सीरी ने बनाया उपग्रहों के प्रक्षेपण में उपयोगी थर्मिओनिक एमिटर, ATS-1 मिशन में PSLV-C54 में होगा उपयोगी
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सीरी ने बनाया उपग्रहों के प्रक्षेपण में उपयोगी थर्मिओनिक एमिटर, ATS-1 मिशन में PSLV-C54 में होगा उपयोगी

झुंझुनूं के पिलानी स्थित सीआईएसआर सीरी के वैज्ञानिकों ने थर्मिओनिक एमिटर सिस्टम के विकास में सफलता हासिल की है. सीरी की कथौड़ टीम की ओर से विकसित अंतरिक्ष मानकों एवं कसौटियों पर सफल थर्मिओनिक उत्सर्जक को सीरी निदेशक डॉ. पीसी पंचारिया की उपस्थिति में इसरो को सौंपा गया.

सीरी ने बनाया उपग्रहों के प्रक्षेपण में उपयोगी थर्मिओनिक एमिटर, ATS-1 मिशन में PSLV-C54 में होगा उपयोगी

Jhunjhunu: झुंझुनूं के पिलानी स्थित सीआईएसआर सीरी के वैज्ञानिकों ने थर्मिओनिक एमिटर सिस्टम के विकास में सफलता हासिल की है. सीरी की कथौड़ टीम की ओर से विकसित अंतरिक्ष मानकों एवं कसौटियों पर सफल थर्मिओनिक उत्सर्जक को सीरी निदेशक डॉ. पीसी पंचारिया की उपस्थिति में इसरो को सौंपा गया.

यह थर्मिओनिक एमीटर इसरो की आगामी एसटीएस-1 मिशन में पीएसएलवी -सी 54 में उपयोग के लिए इलेक्ट्रिक प्रोपल्शन प्रोजेक्ट को हस्तानांतरित किया गया है. इस दौरान विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र के निदेशक एस सोमनाथ और एल पीएससी बेंगलुरु के निदेशक डॉ. वी नारायण उपस्थित थे। इसरो उच्च शक्ति या थ्रस्ट वाली विद्युत प्रणोदन प्रणाली का स्वदेशीकरण कर रहा है. जिसके लिए उन्हें थर्मिओनिक उत्सर्जक की आवश्यकता है.

अभी इन थ्रस्टर्स का आयात किया जा रहा है. सामरिक उपयोग में होने के कारण इन एमिटर्स व्यवसायिक उत्पादन नहीं किया जाता है. सीरी के वैज्ञानिकों ने शोध के बाद थर्मिओनिक एमीटर की तकनीक को तैयार कर लिया गया है. स्थिर प्लाज़्मा थ्रस्टर में उपयोग के लिए थर्मिओनिक एमीटर के विकास के लिए 27 जुलाई 2018 को इसरो और सीरी के बीच समझौता हुआ था, जिसके तहत सीरी ने 14 अगस्त 2019 को 20 प्रोटोटाइप और 50 फ्लाइट प्रूवन थर्मिओनिक एमीटर विकसित किया गया. इसरो द्वारा अपने मानकों पर इन एमिटर्स विदेशों से आयात किए जाने वाले एमिटर्स की कसौटियों पर खरे उतरे हैं.

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क्या है थर्मिओनिक एमिटर
थर्मिओनिक एमिटर उच्च शक्ति की विद्युत प्रणोदन प्रणाली का घटक है, जो अंतरिक्ष में प्रक्षेपित होने वाले कृत्रिम उपग्रहों में उपयोग होता है. सुदूर अंतरिक्ष की कक्षा में उपग्रह की स्थिति और गति को रासायनिक व इलेक्ट्रॉनिक प्रणोदन प्रणालयों द्वारा नियंत्रित किया जाता है. इलेक्ट्रॉनिक प्रणोदन प्रणाली जैसे कि आयन थ्रस्टर्स की पहचान उनके उच्च निकास प्रणोदक वेग के कारण बड़ी क्षमता के लिए की गई है.

आत्मनिर्भर भारत कार्यक्रम में मिला था सीरी पिलानी को जिम्मा
लॉन्च व्हीकल्स में थर्मिओनिक एमिटर का किथौड़ अब तक भारत के बाहर से आता था लेकिन सीरी पिलानी के निदेशक डॉ. पीसी पंचारिया ने बताया कि 2018 में आत्मनिर्भर भारत के तहत सीरी पिलानी को इस किथौड़ थर्मिओनिक एमिटर के निर्माण का जिम्मा सौंपा गया था. करीब तीन साल की मेहनत के बाद सीरी के वैज्ञानिकों ने यह किथौड़ थर्मिओनिक एमिटर तैयार कर लिया है जिसे परीक्षण के बाद आईएसआरओ इसरो ने भी हरी झंडी दे दी है। अब सीरी पिलानी से तैयार किथौड़ थर्मिओनिक एमिटर ही भारत के लॉन्च व्हीकल्स में काम लिया जाएगा. उन्होंने बताया कि इस किथौड़ थर्मिओनिक एमिटर को स्पेश क्वालीफाइकिशन, रूल्स के अकॉरडिंग स्वदेशी थर्मिओनिक एमिटर बनाया गया है, जो अब भारत में काम आ सकेगा. बाहर से नहीं मंगवाना पड़ेगा.

Reporter- Sandeep Kedia

 

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