पूर्व राज परिवारों के काम करने वाले लोगों को राज परिवार की ओर से रहने के लिए कुछ संपत्तियां दी गई. इन संपत्तियों को नजूल संपत्तियों कहा जाता है.
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Jaipur: पूर्व राजपरिवारों के समय में रहने के लिए दी गई सम्पत्तियों (नजूल सम्पत्ति) का निकायों को हस्तांतरण नहीं हो पाया है. ऐसे में सरकार (Rajasthan Government) के फैसले के बावजूद इन संपत्तियों का आवंटन नहीं हो पा रहा है. वहीं, अब स्वायत्त शासन विभाग ने सामान्य प्रशासन विभाग और संपदा निदेशालय से ऐसी सभी नजूल सम्पत्तियों को तत्काल हस्तांतरित करने की मांग है. इसके लिए कैबिनेट सब कमेटी के फैसले का भी हवाला दिया गया है.
पूर्व राज परिवारों के काम करने वाले लोगों को राज परिवार की ओर से रहने के लिए कुछ संपत्तियां दी गई. इन संपत्तियों को नजूल संपत्तियों कहा जाता है. बरसों पुरानी इन संपत्तियों पर पीढ़ी दर पीढ़ी राज परिवार के पूर्व सेवादार के परिवार काबिज है लेकिन उन्हें सरकार की ओर से आवंटन नहीं किया गया.
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सरकार ने इन संपत्तियों के आवंटन का नियम बना रखा है लेकिन स्थानांतरण नहीं होने के कारण संपत्तियों का आवंटन रुका हुआ है. नजूल निस्तारण नियम (Nazul Disposal Rules) के तहत ऐसी सम्पत्तियों को किराएदार, सबटेनेन्ट, ट्रेसपासर और कब्जेधारी और शरणार्थी को विक्रय करने का प्रावधान है. ऐसी नजूल भूमि पहले नगरीय निकायों को स्थानांतरित होगी. इसके बाद संबंधित काबिज व्यक्ति को निर्धारित दर पर दी जाएगी. इनका आवंटन डीएलसी दर के 20 से 50 प्रतिशत दर पर हो सकेगा.
चारदीवारी में ही 200 साल पुरानी 39 सम्पत्तियां
पूर्व राजपरिवार के समय जनानी ड्योडी में काम करने वाली महिला कर्मचारियों को रहने के लिए मकान दिए गए थे. ऐसी सभी सम्पत्ति करीब 200 साल पुरानी हैं. इसके बाद से ये ही परिवार इन सम्पत्तियों में निवास कर रहे हैं. पुरानी बस्ती, गणगौरी बाजार और आस-पास के इलाकों में ऐसी 39 सम्पत्तियां हैं.
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