राजस्थान (Rajasthan news) के गौरव और आन बान शान के प्रतीक महाराणा प्रताप देश ही नहीं विदेश में भी अपना तेज बिखेरने को तैयार है.
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Jaipur: राजस्थान की आन-बान-शान माने जाने वाले महाराणा प्रताप (Maharana Pratap) की भव्य प्रतिमा अब विदेशों में भी अपनी अमिट छाप छोड़ने को तैयार है. विदेशी धरती पर महाराणा वीर शिरोमणि की आदम कद प्रतिमा हाथी पर सवार होकर दुबई के लिए निकल पड़ी है. इस मूर्ति का निर्माण जयपुर (Jaipur News) के होनहार कलाकार द्वारा किया गया है. हाथी पर सवार प्रताप की प्रतिमा 14 फीट ऊंची और 2 टन से ज्यादा वजन है, जिनमे महाराणा प्रताप राजसी पौशाक और वैभव के साथ विराजमान है.
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राजस्थान (Rajasthan news) के गौरव और आन बान शान के प्रतीक महाराणा प्रताप देश ही नहीं विदेश में भी अपना तेज बिखेरने को तैयार है. मूर्तिकार महावीर भारती के अथक परिश्रम से निर्मित हाथी पर सवार प्रताप की प्रतिमा 14 फीट ऊंची और 2 टन से ज्यादा वजनी का निर्माण किया गया है. इसमे महाराणा प्रताप राजसी पौशाक, वैभव के साथ विराजमान है.
वहीं, एक हाथ में तलवार और दूसरे हाथ में स्वर्णमुद्राओं-धन से भरी पोटली है और पीछे सेवक उनकी सेवा के लिए बैठा है. साथ ही महावत एक हाथ में घंटी और दूसरे हाथ में अंकुश लिए हुए है. हाथी और पालकी को डिजायनर सुंदर सजाया गया है, जिससे प्रतिमा देखने योग्य बनी है.
महारानी पद्मिनी (Maharani Padmini) की 8 फीट की प्रतिमा में उनके रूप लावण्य के साथ अद्भुत श्रंगार किए हुए बनाया गया है. वहीं, महाराजा गंगासिंह (Maharaja Ganga Singh) की प्रतिमा भी 8 फिट ऊंची है, जिसमे उनको राजसी पौशाक में आकर्षक तरीके से दिखाया है. चेतक पर सवार प्रतिमा 12.6 फीट ऊंची है, ये तीनो प्रतिमाएं दुबई पहुंच चुकी है.
इन प्रतिमाओं को बनाने में 4 महीने से अधिक समय लगा और इसी के साथ 20 कलाकारों ने इन सभी प्रतिमाओं को जीवंतकला करने में भरपूर सहयोग किया. महाराणा प्रताप की प्रतिमा पहले अयोध्या, द्वारिका, आंणद, झालावाड़, प्रतापगढ़, सरदारशहर, नरसिंहपुर, गाजियाबाद, रतलाम सहित स्थानों पर स्थापित की जा चुकी है.
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ऐसे महापुरुषों की प्रतिमा हमें ज्ञान शौर्य बलिदान शक्ति के साथ आत्मविश्वास का संदेश देती है, जिनसे हम कुछ सीख लेते हुए आगे बढ़ सके और महाराणा प्रताप सहित अनेक महापुरुषों के बताए मार्ग पर चलते हुए देश की प्रगति में अपना सहयोग प्रदान कर सके.
Reporter- Anoop Sharma