2023 के अंत तक सभी रेल मार्गों के विद्युतीकरण का लक्ष्य निर्धारित, तेजी से चल रहा है कार्य
Advertisement
trendingNow1/india/rajasthan/rajasthan1013062

2023 के अंत तक सभी रेल मार्गों के विद्युतीकरण का लक्ष्य निर्धारित, तेजी से चल रहा है कार्य

 रेलवे पर पर्यावरण अनुकूल रेल परिवहन के लिए रेल लाइनों के विद्युतीकरण का कार्य तेज गति से किया जा रहा है. 

प्रतीकात्मक तस्वीर

Jaipur: रेलवे पर पर्यावरण अनुकूल रेल परिवहन के लिए रेल लाइनों के विद्युतीकरण का कार्य तेज गति से किया जा रहा है. उत्तर पश्चिम रेलवे पर अब तक 2209 किलोमीटर रेल मार्ग का विद्युतीकरण किया जा चुका है. प्रमुख मार्गों पर इलेक्ट्रिक इंजन (Electrical Motor) से ट्रेनों का संचालन शुरू किया जा चुका है. रेलवे द्वारा वर्ष 2023 के अंत तक सभी रेल मार्गों के विद्युतीकरण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. इसी को ध्यान में रखकर उत्तर पश्चिम रेलवे द्वारा रेलवे वर्कशॉप में इलेक्ट्रिक इंजन के अनुरक्षण कार्य को प्रारम्भ किया गया है.

इसी कड़ी में उत्तर पश्चिम रेलवे के डीजल लोको और वैगन वर्कशॉप, अजमेर (Ajmer) में पहली बार इलेक्ट्रिक इंजन को आवधिक मरम्मत और अनुरक्षण के उपरान्त उत्तर पश्चिम रेलवे महाप्रबंधक विजय शर्मा ने वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया. उत्तर पश्चिम रेलवे के सीपीआरओ कैप्टन शशि किरण ने बताया कि अजमेर लोको कारखाना प्रदेश का पहला कारखाना बन गया है, जहां पर इलेक्ट्रिक रेल इंजन की मरम्मत का काम प्रारम्भ हो गया है.

यह भी पढ़ें-Rajasthan के इन जिलों के लोग रहें सतर्क, बारिश के साथ ओलावृष्टि की भी चेतावनी जारी

देश में यह काम अभी 8 रेल कारखानों में होता है. अजमरे कारखानें में प्रायोगिक तौर पर मैमू कोच को मरम्मत किया गया था, इसके बाद से ही इलेक्ट्रिक इंजन को मरम्मत करने की तैयारियां शुरू की गई थी. डीजल लोको और वैगन वर्कशॉप, अजमेर में पहली बार इलेक्ट्रिक इंजन का आवधिक मरम्मत और अनुरक्षण किया गया. इलेक्ट्रिक इंजन को आवधिक मरम्मत और अनुरक्षण के लिए 13 अगस्त को वर्कशॉप में लाया गया. इसका कार्य 19 अगस्त से शुरू किया गया. इलेक्ट्रिक इंजन की आवधिक मरम्मत और अनुरक्षण के दौरान उसके ट्रांसफार्मर, टेप चेंजर, वेक्यूम सर्किट ब्रेकर, ब्रेकिंग सिस्टम, मास्टर कन्ट्रोलर, रिले, मोटर, कम्प्रेसर, बोगी, पेन्टोग्राम और एयर ब्रेक उपकरण इत्यादि की गहन जांच कर अनुरक्षण करने के कार्य किए गए.

अजमेर में पहली बार इलेक्ट्रिक इंजन का आवधिक मरम्मत और अनुरक्षण करने के दौरान कुछ चुनौतियों का भी सामना करना पड़ा. जिनमें इस प्रकार के इंजन के अनुरक्षण से सम्बंधित सामग्री की उपलब्धता सुनिश्चित करना, बाहरी मदद प्राप्त करना, स्टॉफ को विभिन्न गतिविधियों के लिये प्रशिक्षित कर उनको यूजर फ्रेन्डली बनाने, वर्कशॉप में ओएचई की उपलब्धता नहीं होना का प्रमुख थी.

यह भी पढ़ें-Petrol Diesel price: पेट्रोल-डीजल के दामों में उछाल, जानें आज कितने बढे़ भाव

रेलवे बोर्ड द्वारा लोको कारखाना, अजमेर को वर्ष 2021-22 के लिए कुल 3 लोको का लक्ष्य दिया गया है. कारखाना में कार्यरत कर्मचारियों की दक्षता और कार्य कुशलता के मद्देनजर चुनौती के रूप में डीजल इंजन की मरम्मत के बाद इलेक्ट्रिक इंजन के मरम्मत कार्य मिलने के बाद अजमेर कारखाना का अस्तित्व बरकरार रहेगा. लोको कारखाना, अजमेर द्वारा इलेक्ट्रिक लोको पीरियोडिक ओवरहॉल का कार्य पूर्ण कर एक नया आयाम हासिल किया है. 

इलेक्ट्रिक इंजन को आवधिक मरम्मत और अनुरक्षण के दौरान हरी झंडी दिखाकर रवानगी के अवसर पर यॉत्रिक विभाग के प्रमुख मुख्य यॉत्रिक इंजीनियर विनीत कुमार सक्सैना, प्रमुख विभागाध्यक्ष, मुख्य कारखाना इंजीनियर आरके मूदड़ा, मंडल रेल प्रबन्धक-अजमेर नवीन कुमार परसुरामका, मुख्य कारखाना प्रबन्धक-अजमेर अशोक कुमार अबरोल सहित विभागाध्यक्ष एवं अजमेर वर्कशॉप के रेलकर्मी मौजूद थे.

Trending news