सीजन, वेंटिलेटर और रेमडेसिविर के लिए ‘युद्ध का मैदान’ बनने नहीं दिया जा सकता. उन्होंने भाजपा की अगुवाई वाली केंद्र सरकार (Central Government) से सर्वदलीय बैठक बुलाने की मांग की.

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भारत सरकार को बनाने चाहिए थे मापदंड
पायलट (Sachin Pilot) ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार को ऑक्सीजन, रेमडेसिविर इंजेक्शन और वेंटिलेटर की व्यवस्था करने को लेकर फार्मूला और मानदंड तैयार करने चाहिए था. पारदर्शी ढंग से संसाधनों का वितरण करना चाहिए था. राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘ऑक्सीजन के लिए मांग और आवंटन को लेकर विभिन्न तरह की जानकारी सामने आ रही है. भारत सरकार को तीन-चार मानदंड बनाने चाहिए थे. मसलन, राज्यों में कोरोना के मामले कितने हैं, संक्रमण की दर क्या है, मृत्यु दर क्या है, अस्पतालों में बिस्तरों की संख्या कितनी है और हम कैसे ऑक्सीजन का वितरण करेंगे.’’

टीकों की कीमतों को भी करें नियंत्रित
उन्होंने इस बात पर जोर दिया, 'ऑक्सीजन का उत्पादन करने वाले राज्यों को शायद इसकी जरूरत उतनी नहीं हो, जो उन राज्यों को हो जहां उत्पादन नहीं हो रहा है. कुछ मामलों में ऐसा हो रहा है कि राज्य सीमाओं को बंद करना चाहते हैं क्योंकि वे ऑक्सीजन कंटेनरों के वहां से गुजरने में सहूलियत देने का विरोध कर रहे हैं. संघीय ढांचे में ऐसी बातें नहीं होने दिया जाना चाहिए.' पायलट ने ऑक्सीजन, वेंटिलेटर और रेमडेसिविर के आवंटन एवं वितरण के लिए पारदर्शी मानदंड और आधार तय करने की पैरवी की. उन्होंने कहा कि देश इस समय गंभीर दौर से गुजर रहा है और ऐसे में सरकार को आगे आकर टीकों की कीमतों को नियंत्रित या तय करना चाहिए.

जीवनरक्षक टीकों की कीमत का फैसला कंपनियों पर नहीं छोड़ा जा सकता
कोरोना टीके (Corona Vaccine) से जुड़े अन्य पहलूओं पर भी इस दौरान पायलट ने चर्चा की. उन्होंने कहा कि हम जीवनरक्षक टीकों की कीमत और मुनाफे का फैसला कंपनियों पर नहीं छोड़ सकते. भारत कंपनियों, समूहों और व्यक्तियों को इसकी अनुमति नहीं दे सकता कि वे इस मौके के निवेश, रिटर्न और मुनाफे के तौर पर देखें. उनके मुताबिक, दुनिया में टीकों के निर्माण में भारत अगुवा है, लेकिन आज त्रासदी यह है कि यह देश अपने ही नागरिकों को टीका लगाने के लिए संघर्ष कर रहा है. उन्होंने दावा किया कि यह स्पष्ट रूपरेखा और उचित योजना, साजो-सामान के प्रबंध और स्वास्थ्य सेवा को प्राथमिकता नहीं होने से जुड़ी विफलता है.

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