मरुधरा के 71 फ़ीसदी बांध बिल्कुल खाली हैं. केवल 29 फ़ीसदी बांधों में ही पानी बचा है, ऐसे में राजस्थान में जल्द ही मानसून की बारिश नहीं हुई तो आने वाले दिनों में राजस्थान में बड़ा जल संकट खड़ा हो सकता है.
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Jaipur: राजस्थान (Rajasthan) में मानसून (Monsoon) की मनमर्जी से जल संकट खड़ा हो सकता है. जल संसाधन विभाग (Department of Water Resources) के ताजा आंकड़े चौंकाने वाले हैं.
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मरुधरा के 71 फ़ीसदी बांध बिल्कुल खाली हैं. केवल 29 फ़ीसदी बांधों में ही पानी बचा है, ऐसे में राजस्थान में जल्द ही मानसून की बारिश नहीं हुई तो आने वाले दिनों में राजस्थान में बड़ा जल संकट खड़ा हो सकता है.
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727 में से 514 बांध खाली
मरुधरा में मानसून कि मनमर्जियां के बाद अब जल संकट हो सकता है. बांधों की ताजा रिपोर्ट बताती है कि राजस्थान में पीने के पानी के लिए आने वाले दिनों में हालात और बिगड़ सकते हैं. राजस्थान के 727 बांधों में से 514 बांधों में एक बूंद भी पानी नहीं बचा है. सबसे ज्यादा स्थिति जोधपुर संभाग में खराब है. जोधपुर के बांधों में केवल 6 फ़ीसदी ही पानी बचा है जबकि उदयपुर संभाग में 36 कोटा में 59 और जयपुर के बांधों में केवल 27 प्रतिशत ही पानी बचा है.
22 बड़े बांधों में 36% पानी बचा
इसके अलावा मरुधरा के 22 बड़े बांधों में से केवल 48 फ़ीसदी ही पानी बचा है. पिछले 24 घंटे में राजस्थान के इन बड़े बांधों में केवल .48 मिमी ही पानी दर्ज किया गया है. पिछले साल जुलाई में इन बड़े बांधों में 40 फ़ीसदी पानी दर्ज किया गया था जबकि अब घटकर 36 फ़ीसदी ही पानी बचा है यानी 4 फ़ीसदी पानी बांधों में पिछले साल के मुकाबले कम हो गया है. आंशिक भरे हुए बांध केवल 185 ही है जबकि 727 में से केवल 6 बांध ही पूरे भरे हुए हैं.
जलसंकट खड़ा हो सकता राजस्थान में
ऐसे में यदि अबकी बार मानसून की अच्छी बारिश नहीं होती है तो आने वाले दिनों में राजस्थान में बड़ा जल संकट खड़ा हो सकता है क्योंकि बांधों की मौजूदा स्थिति बिल्कुल भी ठीक नहीं है और जयपुर समेत 4 जिलों की प्यास बुझाने वाला बीसलपुर बांध भी अब खाली होने लगा है. ऐसे में उम्मीद यही है कि जल्द से जल्द मानसून की अच्छी बारिश हो ताकि राजस्थान का जल संकट दूर हो सके.