सूरज की रोशनी से जगमगा रहीं Jaipur की सरकारी इमारतें, 4 करोड़ 87 लाख के राजस्व की बचत
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सूरज की रोशनी से जगमगा रहीं Jaipur की सरकारी इमारतें, 4 करोड़ 87 लाख के राजस्व की बचत

पिंकसिटी की सरकारी इमारतें सूरज की रोशनी से जगमग होने लगी हैं. बड़े-बड़े बिजली के बिल, अघोषित बिजली की कटौती से सरकारी संस्थानों को निजात दिलाने के लिए जयपुर स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत सोलर पैनल (Solar Pannel) लगाए जा रहे हैं. 

पिंकसिटी की सरकारी इमारतें सूरज की रोशनी से जगमग होने लगी हैं.

Jaipur: अपने स्थापत्य और कला के लिए विश्व में मशहूर जयपुर शहर विश्व के उन चुनिंदा शहरों में शामिल है, जहां परंपरा और आधुनिकता का अद्भुत समन्वय देखने को मिलता है. विरासत संरक्षण (Heritage conservation) के लिए जहां एक और जयपुर शहर यूनेस्को की विश्व विरासत सूची (World Heritage List) में शामिल है.

वहीं, दूसरी ओर स्मार्ट सिटी मिशन के तहत शहर को अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त शहर के रूप में विकसित किया जा रहा है. परंपरागत ऊर्जा स्त्रोतों की सीमितता और पर्यावरण पर उनके नकारात्मक प्रभावों को देखते हुए स्मार्ट सिटी मिशन के तहत जयपुर शहर अक्षय ऊर्जा उत्पादन (Renewable energy generation) की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है.

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पिंकसिटी की सरकारी इमारतें सूरज की रोशनी से जगमग होने लगी हैं. बड़े-बड़े बिजली के बिल, अघोषित बिजली की कटौती से सरकारी संस्थानों को निजात दिलाने के लिए जयपुर स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत सोलर पैनल (Solar Pannel) लगाए जा रहे हैं. इससे लाखों के बिजली बिल की बचत हो रही है. सबसे ज्यादा फोकस सरकारी भवनों की छतों पर सोलर पावर प्लांट लगाकर आगे इस मुहिम को आगे बढ़ाया जा रहा है. 

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जयपुर स्मार्ट सिटी (Jaipur Smart City) के तहत बिजली बचाने के मकसद से सरकारी दफ्तरों, कॉलेज और अस्पतालों में सौर ऊर्जा संयंत्र लगाकर एक दर्जन से ज्यादा सरकारी इमारतें पूरी तरह सौर ऊर्जा से ऊर्जान्वित हो चुकी हैं. शहर की प्रमुख सरकारी इमारतों पर सोलर पैनल लगाकर 4100 किलोवाट सौर ऊर्जा का उत्पादन किया जा रहा है. शहर के प्रमुख अस्पतालों, कॉलेजों, राजकीय कार्यालयों, स्टेडियम आदि की छतों पर स्मार्ट सिटी मिशन के तहत सोलर पैनल लगाये गये हैं. इससे एक और जहां क्लीन एनर्जी के उत्पादन में वृद्धि हुई है, वहीं, बिजली बिलों में भारी कमी आने से राजस्व की बचत हुई है. बिजली की बढ़ती दरों और सरकारी विभागों में खपत को कम करने के मकसद से ऊर्जा विकास निगम ने सौर ऊर्जा पैनल लगाने की प्लानिंग शुरू कर दी है. जयपुर स्मार्ट सिटी सीईओ अवधेश मीना (Awdhesh Meena) ने बताया कि बिजली कटौती के दौरान भी सोलर पैनल की बिजली से कार्यालय रोशन हो रहे है. वहीं, भारी-भरकम बिजली बिलों से भी विभागों को छुटकारा राहत मिल रही है. विभागीय अधिकारियों ने बताया कि उनका टारगेट अस्पताल है, जिससे बिजली गुल होने पर भी मरीजों को रोशनी मिल सकें.

सभी राजकीय भवनों में सोलर पैनल लगाए जा रहे
जयपुर स्मार्ट सिटी के तहत सरकारी इमारतों की छतों पर सोलर पैनल लगाकर न केवल इन संस्थानों और कार्यालयों की विद्युत आवश्यकताओं की पूर्ति की जा रही है बल्कि अतिरिक्त विद्युत को ग्रिड को सप्लाई कर सरकारी विभाग राजस्व भी अर्जित कर रहे हैं. इन सभी संस्थानों से अब तक 69 लाख 70 हजार 677 यूनिट बिजली उत्पादन करके लगभग 4 करोड़ 87 लाख 94 हजार 739 रूपये का राजस्व अर्जित किया जा चुका है. इसके साथ ही स्मार्ट सिटी की ओर से करीब 1 हजार 500 किलोवाट अतिरिक्त सौर ऊर्जा उत्पादन के लिये शहर में विभिन्न स्थानों पर कार्य किया जा रहा है. जयपुर स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के ग्रीन और क्लीन एनर्जी के तहत सभी राजकीय भवनों में सोलर पैनल लगाए जा रहे हैं. उससे जो भी एनर्जी सेविंग होती है, उसका 50 प्रतिशत रेवेन्यू संबंधित विभाग और 50 प्रतिशत रेवेन्यू जयपुर स्मार्ट सिटी को मिलता है. इस प्रयास से अब तक काफी एनर्जी सेविंग की जा चुकी है और रेवेन्यू भी मिल रहा है.

अब तक इन सरकारी दफ्तरों में लग चुके सोलर पैनल
अभी तक अस्पताल सवाई मानसिंह अस्पताल और सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज, रिजर्व पुलिस लाईन, जेके लोन अस्पताल, जनाना अस्तपाल, कलेक्ट्रेट, गणगौरी अस्पताल, महारानी कॉलेज, कॉमर्स कॉलेज, राजस्थान कॉलेज, आर.ए. पोद्दार कॉलेज, महाराजा कॉलेज, राजकीय महिला आईटीआई कॉलेज बनीपार्क, राजकीय महिला पॉलिटेक्निक कॉलेज गांधीनगर, आरटीओ, ट्रांसपोर्ट ऑफिस, राजकीय मनोचिकित्सालय जयपुर, राजस्थान स्टेट स्पोर्टस काउंसिल (बालक/बालिका छात्रावास, तरणताल, स्क्वेश कोर्ट), शूटिंग रेंज, राजस्थान विश्वविद्यालय, चौगान स्टेडियम, चौगान गैराज और नगर निगम ग्रेटर और हैरिटेज में सोलर पैनल लगाकर बिजली काम मे ली जा रही है. 

बहरहाल, बिजली संकट को दूर करने के लिए सौर ऊर्जा का सहारा लेकर सरकारी दफ्तरों को सूरज की रोशनी से जगमग किया जा रहा है. जो ना सिर्फ इन सरकारी संस्थानों के लिये बल्कि स्मार्ट सिटी के लिए भी फायदे का सौदा साबित होगा. घाटे में चल रहे विभागों को हर बचत एक कारगर प्रयास है. 

 

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