राजीव गांधी ग्रामीण ओलंपिक खेलों के राज्य स्तरीय प्रतियोगिता का आगाज,मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने किया उद्घाटन
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राजीव गांधी ग्रामीण ओलंपिक खेलों के राज्य स्तरीय प्रतियोगिता का आगाज,मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने किया उद्घाटन

6 खेलों में आयोजित हो रहे ग्रामीण ओलंपिक के अंतिम चणक मुकाबले एसएमएस स्टेडियम और राजस्थान विश्वविद्यालय के खेल मैदानों पर आयोजित हो रहे हैं. 

राजीव गांधी ग्रामीण ओलंपिक खेलों के राज्य स्तरीय प्रतियोगिता का आगाज,मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने किया उद्घाटन

Jaipur: राजस्थान सरकार द्वारा प्रदेश में पहली बार आयोजित हो रहे राजीव गांधी ग्रामीण ओलम्पिक खेल के राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं का आगाज आज हुआ. जयपुर के एसएमएस स्टेडियम में राज्य स्तरीय प्रतियोगिता का शुभारम्भ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा किया गया. इस मौके पर खेल मंत्री अशोक चांदना, कृषि मंत्री लालचंद कटारिया, मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास,मंत्री गोविंद राम मेघवाल, खेल परिषद अध्यक्ष कृष्णा पुनिया, उपाध्यक्ष सतवीर चौधरी, महेंद्र चोधरी, मुख्य सचिव उषा शर्मा,RCA अध्यक्ष वैभव गहलोत सहित प्रशानिक अधिकारी और जन प्रतिनिधि मौजूद रहे.

6 खेलों में आयोजित हो रहे ग्रामीण ओलंपिक के अंतिम चणक मुकाबले एसएमएस स्टेडियम और राजस्थान विश्वविद्यालय के खेल मैदानों पर आयोजित हो रहे हैं. 16 अक्टूबर से 19 अक्टूबर तक आयोजित हो रही राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में 33 जिलों से कुल 330 टीमों में करीब साढ़े तीन हजार से ज्यादा खिलाड़ी हिस्सा ले रहे हैं.

राज्य स्तरीय प्रतियोगिता के शुभारंभ के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि सरकार राज्य में खेलो का स्ट्रेक्चर मजबूत करने का काम शुरू करने का काम कर चुकी है. इस वर्ष के बजट में कई घोषणाएं युवाओं और खेल के लिए की जाएगी. समारोह में राज्य खेल परिषद अध्यक्ष कृष्णा पूनिया ने राज्य में 500 कोच की भर्ती करने की मांग की. वहीं खेल मंत्री अशोक चांदना ने खेल परिषद को विभाग में बदलने की मांग की. साथ ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निर्देश के बाद खेल मंत्री अशोक चांदना ने आगामी 26 जनवरी से प्रदेश में राजीव गांधी शहरी ओलंपिक की शुरुआत की.

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सम्बोधन में कहा कि भारत की आबादी 135 करोड़ है लेकिन आज भी कई बड़ी प्रतियोगिताओं में हमारा देश बहुत कम मेडल जीत पाता है तो वहीं कई छोटे-छोटे देश बहुत ज्यादा मेडल जीत रहे हैं. भारत इन छोटे-छोटे देशों में भी खेलों में काफी पीछे हैं. खेलों की तरफ ध्यान नहीं देने के कारण छोटे छोटे देश आगे निकल रहे हैं.

राजस्थान ने टेलेंट सर्च करने का जो काम शुरू किया उसका अनुसरण आज कई राज्य करते नजर आ रहे हैं. राज्य में खेलों के प्रति जो जज्बा है वो ही खिलाड़ियों को आगे लेकर जाएगा. इन खेलों में एक साथ 30 लाख लोग खेले थे. ग्रामीण के साथ ही अब 26 जनवरी से शहरी ओलंपिक खेलों का आयोजन होगा. देश का युवा सिर्फ देश में ही नहीं पूरे विश्व में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा रहे हैं. पिछली सरकार में जब हम सरकार में थे तो उस समय बच्चों को टेबलेट देते थे, लेकिन कोरोना के चलते 2-3 साथ ये वितरण नहीं हुआ, अब एक साथ करीब 1 लाख प्रतिभावान बच्चों को टेबलेट देने की योजना तैयार की जा रही है.

राजीव गांधी ग्रामीण ओलंपिक खेलों के राज्य स्तरीय मुकाबले के दौरान राजस्थान राज्य क्रीड़ा परिषद अध्यक्ष कृष्णा पूनिया ने संबोधन में कहा, "राजस्थान में खिलाड़ियों को जो मिल रहा वो किसी राज्य में नहीं मिल रहा है. राजस्थान में आउट ऑफ टर्न नोकरी दी जा रही है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मेडल जीतने वाले खिलाड़ियों को अफसर बनाने का काम किया, राज्य स्तर पर मेडल जीतने ओर सरकारी नौकरी दी जा रही है. राजस्थान में मिलने वाले अवार्ड राशि को राजस्थान सरकार ने बढ़ाया है. राजीव गांधी के नाम से खेल रत्न भी शुरू किया गया है. आज आपकी जर्सी के पीछे जिले का नाम लिखा है आप मेहनत करोगे तो एक दिन इंडिया लिखा होगा. आप बस मेहनत करो, उसको पूरा करने के लिए सरकार साथ है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से कृष्णा पूनिया ने निवेदन करते हुए 500 कोच की भर्ती की घोषणा की मांग रखी."

राज्य स्तरीय राजीव गांधी ग्रामीण ओलंपिक खेलों के शुभारंभ के अवसर पर खेल मंत्री अशोक चांदना ने कहा, "आज का दिन एक सपने के पूरा होने जैसा है. ये सपना 2 साल पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बजट में पेश किया. आज तक प्रदेश में किसी भी खेलों के लिए 40 लाख रुपए तक खर्च नहीं हुए लेकिन राजीव गांधी ग्रामीण ओलंपिक खेलों के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक साथ 40 करोड़ रुपये स्वीकृत किये. पिछले 4 साल में राजस्थान में खेलों को लेकर जो का हुए वो पूरे देश में नहीं हुआ और ना ही राजस्थान के इतिहास में कभी हुआ.

राज्य स्तर पर सरकारी नौकरी का प्रावधान भी सिर्फ राजस्थान में ही हुआ. कोई भी खिलाड़ी कभी नौकरी के लिए नहीं खेलता है. वो सिर्फ अपने माता पिता, गुरु, प्रदेश और देश के सम्मान के लिए खेलता है लेकिन अगर हम इन खिलाड़ियों का भविष्य नहीं संवारेंगे तो कल प्रदेश के खिलाड़ी आगे नहीं बढ़ पाएंगे. 4 साल में मुख्यमंत्री ने सिर्फ खेल और खिलाड़ियों को बढ़ाने का काम किया है. राज्य में मेडल जीतने वाले खिलाड़ियों को मिलने वाली राशि मे बढ़ोतरी की. खिलाड़ियों को फ्लाइट से उतरने से पहले ही आपने पुरस्कार राशि खिलाड़ियों को दी. खिलाड़ियों को बढ़ाने के लिए हर सम्भव कार्य किया. मुझे गर्व और खुशी है कि खेल विभाग की बागडोर मेरे हाथ मे दी. इस दौरान चांदना ने खेल परिषद को विभाग में बदलने की मांग रखते हुए कहा कहा कि इससे राजस्थान ने खेल के संसाधन उपलब्ध बढ़ेंगे और खेल की प्रतिभा बढ़ सकेगी.

राजीव गांधी ग्रामीण ओलंपिक के राज्य स्तर की प्रतियोगिता में 330 टीमें खेलेंगी, जिसमें प्रदेश भर के 3 हजार 696 खिलाड़ी भाग ले रहे हैं. इन खिलाड़ियों में 1 हजार 914 महिला खिलाड़ी हैं तथा पुरुष खिलाड़ियों की संख्या उनसे कम 1 हजार 782 है. राज्य स्तर पर सभी 33 जिलों से 10-10 विजेता टीमें भाग लेंगी. जिसमें कबड्डी, वॉलीबॉल, हॉकी और टेनिस बॉल क्रिकेट की महिला व पुरुष की एक-एक और शूटिंग वॉलीबॉल की पुरुष और खो-खो की महिला टीम शामिल है. प्रतियोगिता का समापन 19 अक्टूबर को होगा. जिसमें विजेता खिलाड़ियों और टीमों की पुरस्कार दिए जाएंगे.

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