राजस्थान में दिव्यांग जनों को 4% आरक्षण का लाभ तो दिया जाने लगा लेकिन यह लाभ केवल कागजों में ही मिल रहा है क्योंकि हकीकत कुछ और ही बयां करती है.
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Jaipur: राजस्थान (Rajasthan) के दिव्यांग जनों को आरक्षण (Reservation) का लाभ नहीं मिल रहा है. आरक्षण केवल कागजों तक ही सीमित नजर आ रहा है.
इसके कारण राजस्थान के दिव्यांगजन सरकारी नौकरियों (Government Jobs) से वंचित है. ऐसे में अब दिव्यांग जनों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.
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राजस्थान में दिव्यांग जनों को 4% आरक्षण का लाभ तो दिया जाने लगा लेकिन यह लाभ केवल कागजों में ही मिल रहा है क्योंकि हकीकत कुछ और ही बयां करती है. प्रदेश के दिव्यांग जनों को आरक्षण का लाभ नहीं मिलने से सरकारी नौकरी नहीं मिल पा रही है.
हाल ही में हुई आरएएस भर्ती में भी 45 पदों पर दिव्यांग जनों को आरक्षण मिलना था लेकिन इसमें भी 9 पद कम थे. इसके अलावा रीट और पटवारी भर्ती परीक्षा में दिव्यांगों को आरक्षण देने का जिक्र तक नहीं किया गया. प्रदेश में हुई ग्राम सेवक भर्ती में भी आरक्षण नहीं मिल पाया. ऐसे में अब दिव्यांग जनों की उम्मीद टूट चुकी है.
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कमेटी बनाई, लेकिन नहीं रास्ता निकला
ऐसा नहीं है कि पहली बार दिव्यांगजनो ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला है. एक महीने पहले भी आंदोलन किया था, जिसके बाद सरकार ने इसके लिए कमेटी बनाई थी. 16 जुलाई को इसकी मांगो को लेकर बैठक भी हुई लेकिन कोई उसके बाद भी सारे वादे केवल कमेटी की मीटिंग तक ही सीमित रहे. उसके बाद न कोई मीटिंग हुई न कोई वार्ता. अब दिव्यांगजन पूरी तरह से अपने सपनो के सामने बेबस नजर आ रहे है.
पेंशन में भी बढ़ोतरी की डिमांड
इसके साथ साथ दिव्यांगजन चाहते हैं कि पेंशन बढ़ोतरी में बढ़ोतरी हो, दिव्यांग कार्मिकों के गृह जिलों में स्थानांतरण किया जाए, शिक्षा विभाग समायोजन में दिव्यांग कार्मिकों को निवास से दूर नहीं भेजें, पदोन्नति में 40% दिव्यांगता धारी और इससे ऊपर सभी को शामिल किया जाए. जयपुर में 21 दिन से दिव्यांगजनो का आंदोलन चल रहा है, ऐसे में उम्मीद है कि सरकार और विभाग के अधिकारी इस मामले में संज्ञान लेंगे.