जासूसी के आरोप में गिरफ्तार संदीप धायल मामले में आया नया मोड़, परिजन ने रखा अपना पक्ष
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जासूसी के आरोप में गिरफ्तार संदीप धायल मामले में आया नया मोड़, परिजन ने रखा अपना पक्ष

संदीप धायल को आईएसआई एजेंट (ISI Agent) के लिए आर्मी कैंप की जानकारी मुहैया करवाने के आरोप में गिरफ्तार करने के बाद अब उसके सीए भाई प्रदीप धायल ने मामले में अपनी सफाई दी है.

भाई प्रदीप धायल ने मामले में अपनी सफाई दी है.

Jhunjhunu: राजस्थान के झुंझुनूं के नरहड़ गांव का गैस एजेंसी संचालक संदीप धायल (Sandeep Dhyal) कल मिलट्री इंटेलिजेंस (Military Intelligence) और राजस्थान पुलिस इंटेलिजेंस (Rajasthan Police Intelligence) द्वारा जासूसी के आरोप में गिरफ्तार हो गया. आरोप है कि उसने आईएसआई एजेंट को नरहड़ में स्थित आर्मी कैंप की जानकारी साझा की और यह संपर्क पिछले दो महीनों से था. ठोस और पुख्ता सबूत होने के बाद संदीप धायल को गिरफ्तार किया गया है. लेकिन इधर, परिजनों ने भी अपनी सफाई पेश की है.

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झुंझुनूं में नरहड़ के रहने वाले संदीप धायल को आईएसआई एजेंट (ISI Agent) के लिए आर्मी कैंप (Army Camp) की जानकारी मुहैया करवाने के आरोप में गिरफ्तार करने के बाद अब उसके सीए भाई प्रदीप धायल (Pradeep Dhayal) ने मामले में अपनी सफाई दी है. सीए प्रदीप धायल ने बताया कि आईएसआई एजेंट ने खुद को सेना में ब्रिगेडियर बताते हुए गैस सिलेंडर कनेक्शन (Gas Cylinder connection) लेने के नाम पर उनसे संपर्क साधा था. उन्होंने बताया था कि उनका ट्रांसफर जोधपुर (Jodhpur) से नरहड़ हो गया है. वे जल्द ही नरहड़ आएंगे और फैमिली के साथ शिफ्ट होंगे. इसलिए उन्हें गैस कनेक्शन की आवश्यकता है. उन्होंने इसके लिए 10 हजार रुपये भी खाते में डाले थे और डॉक्यूमेंट्स भिजवाने के लिए कहा था. लेकिन बार-बार बोलने के बाद उन्होंने डॉक्यूमेंट्स नहीं भिजवाए और हर बार भिजवाने की हामी भरते रहे.

प्रदीप धायल ने बताया कि इस कथित बिग्रेडियर ने 10 हजार रुपये पहले भिजवा दिए और डॉक्यूमेंट्स भिजवा नहीं रहा था. इसी दौरान उसने खुद को एक बार एलपीजी सप्लाई का हेड भी बताया और कहा कि नरहड़ में आने के बाद वही सारी सप्लाई को देखेगा. उस दिन से उसके भाई संदीप धायल को शक हुआ, क्योंकि ब्रिगेडियर लेवल का अधिकारी ऐसा काम नहीं कर सकता. लेकिन हर बार उसका कॉल इंडियन नंबरों से आया. इसलिए बार-बार इंटरनेशनल कॉल का विश्वास नहीं हो रहा था. वहीं, जब उसने एक बार कैंटीन का सामान कम कीमत पर देने का भी बोला, तब उन्हें लगभग यकीन हो गया था कि कोई ना कोई फ्रॉड है.

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इसके बाद उसने कई बार गैस एजेंसी और आर्मी कैंप के बीच हुए एमओयू की कॉपी मांगी, कई बार एजेंसी की मांगी और एक बार तो उसने आर्मी कैंप के कनेक्शनों की सूची तक मांगी. लेकिन ऐसा कुछ नहीं दिया. फिर एक दिन जब उनका भाई ईवनिंग में वॉक कर रहा था तो कॉल आया और इस कथित ब्रिगेडियन ने उसकी लोकेशन और जहां पर वो है वो फोटो मांगी. लेकिन संदीप धायल को शक था, इसलिए उसने यह फोटो धुंधली करके भेजी. बस ये फोटो और वो पैसे, यही चीजें इंटेलिजेंस वालों के हाथ लगी है और उन्होंने जासूस (Spy) करार दे दिया है. जबकि ना तो कभी उनकी गैस डिलवरी गाड़ी कैंप के अंदर गई और ना ही कभी संदीप धायल. वहीं बैंक अकाउंट भी आरोपी ने तुरंत मांगा तो संदीप धायल ने अपना बैंक खाता, जो याद था वो दे दिया.

जब से संदीप धायल को जासूसी के मामले में गिरफ्तार किया है. जब से गांव में उसकी ही चर्चा चल रही है. सरपंच जयसिंह गढवाल ने बताया कि संदीप धायल के पिता शीशराम उनके भाई और परिवार के सभी सदस्यों की गांव में अच्छी जान-पहचान होने के साथ-साथ सम्मान है. लेकिन इस घटना के बाद सभी को ठेस पहुंची है और एक बार यकीन कर पाना भी मुश्किल है. लेकिन इंटेलिजेंस की कार्रवाई है, तो कुछ तो गड़बड़ हुई ही है.

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अब आरोपी पक्ष की बात सामने आने के बाद तय है कि आईएसआई के एजेंट को संदीप धायल द्वारा फोटोग्राफ्स भी भेजे गए है और वहां से पैसे भी आए है. लेकिन तीन दिन तक पूछताछ के बाद हुई गिरफ्तारी से यह भी साफ है कि बिना कोई ठोस सबूत के इंटेलिजेंस इतनी बड़ी कार्रवाई नहीं कर सकती है. बहरहाल अब झुंझुनूं में भी आईबी (IB), इंटेलिजेंस समेत अन्य एजेंसियां इस मामले की और जानकारी जुटाने में जुट गई है.

Report-Sandeep Kedia

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