लोंगेवाला भारत का सबसे प्रसिद्ध सीमा है जिसे 1971 के युद्ध के दौरान भारतीय सेना की वीरता के लिए गर्व से याद किया जाता है.
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Jaipur: भारत-पाकिस्तान सीमा पर जीवन का एक अनूठा अनुभव प्रयोग होगा और सुरक्षा बलों की दृढ़ता और 1971 के युद्ध की जीत की यादें ताजा करती जैसलमेर की तनोट बावलियावाला सीमा राजस्थान और केंद्र सरकार के पर्यटन विभाग और सीमा सुरक्षा बल के सहयोग से भारत-पाक सीमा का दौरा पर्यटन की दृष्टि से सुखद होगा.
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तनोट माता मंदिर, किशनगढ़ किला और लोंगेवाला युद्ध स्मारक विशाल रेगिस्तानी धरा के बीच सुंदर गांव क्षेत्र के प्रमुख पर्यटक स्थल आकर्षण का केंद्र बनने जा रहे हैं. भारत-पाक सीमा का पर्यटन स्थल 18 महीने में 19 करोड़ की लागत में बनकर तैयार होगा.
भारत-पाक सीमा आकर्षण का केंद्र बनेगा
पर्यटन प्रमुख शासन सचिव गायत्री राठौड़ ने कहा कि बॉर्डर और इससे संबंधित इतिहास पर्यटकों को स्वतः अपनी और आकर्षित करता है. सीमा सुरक्षा बल तनोट माता पर्यटक स्थल के विकास और सीमावर्ती कठिन जीवन को प्रदर्शित करते हुए सुरक्षित और आरामदायक यात्रा होगी. साथ ही समृद्ध ऐतिहासिक की पृष्ठभूमि में भारत-पाक सीमा की आभा पर्यटकों को जीवन भर संजोने की स्मृति देती है.
भारतीय सेना की वीरता ऑडियो और विजुअल प्रदर्शित होंगे
लोंगेवाला भारत का सबसे प्रसिद्ध सीमा है जिसे 1971 के युद्ध के दौरान भारतीय सेना की वीरता के लिए गर्व से याद किया जाता है. यह पर्यटकों के लिए प्रमुख आकर्षण का केंद्र है. तनोट माता मंदिर वो स्थान है, जहां प्रतिदिन लगभग 3000 से भी अधिक पर्यटक और भक्त दर्शन और घुमने के लिए आते हैं.
वर्तमान में कुछ ही पर्यटकों को जिला प्रशासन की अनुमति के बाद बावलियावाला सीमा पर भी जाने का मौका मिलता है लेकिन, अब यहां एम्फीथिएटर, चिल्ड्रन एक्टिविटी एरिया, कैफेटेरिया और अन्य सुविधाओं के साथ ही तनोट माता मंदिर परिसर में भी ऐसी सुविधाएं विकसित की जाएगी.
बीएसएफ की डॉक्यूमेंट्री वह फोटो गैलरी प्रदर्शित होगी
पर्यटन गतिविधियों के हिस्से के रूप में बीएसएफ डॉक्यूमेंट्री, हथियार प्रदर्शन और फोटो गैलरी को तनोट में ऑप्स बेस पर प्रदर्शित किया जाएगा. पर्यटकों को बावलियावाला बॉर्डर पर जाने और बॉर्डर पॉइंट पर रिट्रीट समारोह देख सकेंगे. जैसलमेर जिला प्रशासन भी बावलियांवाला क्षेत्र को विकसित कर रहा है और पर्यटकों के लिए अनेक सुविधाएं प्रदान कर रहा है.
स्थानीय लोगों को रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे
जैसलमेर शहर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पर्यटन स्थल के रूप में अपनी एक अलग पहचान रखता है. ऐतिहासिक किले के कारण इसे गोल्डन सिटी भी कहा जाता है. यहां की शाही हवेलियां, सांस्कृतिक विरासत और प्राकृतिक सुंदरता भी पर्यटकों को स्वतः अपनी और आकर्षित करती है. बॉर्डर टूरिज्म से दूर-दराज के गांवों और रेगिस्तानी क्षेत्र के निवासियों के लिए रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे. साथ ही इससे स्थानीय लोक कलाकारों को अपनी कला को प्रदर्शित करने का बड़ा मंच मिलेगा.
Reporter: Damodar Raigar