विधानसभा में विधायकों के सवालों में उलझे ये मंत्री, स्पीकर ने 2 सवाल किए स्थगित
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विधानसभा में विधायकों के सवालों में उलझे ये मंत्री, स्पीकर ने 2 सवाल किए स्थगित

सदन की कार्यवाही सुबह 11 बजे शुरू हुई. प्रश्नकाल में कुल 38 सवाल लगे, जिसमें 22 तारांकित और 16 अतारांकित. समय के अभाव के चलते केवल 15 सवाल ही विधायक पूछ सके. 

सदन की कार्यवाही सुबह 11 बजे शुरू हुई.

Jaipur: चार दिन के अवकाश के बाद बुधवार को राजस्थान विधानसभा की कार्यवाही फिर से शुरू हुई. प्रश्नकाल में विधायकों की ओर से कुल 15 सवाल पूछे गए, जिनके जवाब में मंत्री लालचंद कटारिया, महेश जोशी, ममता भूपेश संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए. इस पर माकपा विधायक बलवान पुनिया ने विरोध स्वरूप वेल में धरना दिया. वहीं, स्पीकर सीपी जोशी ने भाजपा विधायक वासुदेव देवनानी और ज्ञानचंद पारख का सवाल स्थगित कर दिया.

सदन की कार्यवाही सुबह 11 बजे शुरू हुई. प्रश्नकाल में कुल 38 सवाल लगे, जिसमें 22 तारांकित और 16 अतारांकित. समय के अभाव के चलते केवल 15 सवाल ही विधायक पूछ सके. ये सवाल चिकित्सा, कृषि, सार्वजनिक निर्माण, जनजाति, क्षेत्रीय विकास, महिला बाल विकास, खाद्य आपूर्ति और उद्योग विभाग से संबंधित रहे.

माकपा विधायक बलवान पूनिया ने भादरा विधानसभा क्षेत्र के किसानों को फसल बीमा क्लेम का भुगतान नहीं होने का मामला उठाया. जवाब में कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनान्‍तर्गत वर्ष 2020-21 से हनुमानगढ़ जिले का फसल बीमा व्‍यवसाय एग्रीकल्‍चर इन्‍श्‍योरेन्‍स कम्‍पनी ऑफ इण्डिया लिमिटेड द्वारा किया जा रहा है. रबी 2020-21 के लिए उक्‍त बीमा कम्‍पनी की ओर से भादरा विधानसभा क्षेत्र में अब तक 161 करोड़ 78 लाख के बीमा क्‍लेम का भुगतान 58 हजार 901 फसल बीमा पॉलिसी धारक पात्र किसानों को किया गया है. शेष बीमा दावों का भुगतान बीमा कम्‍पनी द्वारा फसल कटाई प्रयोगों से प्राप्‍त उपज परिणामों में विसंगति बताते हुए अभी तक नहीं किया गया है. विभाग बीमा कम्‍पनी से शेष बीमा क्‍लेम का भुगतान करवाने के लिए लगातार प्रयासरत है. 

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कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने यह भी कहा कि विभागीय अनुमान के अनुसार रबी 2020-21 के लिए भादरा विधानसभा क्षेत्र के लिए लगभग 505 करोड़ 62 लाख रुपए की बीमित राशि एवं 323 करोड़ 34 लाख रुपए का बीमा क्‍लेम फसल कटाई प्रयोगों अनुसार प्राप्‍त उपज के आधार पर योजना प्रावधानों के अंतर्गत आ गया है. कटारिया के जवाब से असंतुष्ट पूनिया वेल में आ गए. उनके साथ विधायक गिरधारी भी वेल में आकर बैठ गए. कुछ समय बाद मंत्री प्रताप सिंह ने समझाइस कार उनकी सीट पर भेजा.

भाजपा विधायक प्रताप सिंह सिंघवी ने सिंचाई परियोजना से छबड़ा और छिपा बड़ोद को पेयजल उपलब्ध कराने का सवाल पूछा, लेकिन जलदाय मंत्री महेश जोशी संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए. जोशी ने कहा कि बारां जिले की ल्‍हासी सिंचाई परियोजना अंतर्गत निर्मित बांध आधारित ल्‍हासी पेयजल परियोजना पूर्ण की जाकर, छबड़ा एवं छीपाबड़ौद कस्‍बों में स्‍वच्‍छ पेयजल आपूर्ति की जा रही है.

छबड़ा द्वारा ल्‍हासी पेयजल परियोजना से कस्‍बा छबड़ा व कस्‍बा छीपाबड़ौद में अनुबंधक फर्म डारा कंस्‍ट्रक्‍शन एवं वितरण कम्‍पनी, राईबाग जोधपुर द्वारा निर्धारित मानक गुणवत्‍ता अनुरूप पेयजल आपूर्ति नहीं करने तथा लापरवाही करने बाबत पुलिस थाना छबड़ा में 30 जून 2021 को प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी. थानाधिकारी, पुलिस थाना छबड़ा से प्राप्‍त सूचना के अनुसार उक्‍त प्रकरण वर्तमान में अनुसंधान में है. इस जवाब से सिंघवी ने नाराजगी जताई, लेकिन स्पीकर ने बोलने की अनुमति नहीं दी.

उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने प्रदेश में राजस्थान राज्य आर्थिक पिछड़ा वर्ग बोर्ड गठन को लेकर सवाल पूछते हुए कहा कि बोर्ड को बटन हुए 3 साल का समय हो गया है. लेकिन इसकी योजनाओं के लिए एक नया पैसे का प्रावधान कर खर्च नहीं किया गया. अगर खर्च किया तो सरकार बताएं जवाब में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री टीकाराम जूली ने कहा कि वर्ष 2020-2021 के बजट में आर्थिक रूप से पिछडे सामान्य वर्ग (Economically Backward class) के उत्थान एवं कल्याण के सुझाव देने के।लिए राजस्थान राज्य आर्थिक पिछड़ा वर्ग बोर्ड के गठन की घोषणा के अनुक्रम में राज्य सरकार ने 22 मई. 2020 को राजस्थान राज्य आर्थिक पिछड़ा वर्ग बोर्ड का गठन किया गया है. अभी वर्तमान में उक्त बोर्ड से कोई सुझाव प्राप्त नहीं हुआ है. जुली के बाद राठौड़ बोलने लगे, लेकिन स्पीकर ने अनुमति नहीं दी.

विधायक कालीचरण सराफ में खाद्य सुरक्षा योजना में पात्रता धारियों की सीमा में बढ़ोतरी को लेकर सवाल पूछा जवाब में खाद्य नागरिक आपूर्ति मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि खाद्य सुरक्षा योजनान्तर्गत प्रदेश में 23. फरवरी 2022 को शहरी क्षेत्र में 35.36 प्रतिशत एवं ग्रामीण क्षेत्र में 72.68 प्रतिशत लाभार्थी चयनित है. योजना के लाभार्थियों की संख्‍या शहरी क्षेत्र 6028017 (साठ लाख अठ्ठाईस हजार सतरह) एवं ग्रामीण क्षेत्र 37432670 (तीन करोड़ चौहत्‍तर लाख बत्‍तीस हजार छ सौ सत्‍तर) है.

सुरक्षा योजनान्तर्गत लाभ प्राप्‍त कर रहे राजकीय कार्मिकों के नामों को हटाकर उनसे वसूली की कार्यवाही करने के लिए विभाग की ओर से 24 फरवरी .2020 को आदेश जारी कर वसूली की कार्यवाही प्रारम्‍भ की गई है. फरवरी 2020 से 1 जनवरी 2021 तक अपात्र सरकारी कार्मिकों के 322178 (तीन लाख बाईस हजार एक सौ अठहत्‍तर) परिवार सदस्‍यों के नाम हटे है. प्रदेश में इस अवधि में नये पात्र व्‍यक्तियों के 747546 (सात लाख सैतालीस हजार पांच सौ छियालीस) नाम जोड़े गए है. 

भारत सरकार की ओर से प्रदेश की वर्ष 2011 की जनसंख्‍या के अनुसार राष्‍ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजनान्‍तर्गत 4.46 करोड़ लाभार्थियों को चयनित किये जाने की सीलिंग निर्धारित की गई थी. भारत सरकार द्वारा कवरेज में कोई भी संशोधन अगली जनगणना के जनसंख्‍या अनुमान आंकडे प्रकाशित होने के बाद संभव होने के कारण वर्तमान में दिनांक 18 मई 2020 से खाद्य सुरक्षा योजना में नाम नहीं जोडे़ जा रहे है. भारत सरकार को राजस्‍थान में वर्ष 2021 की अनुमानित जनसंख्‍या के आधार पर सीलिंग पुन: निर्धारित करने के लिए मुख्‍यमंत्री ने कई बार प्रधानमंत्री को पत्र लिखे गए है.

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