जैसलमेर जिले में राज्य पक्षी गोडावण को लेकर खुशखबरी आई है, क्योंकि अब उनका कुनबा बढ़ रहा है. इस बार मानसून की अच्छी बारिश के चलते जैसलमेर के डेजर्ट नेशनल पार्क में 15 मादा गोडावण ने अंडे दिए हैं. वहीं इनमें 4 मादा गोडावण ने एक साथ दो अंडे भी दिए है. गोडावण प्रेमियों में खुशी की लहर छा गई है.
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Jaisalmer: जैसलमेर जिले में राज्य पक्षी गोडावण को लेकर खुशखबरी आई है, क्योंकि अब उनका कुनबा बढ़ रहा है. इस बार मानसून की अच्छी बारिश के चलते जैसलमेर के डेजर्ट नेशनल पार्क में 15 मादा गोडावण ने अंडे दिए हैं. वहीं इनमें 4 मादा गोडावण ने एक साथ दो अंडे भी दिए है. गोडावण प्रेमियों में खुशी की लहर छा गई है.
गौरतलब है कि इससे पहले कभी भी डीएनपी क्षेत्र में एक साथ इतनी मादा गोडावण ने प्रजनन नहीं किया. वर्ष 2016 में क्लोजर की सुरक्षा बढ़ाने के चलते करीब 13 मादा गोडावण ने एक-एक अंडा दिया था. उसके बाद साल में कभी 10 तो कभी 12 मादा गोडावण ने प्रजनन किया. इस बार 15 से ज्यादा मादा गोडावण अंडे दे चुकी है और इससे भी ज्यादा अभी और अंडे देखने को मिलेंगे.
जानकारों के अनुसार अनुकूल परिस्थितियां नहीं होने पर मादा गोडावण प्रजनन भी नहीं करती है. जब उन्हें बेहतर परिस्थिति मिलती है तभी वे प्रजनन करती है. डीएनपी के अधिकारियों के अनुसार जैसलमेर में ऐसा एक दो बार ही देखने को मिला है कि जब मादा गोडावण ने दो अंडे साथ दिए हो. अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस बार उनके लिए अब तक की सबसे अनुकूल परिस्थितियां रही, जब उन्होंने दो-दो अंडे एक साथ दिए.
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जानकारी के अनुसार चार दशक से गोडावण संरक्षण के प्रयास किए जा 7 रहे हैं लेकिन कभी भी पॉजिटिव असर देखने को नहीं मिला. अब तक करोड़ों रुपए खर्च करने के साथ-साथ विदेशी विशेषज्ञों ने भी प्रयास किए लेकिन दो साल पहले जैसलमेर के सम क्षेत्र में शुरू किए गए ब्रीडिंग सेंटर से उम्मीद जगी कि गोडावण का बेहतर संरक्षण हो पाएगा और आने वाले एक दो दशक में गोडावण की फौज तैयार हो जाएगी. शुरूआती रिजल्ट अच्छे रहे, ब्रीडिंग सेंटर में हेचिंग से लेकर गोडावण के बड़े होने तक उनका पालन पोषण किया जा रहा है. वर्तमान में वहां 16 गोडावण पल रहे हैं. इस बार भी 9 अंडे ब्रीडिंग सेंटर के लिए उठाए गए हैं और उनकी सुरक्षित हेचिंग की जाकर उसमें से चूजे भी बाहर निकल चुके हैं.
तीन माह ब्रीडिंग टाइम शेष
गोडावण का ब्रीडिंग टाइम मार्च से अक्टूबर तक रहता है. आमतौर पर अगस्त के बाद ही प्रजनन होता है लेकिन इस बार तो अगस्त तक 15 से ज्यादा मादा गोडावण अंडे दे चुकी है. उम्मीद लगाई जा रही है कि अभी और भी अंडे डीएनपी के क्लोजर में देखने को मिलेंगे, क्योंकि ब्रीडिंग टाइम अक्टूबर तक होता है.
बढ़ रहा है गोडावण का कुनबा
पिछले चार साल से राज्य पक्षी गोडावण की गणना नहीं हुई है. बताया जा रहा है कि इस दौरान डीएनपी के क्लोजर इलाकों में गोडावण की संख्या बढ़ी है. वहीं ब्रीडिंग सेंटर में अब तक 30 अंडे पहुंच चुके हैं. जिसमें से कुछ गोडावण तो वयस्क भी हो गए हैं. इस बार 9 अंडे ब्रीडिंग सेंटर के लिए उठाए गए हैं, कुल मिलाकर डीएनपी क्षेत्र सहित ब्रीडिंग सेंटर में गोडावण का कुनबा लगातार बढ़ रहा है.
आशीष व्यास डीएनपी के डीइफओ का कहना है कि इस बार अधिकांश मादा गोडावण प्रजनन कर रही है. हमारी निगरानी उन्हीं पर है जिन पर टैग लगे हुए हैं. उनमें से 4 मादा गोडावण तो ऐसी है, जिन्होंने दो-दो अंडे एक साथ दिए. वहीं कुल मिलाकर ब्रीडिंग करने वाली मादा गोडावण की संख्या 15 के करीब होगी. इसकी वजह इस बार बेहतर बारिश होना, उसकी वजह से कीट पतंगे ज्यादा होना और डीएनपी की ओर से क्लोजर में प्रजनन काल को देखते हुए बेहतर बंदोबस्त करना है.
Reporter: Shankar Dan
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