क्या राजपूतों को लुभाने के लिए राज्यसभा में समाज के किसी बड़े चेहरे के लिए जाजम तैयार करेगी कांग्रेस ?
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क्या राजपूतों को लुभाने के लिए राज्यसभा में समाज के किसी बड़े चेहरे के लिए जाजम तैयार करेगी कांग्रेस ?

कार्यक्रम में पहुंचे कई लोगों ने धर्मेंद्र राठौड़ को भगवान सिंह रोलसाबसर और मुख्यमंत्री के एक साथ मंच साझा करने को लेकर बधाई भी दी. लोगों ने धर्मेंद्र राठौड़ से कहा कि आज तो उन्होंने बड़ा शॉट लगा दिया.

फाइल फोटो

Jaipur: राजस्थान में क्या राजपूतों को लुभाने के लिए राज्यसभा में समाज के किसी बड़े चेहरे के लिए जाजम कांग्रेस जाजम तैयार कर रही है ?, दिग्विजय सिंह और मुख्यमंत्री की मौजूदगी में भगवान सिंह रोलसाबसर के मंच साझा करने के बाद राजनीतिक गलियारों में ये कयास लगाये शुरू हो चुके हैं. प्रदेश में राज्यसभा चुनाव होने हैं और राज्यसभा से कांग्रेस इस बार किन-किन चेहरों पर दांव लगा सकती है? इसको लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है. 

दरअसल कांग्रेस नेता और आरटीडीसी चेयरमैन धर्मेंद्र राठौड़ की तरफ से मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और एआईसीसी के राष्ट्रीय महासचिव रहे दिग्विजय सिंह के सम्मान में अल्पाहार कार्यक्रम में आए चेहरों को देखकर ये चर्चा शुरू हुई है. सिविल लाइन स्थित एक अपार्टमेंट में धर्मेंद्र राठौड़ के घर पर ये अल्पाहार कार्यक्रम आयोजित किया गया. इसमें सरकार के मंत्रियों, सत्ताधारी पार्टी के विधायकों, बोर्ड और आयोगों के चेयरमैन–सदस्यों के साथ ही राजपूत समाज के बड़े चेहरे भी दिखाई दिए. कार्यक्रम में सबसे खास चेहरा थे क्षत्रिय युवक संघ के पूर्व मुखिया और वर्तमान संरक्षक भगवान सिंह रोलसाबसर. 

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राजपूत समाज में भगवान सिंह रोलसाबसर एक सम्मानित चेहरे के रूप में स्थान रखते हैं. रोलसाबसर के साथ ही इस कार्यक्रम में प्रताप फाउंडेशन के महावीर सिंह सरवड़ी भी मौजूद रहे. यूं तो सामाजिक व्यक्ति होने के नाते क्षत्रिय युवक संघ के संरक्षक कई कार्यक्रमों में देखे जाते हैं लेकिन ऐसे कार्यक्रमों में राजनेताओं के साथ मंच या फिर मुख्य कतार साझा नहीं करते. लेकिन शनिवार को धर्मेंद्र राठौड़ के घर पर आयोजित कार्यक्रम का नजारा कुछ अलग था. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी और कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के साथ भगवान सिंह रोलसाबसर मंच की जगह लगाए गए सोफा पर बैठे दिखाई दिए. 

मंच पर उपस्थिति के बाद से ही इस बात के कयास लगाए जा रहे हैं कि कांग्रेस इस बार अपने खाते में आने वाली 3 सीटों में से एक सीट राजपूत समाज के खाते में भी दे सकती है और ये चेहरा खुद भगवान सिंह रोलसाबसर होंगे या उनकी सहमति से समाज के किसी दूसरे प्रमुख चेहरे को राज्यसभा में जगह दी जा सकती है. हालांकि कार्यक्रम के होस्ट और आरटीडीसी के चेयरमैन धर्मेंद्र राठौड़ इस मुद्दे पर ज्यादा कुछ नहीं कहते, लेकिन उन्होंने इतना जरूर कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ भगवान सिंह रोलसाबसर की पुरानी मुलाकात है. धर्मेंद्र राठौड़ ने बताया कि जोधपुर में बरसों पहले आई बाढ़ के दौरान अशोक गहलोत की तरफ से किए काम को देखकर रोलसाबसर तब भी प्रभावित हुए थे.

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धर्मेंद्र राठौड़ ने कहा कि पिछले दिनों 22 दिसंबर को क्षत्रिय युवक संघ के की रैली में मंच से कहा गया था कि दलित दूल्हों को घोड़ी से उतारा जाना गलत है. इस मंच से ऐसी घटनाओं की निंदा के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रताप फाउंडेशन के महावीर सिंह सरवड़ी से फोन पर बात करके उन्हें इस स्टैंड के लिए बधाई भी दी थी. शनिवार को भी धर्मेंद्र राठौड़ के घर मुख्यमंत्री और दिग्विजय सिंह पहुंचे तो महावीर सिंह सरवड़ी को भी अलग से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मिलवाया गया.

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बहरहाल कांग्रेस इस बात को लेकर अभी ज्यादा कुछ बोलने के मूड में नहीं दिख रही कि राज्यसभा से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जाने वाला चेहरा कौन सा होगा? लेकिन अनौपचारिक बातचीत में इतना जरूर कहा जा रहा है कि कांग्रेस और उसके नेता कोई छोटा काम नहीं करते. कार्यक्रम में पहुंचे कई लोगों ने धर्मेंद्र राठौड़ को भगवान सिंह रोलसाबसर और मुख्यमंत्री के एक साथ मंच साझा करने को लेकर बधाई भी दी. लोगों ने धर्मेंद्र राठौड़ से कहा कि आज तो उन्होंने बड़ा शॉट लगा दिया. धर्मेंद्र राठौड़ ने भी इसके जवाब में अपने परिचितों से कहा कि, वे छोटा शॉट कभी लगाते भी नहीं. इससे पहले दिग्विजय सिंह को समाज के लोगों और कांग्रेस नेताओं से मिलवाने के दौरान भी धर्मेंद्र राठौड़ ने अपने नजदीकी लोगों को भगवान सिंह रोलसाबसर को लाने के लिए दौड़ाया था. सुबह का नाश्ता, शाम को हुआ पूरा. 

क्या सिर्फ नाश्ते और अभिनंदन के लिए दिल्ली जाकर वापस आए दिग्गी राजा?
दरअसल कांग्रेस नेता धर्मेंद्र राठौड़ के घर आयोजित इस अल्पाहार कार्यक्रम को शनिवार सुबह आयोजित होना था. शनिवार सुबह 10 बजे दिग्विजय सिंह के सम्मान में नाश्ते का कार्यक्रम रखा गया था. लेकिन दिग्विजय सिंह को दिल्ली में किसी जरूरी मीटिंग के चलते अचानक जाना पड़ा और शनिवार सुबह ही उन्होंने जयपुर स्थित खासा कोठी होटल से चेक आउट किया था. इसके बाद इस कार्यक्रम को निरस्त माना जा रहा था, लेकिन थोड़ी देर में ही सुबह 10 बजे का कार्यक्रम शाम 5 बजे तय हो गया. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का भी इस कार्यक्रम में पहुंचना तय हुआ. हालांकि कांग्रेस पार्टी के ही कुछ लोग ये मान रहे थे कि दिग्विजय सिंह क्या अल्पाहार कार्यक्रम के लिए दिल्ली से लौटेंगे? लेकिन शाम तकरीबन 5:30 बजे धर्मेंद्र राठौड़ के घर पहुंचकर दिग्विजय सिंह ने सारी आशंकाओं को खारिज कर दिया.

अब सवाल ये उठता है कि क्या वाकई दिग्विजय सिंह दिल्ली से अल्पाहार और अभिनंदन कार्यक्रम के लिए आए थे, या फिर उनकी इस यात्रा का कोई राजनीतिक एजेंडा भी था? क्योंकि कहा तो यही जाता है कि राजनीति में बिना कारण कुछ नहीं होता. बहरहाल कांग्रेस अभी अपने पत्ते पूरी तरह से नहीं खोल रही है. लेकिन राजनीतिक गलियारों में इस बात को लेकर चर्चा शुरू हो गई है कि कांग्रेस राजपूत समाज को अपने साथ जोड़ने के लिए कोई बड़ा दांव खेल सकती है.

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